×

Baglamukhi Jayanti 2024 kab hai Date कौन हैं मां बगलामुखी, जानिए इनका रहस्य, कैसे मनाई जाती है बगलामुखी जयंती

Baglamukhi Jayanti 2024:मां बगलामुखी को 10 महाविद्याओं में एक माना जाता है। इस साल 15 मई को बगलामुखी जयंती पड़ रही है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 17 April 2024 7:23 AM GMT
Baglamukhi Jayanti 2024 kab hai Date कौन हैं मां बगलामुखी, जानिए इनका रहस्य, कैसे मनाई जाती है बगलामुखी जयंती
X

Baglamukhi Jayanti 2024 बगलामुखी जयंती 2024 : देवी बगलामुखी को महत्वपूर्ण दश (दस) महाविद्या (बुद्धि की देवी) के रूप में माना जाता है। बगलामुखी नाम का अर्थ है, जिसकी जीभ पर दृढ़ पकड़ हो और वह किसी भी व्यक्ति के दिमाग को नियंत्रित कर सके। देवी देश के कई हिस्सों में पीताम्बरा देवी के रूप में भी लोकप्रिय हैं।

बगलामुखी जयंती कब है 2024?

हिंदू कैलेंडर 2024 के अनुसार, बगलामुखी जयंती का अवसर वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष के 8 वें दिन (अष्टमी तिथि) को मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर 2024 के अनुसार, यह दिन मई या अप्रैल के महीने में मनाया जाता है।इस साल 15 May को है।

बगलामुखी जयंती पूजा मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त - Nil

अमृत काल - 01:39 PM – 03:24 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:13 AM – 05:01 AM

सर्वार्थसिद्धि योग - May 14 01:05 PM - May 15 05:49 AM

मां बगलामुखी कौन है

बगला एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ दुल्हन है, अर्थात दुल्हन की तरह आलौकिक सौन्दर्य और अपार शक्ति की स्वामिनी होने के कारण देवी का नाम बगलामुखी पड़ा। देवी को बगलामुखी, पीताम्बरा, बगला, वल्गामुखी, वगलामुखी, ब्रह्मास्त्र विद्या आदि नामों से भी जाना जाता है। माँ बागलमुखी मंत्र कुंडलिनी के स्वाधिष्ठान चक्र को जागृति में सहायता करतीं हैं।

देवी बगलामुखी का सिंहासन रत्नों से जड़ा हुआ है और उसी पर सवार होकर देवी शत्रुओं का नाश करती हैं। देवी बगलामुखी दसमहाविद्या में आठवीं महाविद्या हैं यह स्तम्भन की देवी हैं। संपूर्ण ब्रह्माण्ड की शक्ति का समावेश हैं माता शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद में विजय के लिए इनकी उपासना की जाती है। इनकी उपासना से शत्रुओं का नाश होता है तथा भक्त का जीवन हर प्रकार की बाधा से मुक्त हो जाता है। कहा जाता है कि देवी के सच्चे भक्त को तीनों लोक मे अजेय है, वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाता है।

मान्यता है कि एक बार भारी बाढ़ आई थी जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी का पूर्ण विनाश हुआ था। सभी जीवित प्राणी और पूरी सृष्टि दांव पर थी। देवताओं ने तब भगवान शिव से सहायता मांगी। देवता ने सुझाव दिया कि केवल देवी शक्ति में ही तूफान को शांत करने की शक्ति है। पृथ्वी को पीड़ा से बचाने के लिए देवी बगलामुखी हरिद्रा सरोवर से निकलीं और उन सभी को बचाया। उस दिन के बाद से, देवी बगलामुखी को विपत्तियों और बुराइयों से राहत पाने के लिए पूजा जाता है।

बगलामुखी जयंती का क्या महत्व है?

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि जो भक्त देवी बगलामुखी की पूजा करते हैं, वे अपने शत्रुओं पर सम्पूर्ण नियंत्रण पा कर उनसेस छुटकारा पा लेते हैं।देवी व्यक्ति को उसकी भावनाओं और व्यवहार पर नियंत्रण की भावना भी प्रदान करती है अर्थात् क्रोध, मन के आवेग, जीभ और खाने की आदतों पर। आत्म-साक्षात्कार और योग की प्रक्रिया में, इस तरह के नियंत्रण की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

यह भी माना जाता है कि देवी की पूजा करने से, खुद को काले जादू और अन्य गैर-घटनाओं से बचा सकते हैं।व्यक्ति दूसरों को सम्मोहित करने के लिए शक्तियों को प्राप्त करने के लिए भी देवता की पूजा करते हैं।किसी कानूनी समस्या से मुक्त होने के लिए भी देवता की पूजा की जाती है।जो भक्तिपूर्वक देवी की आराधना करता है, वह प्रभुत्व, वर्चस्व और शक्ति से परिपूर्ण हो जाता है।

बगलामुखी की पूजा विधि

इस दिन सबसे पहले सुबह पवित्र स्नान करते हैं और फिर पीले रंग के कपड़े पहनते हैं।बगलामुखी जयंती के दिन बगलामुखी माता की पूजा करने के लिए, भक्त वेदी पर मूर्ति या देवता की मूरत रखते हैं।इसके बाद, वे अनुष्ठानों के साथ शुरुआत करने के लिए अगरबत्तियां और एक दीया जलाते हैं। फूल, नारियल और माला के साथ देवता को तैयार किया हुआ पवित्र भोजन (प्रसाद) अर्पित करते हैं ।देवी बगलामुखी की आरती की जाती है और देवता को जगाने के लिए पवित्र मंत्रों का जाप किया जाता है।

मां बगलामुखी की पूजा के लिए इस दिन प्रात: काल उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर, पीले वस्त्र धारण कर लें। ध्यान रहे साधना अकेले में, मंदिर या किसी सिद्ध पुरुष के साथ ही बैठकर करें। देवी की पूजा करने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। उसी दिशा में चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर माता बगलामुखी की फोटो या मूर्ति स्थापित करें। देवी के पास स्वच्छ जल से भरा एक कलश स्थापित करें। अब दीप प्रज्जवलित करें और हाथ में पीले चावल, पीले फूल, हरिद्रा और दक्षिणा लेकर संकल्प करें। संकल्प के बाद आचमन करके हाथ धोएं और आसन पवित्रीकरण करें। अब, देवी मां को सिंदूर, रोली, पान, धूप, चावल, बेलपत्र, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करें। इसके बाद माता की आरती उतारें और अंत में लोगों के बीच प्रसाद वितरण करें।पीले फूल और नारियल चढाने से देवी प्रसन्न होती हैं। देवी को पीली हल्दी के ढेर पर दीप-दान करें, देवी की मूर्ति पर पीला वस्त्र चढाने से बड़ी से बड़ी बाधा भी नष्ट होती हैं।

बगलामुखी जयंती कैसे मनाई जाती है?

बगलामुखी जयंती के शुभ दिन, बगलामुखी की पूजा और अर्चना करते हैं।छोटी लड़कियों की भी पूजा की जाती है और पवित्र भोजन उन्हें चढ़ाया जाता है क्योंकि उन्हें देवी का अवतार माना जाता है।मंदिरों में और पूजा स्थल पर, कीर्तन और जागरण आयोजित किए जाते हैं।भक्तगण अति उत्साह और समर्पण के साथ बगलामुखी पूजा करते हैं।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story