Kuldeep Yadav in World Cup: ऑलराउंडर गेंदबाज कुलदीप यादव बचपन में करते थे शैतानी, वर्ल्डकप से पहले दादी ने खोले कई बड़े राज

Kuldeep Yadav in World Cup: कुलदीप यादव की दादी ने बताया कि बचपन में वह खेलकूद में बहुत आगे रहते थे। कुलदीप यादव बचपन में बहुत ज्यादा शैतानी भी करते थे। इसलिए उन्हें अक्सर उनकी मां बांध दिया करती थी,

Shaban Malik
Published on: 19 Nov 2023 7:39 AM GMT
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Kuldeep Yadav in World Cup

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Unnao News: दिल थाम कर बैठ जाइए इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली हैं और आज यानी रविवार दोपहर के दो बजते ही क्रिकेट के महाकुंभ के फाइनल का रोमांच शुरू हो जाएगा। जीत के अजेय रथ पर सवार टीम इंडिया गुजरात के अहमदाबाद नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होने वाले फाइनल में तीसरी बार विश्व चैंपियन बनने को बेकरार है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया भी छटा विश्वकप खिताब जीतने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। ऐसे में मुकाबला कांटो भरा होने की उम्मीद है।

ऑलराउंडर गेंदबाजी के बेताज बादशाह कुलदीप यादव

इंडिया टीम में ऑलराउंडर गेंदबाज कुलदीप यादव का भी अच्छा प्रदर्शन रहा है। कुलदीप यादव एक भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। वह एक ऑलराउंडर गेंदबाजी के बेताज बादशाह हैं, जो बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी करते हैं। एक सक्षम निचले क्रम के बल्लेबाज हैं, जो घरेलू क्रिकेट में भारत और उत्तर प्रदेश के लिए खेलते थे। उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग के लिए दिल्ली कैपिटल्स ने साइन किया था। उन्होंने भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के लिए भी खेला है। वंही 2014 अंडर-19 क्रिकेट विश्वकप में भी खेला था।

कुलदीप यादव का उन्नाव में हुआ था जन्म

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से महज 65 किलोमीटर दूरी पर स्थित उन्नाव जनपद के शिवसिंह खेड़ा गांव में कुलदीप यादव का जन्म हुआ था। करीब 9 साल तक कुलदीप यादव इसी गांव में पले-बड़े और खेले कूदे। इसी गांव के किनारे एक बाग और मैदान है, जहां कुलदीप यादव अपने साथियों के साथ मैच खेला करते थे। कुलदीप यादव बचपन में बहुत शरारती थे जब यह ज्यादा शरारत करते थे तो उनकी दादी उनको बांध दिया करती थीं।

गांव के लड़के की गेंदबाजी देखने को बेकरार

भारत का फाइनल मुकाबला आस्ट्रेलिया के साथ है। कुलदीप यादव के गांव में खुशी का माहौल है। सभी फाइनल मुकाबदला देखने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। गांव के लोगों ने मैच देखने के लिए पहले से इंतजाम कर लिया है। आज गांव के ज्यादातर लोगों ने काम पर न जाने का निर्णय लिया है। कुलदीप यादव के चाचा ने बताया है कि निश्चित ही इंडिया जीतेगी। कुलदीप यादव 9 साल तक इस गांव में रहे हैं उसके बाद कानपुर वह शिफ्ट हो गए क्योंकि यहां पर इतनी अच्छी व्यवस्थाएं नहीं थी।

कुलदीप का नही' इंडिया का नाम हो : दादी

कुलदीप यादव की दादी ने बताया कि बचपन में वह खेलकूद में बहुत आगे रहते थे। कुलदीप यादव बचपन में बहुत ज्यादा शैतानी भी करते थे। इसलिए उन्हें अक्सर उनकी मां बांध दिया करती थी, जब खेत से आती थी तब उसको खुलवाती और मां को बहुत डांटती थी। इसी शैतानी में जब वह एक दिन पेड़ पर चढ़े तो उनका हाथ टूट गया था। काफी दिन तक उनको दिक्कतें उठानी पड़ी। हाथ टूटने के बाद उनका जो जज्बा था फिर भी वह कम नहीं हुआ और वह उल्टे हाथ से मैच खेलने लगे। आज वह इतना बढ़िया मैच खेलता है कि देख कर खुश हो जाती हूं।

बता दें कि इस बार 20 साल बाद ऑस्ट्रेलिया व भारत विश्वकप फाइनल में आमने-सामने होंगे। 2011 के बाद भारतीय टीम एक बार फिर प्रबल दावेदार बनकर फाइनल खेलने उतरेगी तो उसके पीछे स्टेडियम में नीली भारतीय जर्सी पहनकर दर्शकों का अपार समर्थन ही नहीं मिलेगा, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की दुआएं व आशीर्वाद भी साथ होगा। यह पहली बार है जब भारतीय टीम अपराजेय रहकर फाइनल खेलने उतर रही है। भारत 10 में से 10 मैच जीत चुका है। आज 11वां मुकाबला जीता, तो भारत बिना कोई मैच हारे विश्व चैंपियन बनने वाला ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरा देश होगा।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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