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26 MAY: मोदी की ताजपोशी के 7 साल तो किसान आंदोलन के 6 महीने, आखिर क्या होगा इस दिन

26 May को प्रधानमंत्री मोदी को देश की कमान संभाले सात साल पूरे हो रहे हैं तो वहीं नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के भी छह महीने पूरे हो रहे हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shivani
Published on: 23 May 2021 7:52 AM GMT
Narendra Modi Oath Day
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शपथ लेते पीएम मोदी और किसानों का आंदोलन (Design Photo)

26 May: 26 मई यानी बुधवार का दिन दो नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसी दिन प्रधानमंत्री मोदी को देश की कमान संभाले सात साल पूरे हो रहे हैं तो दूसरी ओर उनकी सरकार की ओर से पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के भी छह महीने इसी दिन पूरे हो रहे हैं।

हालांकि कोरोना महामारी के कारण भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इस दिन जश्न का कोई कार्यक्रम आयोजित न करने का निर्देश दिया है मगर दूसरी ओर किसान आंदोलन के नेताओं ने विरोध जताने के लिए कमर कस ली है। किसान नेताओं की ओर से 26 मई को देश के विभिन्न गांवों और शहरों में घरों, दुकानों और इंडस्ट्री पर काले झंडे लगाकर विरोध दर्ज कराने की रणनीति तैयार की गई है।

बेसहारा बच्चों के लिए कार्यक्रम करेगी भाजपा

आमतौर पर भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताजपोशी के दिन को जश्न के रूप में मनाती रही है। इस दिन देश के विभिन्न राज्यों और शहरों में जोरदार कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते रहे हैं मगर इस बार इस दिन जश्न का कोई कार्यक्रम नहीं होगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी में किसी भी प्रकार का उत्सव का कार्यक्रम न करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में बेसहारा हुए बच्चों के लिए कार्यक्रम किए जाएं और जरूरतमंदों की मदद की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्रियों को महामारी में अनाथ हुए बच्चों के लिए योजना बनाने का भी निर्देश दिया है ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। मुख्यमंत्रियों को इस दिन एक साथ योजना की लॉन्चिंग करने का निर्देश दिया गया है।

निष्ठा से जारी रखेंगे लोगों की सेवा

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल का 7 साल पूरा होने पर पार्टी की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरह के सेवाकार्यों का आयोजन किया जाएगा। हम लोगों को यह बताने की कोशिश करेंगे की जनता ने विगत 7 वर्षों से सेवा का जो मौका दिया है वह पूरी निष्ठा और सेवा भाव से आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को इस अवसर पर जनता जनार्दन की सेवा करने का भी निर्देश दिया है। जानकारों का कहना है कि भाजपा शासित राज्यों में इस दिन विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करने की तैयारियां हैं।

काले झंडे लगाकर विरोध जताएंगे किसान

दूसरी ओर किसान नेताओं ने आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर व्यापक विरोध की रणनीति तैयार की है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली के बॉर्डर पर पूरी तरह मुस्तैद हैं और आने वाले समय में हम फिर से किसानों का जमावड़ा बढ़ाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर 26 मई को किसानों और मजदूरों की ओर से काले झंडे लगाकर विरोध दर्ज कराया जाएगा। राजेवाल ने कहा कि काफी दिनों से केंद्र सरकार की ओर से किसानों से कोई बातचीत नहीं की जा रही है। इसीलिए हमने मोदी सरकार को चिट्ठी लिखकर बातचीत का दौर फिर से शुरू करने का आग्रह किया है।

कोरोना केस घटने पर राष्ट्रीय कन्वेंशन
उन्होंने कहा कि देश के किसान जत्थेबंदियों को साथ लेकर एक राष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन आयोजित करने की तैयारी भी की जा रही है। हम कोरोना संक्रमण कम होने का इंतजार कर रहे हैं और कोरोना केस घटते ही यह आयोजन किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न कमेटियों का गठन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि टीकरी, गाजीपुर और कुंडली बॉर्डर पर किसानों के वैक्सीनेशन की अनदेखी की गई है। हमने इस बाबत केंद्र सरकार से अनुरोध भी किया था मगर अभी तक कोई भी टीम किसानों को वैक्सीन लगाने के लिए नहीं पहुंची है। यहां के किसान काढ़ा और दवाओं के बल पर ही आंदोलन को मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं।

यूपी-उत्तराखंड में छेड़ेंगे अभियान

किसान नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों ने पश्चिम बंगाल जाकर भाजपा को हराने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब हम यूपी और उत्तराखंड में भी उसी तरह का अभियान छेड़ेंगे। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार को एक बार फिर स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमें तीनों कृषि कानून मंजूर नहीं है और सरकार को इसे वापस लेने की दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए।
Shivani

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