×

Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है,जानिए इसकी महिमा

Hanuman Jayanti 2024 : हनुमान जी थोड़ी सी भक्ति पर प्रसन्न होने वाले भक्तशिरोमणी है। जो अपने भक्तों पर सदैव कृपा बरसाते है। चाहे कोई भी दोष हो हनुमान जी की पूजा से जल्दी निदान मिल जाता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 23 Dec 2023 1:30 AM GMT (Updated on: 23 April 2024 3:50 AM GMT)
Hanuman Jayanti 2024:  हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है,जानिए  इसकी महिमा
X

Hanuman Jayanti 2024 Kab Hai हनुमान जयंती 2024: हनुमान जयंती पर हम सभी हनुमान जी के जन्मदिन को मनाते हैं। यह त्योहार चैत्र मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हम उनकी पूजा करते हैं और उनके गुणगान करते हैं। हनुमान जी भगवान राम के भक्त हैं और उनके सेवक हैं। उनकी कहानियाँ हमें धैर्य और समर्पण की शिक्षा देती हैं। हनुमान जयंती के इस मौके पर हम सभी को हनुमान जी के आदर्शों का पालन करने का संकल्प लेना चाहिए

बता दें कि साल में हनुमान जयंती दो बार मनाई जाती है। एक चैत्र पूर्णिमा को और दूसरी कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को। कहा जाता है इस दिन महादेव शिव ने माता अंजना के गर्भ से रुद्रावतार हनुमानजी के रूप में जन्म लिया था। इसलिए इस दिन हनुमान जी की पूजा से अजरता और अमरता का आशीर्वाद मिलता है।हनुमान जयंती का पर्व यूं तो चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं ये पर्व साल में दो बार क्यों मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस पर्व को साल में दो बार मनाने के पीछे क्या कारण है।

हनुमान जयंती साल में 2 बार क्यों मनाते हैं ?

हनुमान जयंती दो बार मनाया जाता है और दो बार इस पर्व को मनाने के पीछे दो अलग अलग मान्यताएं हैं। एक तिथि की हनुमान जयंती भगवान हनुमान जी के जन्मदिवस के तौर पर मनाया जाता है जबकि दूसरी तिथि की हनुमान जयंती विजय अभिनंदन समारोह के तौर पर मनाई जाती है।

इस त्योहार को हनुमान बहुत ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। इस दिन हनुमान जी की विधिपूर्वक पूजा करने से साधक के सारे बिगडे़ काम बनते हैं और राम की कृपा उनपर बरसती है। इसके साथ ही हनुमान जी की पूजा से मंगल की स्थिति भी मजबूत होती है।

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार बालवस्था में हनुमान जी ने भख लगने के कारण सूरज को फल समझ कर निगल लिया था। जिससे पृथ्वी पर अंधेरा छा गया। जब इंद्र को इस बात का पता चला तो उन्होंने हनुमान जी को रोकने के लिए अपने वज्र से उन पर प्रहार किया, जिससे हनुमान जी मूर्छित हो गए। जब पवनदेव को इस बात का पता चला तो वे बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने संपूर्ण ब्रह्मांड की जीवन शक्ति को रोक दिया। इससे पृथ्वी पर जीवन रूप गया। तब ब्रह्माजी ने पवनदेव को शांत किया और हनुमान जी को जीवनदान दिया। मान्यता है कि चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी को नया जीवन प्राप्त हुआ था। इसी कारण से हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। एक दिन जन्मदिवस के रूप में और एक जीवनदान मिलने के रूप में मनाया जाता है। इस कारण साल में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है।

हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 23 अप्रैल को हनुमान जयंती 03:26 AM से शुरू होगी और 24 अप्रैल को 05:18 AM होगी। इस बार हनुमान जयंती की खास बात यह है, कि इस दिन रवि और हर्षना योग के साथ ही हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा करने से कई गुना फल मिलता है। साथ ही इस योग में अगर आप कोई नया कार्य शुरू करते हैं तो उस कार्य में सफलता मिलेगी।

हनुमान जयंती तिथि प्रारम्भ : पूर्णिमा तिथि 05:18 AM तक उपरांत प्रतिपदा

अभिजीत मुहूर्त - 11:59 AM से 12:50 PM

अमृत काल - 03:26 PM से 05:13 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:26 AM से 05:14 AM

विजय मुहूर्त- 02:06 PM से 02:57 PM

गोधूलि बेला- 06:08 PM से 06:32 PM

रवि योग- 05:35 AM से 08:40 AM

हनुमान जयंती के दिन चैत्र पूर्णिमा होने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। इस साल हनुमान जयंती रवि योग बन रहा है। शास्त्रों में रवि योग को शुभ योगों में गिना जाता है। इस योग के दौरान मांगलिक कार्यों को किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु,शिव व हनुमान जी की पूजा व व्रत रखने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इससे जीवन की समस्याएं दूर होकर घर में सुख-समृद्धि व शांति का वास होता है।

हनुमान जयंती पूजा विधि-महत्व

इस दिन सुबह नहाकर साफ कपड़े पहने। कोशिश करें की कपड़ों का रंग पीला या लाल हो। वैसे तो पूर्णिमा पर नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। इस दिन हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए घी का चौमुखी दीपक जलाएं। इसके बाद हनुमानजी के समक्ष 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। पूजन में गेंदा, कनेर या गुलाब के फूल का इस्तेमाल करें। साथ ही हनुमानजी को मालपुआ, लड्डू, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं। हनुमानजी को सिंदूर और चोला चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से जीवन की तमाम समस्यओं से मुक्ति मिलती है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर शनि के प्रकोप से भी मुक्ति मिलती है। भगवान विष्णु व हनुमान जी की पूजा करके उन्हें फूल, धूप-दीप चढ़ाकर भोग लगाएं। हनुमान जी को लाल सिंदूर, चोला व चमेली का तेल चढ़ाएं। हनुमान चालीसा, रामायण, रामचरित मानस, सुंदरकांड, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक आदि का पाठ करें। फिर सभी देवी- देवताओं की आरती करके प्रसाद बांटें।

इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु व हनुमान जी की असीम कृपा मिलती है। जीवन के सभी संकट और बाधाओं से मुक्ति मिलने के साथ मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। कुंडली में शनि ग्रह का अशुभ प्रभाव व इससे जुड़ी समस्याएं दूर होने में मदद मिलती है। साथ ही नेगेटिव एनर्जी से संबंधित परेशानियों से छुटकारा मिलता है।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story