×

भारत में मौतों की संख्या सरकारी आंकड़ों से 5 गुना अधिक, इस रिपोर्ट में दावा

भारत में बताई जा रही संख्या से 5 गुना तक अधिक मौतें हुई हैं। अधिकारियों और जनता द्वार बरती गई लापरवाही का ये नतीजा है।

Network
Newstrack Network NetworkPublished By Shreya
Published on: 26 April 2021 7:16 AM GMT (Updated on: 26 April 2021 10:36 AM GMT)
भारत में मौतों की संख्या सरकारी आंकड़ों से 5 गुना अधिक, इस रिपोर्ट में दावा
X

श्मशान में जलती चिताएं (फोटो- न्यूजट्रैक)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर भारत में विकराल रूप लेती जा रही है। संक्रमितों की संख्या में बेहिसाब इजाफा होने से कई राज्यों में स्थिति गंभीर हो चुकी है। अस्पतालों में बेड्स (Beds) से लेकर लोगों को ऑक्सीजन (Oxygen) के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई ऐसे भी मामले सामने आ चुके हैं, जहां पर मरीजों की बेड और ऑक्सीजन की कमा से मौत हो गई।

दूसरी लहर की दस्तक के बाद न केवल संक्रमितों बल्कि मृतकों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। हालांकि मृतकों की वास्तविक संख्या सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा है। दुनिया के लगभग आधे नए मामले भारत में सामने आ रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि यह संख्या विचलित करती है, लेकिन फिर भी वायरस के सही आंकड़े नहीं दिखाए जा रहे हैं। यही नहीं कहा ये भी गया है कि राज्यों पर कोरोना की वास्तविक स्थिति छिपाने के लिए केंद्र सरकार का दबाव है।

जलती चिताएं (प्रतीकात्मक फोटो- न्यूजट्रैक)

मौतों की सही संख्या सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कई राज्यों के श्मशान घाट चीख-चीखकर सच्चाई बता रहे हैं और सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं। लोगों को अंतिम संस्कार के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। यहां पर परिजनों का अंतिम संस्कार कराने के लिए आ रहे लोगों का कहना है कि स्थिति बेहद खराब है। साथ ही श्मशान घाटों में लोगों ने बताया कि मौतों की सही संख्या सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा है।

इस मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि नेता और प्रशासन बड़ी संख्या में मौतों की संख्या छिपा रहे हैं या अनदेखी करते हैं। दूसरी ओर परिजन भी शर्म की वजह कोरोना से मौतों की जानकारी छिपाते हैं। गुजरात, UP और छत्तीसगढ़ में श्मशान घाट 24 घंटे चिताओं की आग से रौशन हैं।

श्मशान घाट पर जलती चिताओं की लपटें (सांकेतिक फोटो- न्यूजट्रैक)

अहमदाबाद समेत UP गुजरात में ऐसे हैं हालात

अहमदाबाद में एक बड़े विश्राम घाट में काम करने वाले सुरेशभाई के हवाले से इस मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि वे मृतकों के परिजनों को जो पेपर स्लिप देते हैं, उसमें मृत्यु का कारण नहीं लिखते हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों की ओर से ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं। यहीं हाल है गुजरात और यूपी का। यहां अप्रैल मध्य में अधिकारियों ने हर दिन क्रमश: 121 और 73 मौतें बताई हैं। जबकि गुजरात के श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों रोज औसतन 610 कोरोना मरीजों के शव पहुंचे।

छत्तीसगढ़ में भी छिपाई जा रही सच्चाई

इस मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ आकंड़े छिपाने के मामले में पीछे नहीं है। अधिकारियों ने दुर्ग जिले में 15 से 21 अप्रैल के बीच कोरोना से मरने वालों की संख्या 150 से अधिक दी थी। राज्य सरकार ने दुर्ग में मौतों की संख्या आधी से कम बताई। विशेषज्ञों का कहना है कि मृतकों का आंकड़ा छिपाने के पीछे राजनीतिक एजेंडा भी हो सकता है।

अंतिम संस्कार करते लोग (फोटो- न्यूजट्रैक)

भोपाल में सामने आई मौत के आंकड़ों में गड़बड़ी

मीडिया रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मौत के आंकड़ों में गड़बड़ी की बात कही जा रही है। यहां के श्मशान घाट पहली बार इतने व्यस्त हैं। अधिकारियों ने यहां अप्रैल मध्य के 13 दिनों में कोरोना से 41 मौतें होने की जानकारी दी। जबकि दुनिया के प्रतिष्ठित अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने विश्रामघाटों और कब्रिस्तानों में किए गए सर्वे में बताया है कि इस दौरान एक हजार से ज्यादा अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत हुए हैं।

लापरवाही से हुए ऐसे हालात

वहीं, दूसरी ओर भारत की स्थिति पर नजर रखने वाली मिशिगन यूनिवर्सिटी की महामारी विशेषज्ञ भ्रमर मुखर्जी ने के हवाले से इस मीडिया रिपोर्ट में बताया है कि यह पूरी तरह से आंकड़ों का संहार है। उन्होंने कहाकि हमने जितने मॉडल तैयार किए हैं, उसके आधार पर भारत में बताई जा रही संख्या से दो से पांच गुना तक अधिक मौतें हुई हैं। भारत में कुछ महीने पहले स्थिति अच्छी होने लगी थी, लेकिन कोरोना खत्म होने का सोचकर अधिकारियों और जनता ने सावधानी बरतना छोड़ दिया। जिसका परिणाम अब देखा जा सकता है।

Shreya

Shreya

Next Story