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Communal Violence: देश में आई सांप्रदायिक हिंसा की नई लहर, क्यों हुआ ऐसा और कौन जिम्मेदार ?

Communal Violence: 15 दिनों के अंदर 9 राज्यों में एक के बाद एक हुई सांप्रदायिक हिंसा की खबरों ने पूरे देश का माहौल खराब किया। इन सब घटनाओं में एक ही पैटर्न देखने को मिला।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 22 April 2022 6:02 PM GMT
communal violence In India
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communal violence In India। (Social Media)

Communal Violence: देश में हालिया दिनों में सांप्रदायिक घटनाओं की एक नई वेव देखी गई है। विभिन्न राज्यों में पहले हिंदूनववर्ष, फिर रामनवमी और फिर हनुमान जय़ंती के मौके पर भयानक सांप्रदायिक उपद्रव देखने को मिला। देश में तीन बड़े त्योहारों का जश्न दंगों और हिंसा का भेंट चढ़ गया। 15 दिनों के अंदर 9 राज्यों में एक के बाद एक हुई सांप्रदायिक हिंसा की खबरों ने पूरे देश का माहौल खराब किया। इन सब घटनाओं में एक ही पैटर्न देखने को मिला। इन पवित्र त्यौहारों के मौके पर शोभायात्राएं निकाली गईं, जिसे एक धर्म विशेष के मोहल्ले से निकाला गया।

इसी दौरान शोभायात्राओं पर उपद्रवियों पर पथराव किया गया, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। आरोप है कि इस धार्मिक यात्राओं के दौरान एक धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ गाने और नारों का इस्तेमाल किया गया है। तो आइए एक नजर ऐसी प्रमुख सांप्रदायिक घटनाओं पर डालते हैं।

करौली हिंसा (Karauli Violence)

राजस्थान के करौली में हिंदू नववर्ष के मौके पर निकाली गई बाइक रैली पर पथराव के बाद भीषण सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। इस दौरान उपद्रवियों ने एक दर्जन दुकानें और तीन बाईकों को आग के हवाले कर दिया। दरअसल बाइक रैली जब मुस्लिम इलाके में पहुंची तभी वहां मस्जिद से पथराव होने लगा, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। आरोप है कि इस दौरान भड़काऊ नारे लगाए गए थे। इस हिंसा में 40 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

खरगोन हिंसा (Khargone Violence)

शांति का टापू कहे जाने वाला खरगोन में रामनवमी के दिन जमकर बवाल देखा गया। बताया जा रहा है कि रामनवमी का जुलूस शुरू ही हुआ था कि उपद्रवियों ने डीजे को लेकर विवाद शुरू कर दिया। देखते ही देखती ये विवाद भयानक हिंसा में तब्दिल हो गया। पत्थरबाजी के अलावा आगजनी की गई। कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया ।

लोहरदगा हिंसा (lohardaga violence)

झारखंड के लोहरदगा जिले में भी रामनवमी के मौके पर निकाले गए शोभायत्रा पर उपद्रवियों द्वारा पत्थरबाजी की गई। जुलूस में शामिल लोगों पर धारदार हथियारों से हमला किया गया। इसमें 15 से अधिक लोग घायल हुए। आरोप है कि शोभायात्रा एक कब्रिस्तान के पास से गुजर रही थी। इस दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने हमला कर दिया।

गुजरात में बवाल

रामनवमी के मौके पर इसबार गुजरात भी उबल पड़ा। वैसे गुजरात में दंगों का इतिहास रहा है। लेकिन लंबे समय से ऐसी घटनाएं नहीं हो रही थीं। इसबार राज्य के तीन जिलों साबरकांठा, आणंद और द्वारका में जमकर बवाल हुआ। तीनों जिलों में उपद्रवियों ने वीएचपी की शोभायत्रा को निशाना बनाया, जिसके बाद भयानक हिंसा भड़क उठी। यहां भी आऱोप है कि एक धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाए गए।

कर्नाटक में सोशल मीडिया पोस्ट पर हिंसा

बीते कुछ समय से सांप्रदायिक घटनाओं के कारण उबल रहे दक्षिणी राज्य कर्नाटक में बीते शनिवार को अचानक हिंसा भड़क उठी। दरअसल राज्य के हुबली जिले में एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के कारण एक समुदाय के लोगों ने जमकर बवाल काटा। हिंसा के दौरान जमकर तोड़फोड़ की गई। इस मामले में पुलिस ने 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया।

जहांगीरपुरी हिंसा (Jahangirpuri Violence)

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के दौरान भड़की हिंसा अभी भी सुर्खियों में है। सीएए एनआरसी के विरोध के दौरान भड़के भीषण दंगे के बाद दिल्ली में ये दूसरा बड़ा सांप्रदायिक घटना है। इस घटना का पैटर्न भी अन्य सांप्रदायिक घटनाओं की तरह ही है। हनुमान जयंती के मौके पर निकाले गई शोभायात्रा पर मुस्लिम इलाके में पत्तथरबाजी हुई, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।

इन सभी घटनाओं के पैटर्न से समझा जा सकता है कि अगर सरकारें वक्त रहते सचेत हो जातीं तो इसे टाला जा सकता था। रामनवमी के दौरान हुई हिंसा को देखकर राज्यों द्वारा सीख ली जी सकती थी, लेकिन इस मामले में भयानक लापरवाही बरती गई। जिसका नतीजा हनुमान जयंती के दौरान देश के कुछ राज्यों में हुए सांप्रदायिक घटनाओं के रूप में देखने को मिला।

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Deepak Kumar

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