मानसून में गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें खास ध्यान
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मानसून का मौसम गर्भवती महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है, क्योंकि इस मौसम में हार्मोनल परिवर्तनों के कारण कई बीमारियां हो सकती हैं।
मानसून में गर्भवती महिलाओं को संक्रमण, फ्लू और सर्दी होने का अधिक खतरा होता है, जिसका असर उनके बच्चे पर भी पड़ सकता है।
बारिश के मौसम में गर्भवती महिलाओं के लिए अपनी सुरक्षा और अपने बच्चे के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है।
आइए जानते हैं मानसून में गर्भवति महिलाओं को क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए
मानसून के मौसम में गर्भावस्था के दौरान खूब सारा पानी पीना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञ हाइड्रेटेड रहने के लिए दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं।
मानसून के मौसम में मच्छर एक आम समस्या है। मच्छरों के काटने से बचने के लिए, गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर ही रहना चाहिए। यह भी देखना चाहिए कि उनके घर में जमा पानी न हो।
मानसून के मौसम में गर्भावती महिलाएं सिर्फ ताजा और स्वस्थ भोजन ही करें। बासी या बचा खाना खाने से बचें, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया हो सकते हैं जो फ़ूड पॉइजनिंग या पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
इन सावधानियों के अलावा, गर्भवती महिलाओं को मानसून के मौसम में यात्रा करने से भी बचना चाहिए, खासकर बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में।
मानसून में गर्भवती महिलाएं अपने हाथों को बार-बार धोएं, खासकर बाथरूम का उपयोग करने के बाद या खाने से पहले।