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Laws of India In Hindi: भारत के अजीब कानून

Laws of India In Hindi: भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। आमतौर पर हमारा देश भारत एक ऐसा देश है, जहां कोई भी कानून बनाने से पहले बहुत ही लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

Akshita
Written By AkshitaPublished By Chitra Singh
Published on: 18 Aug 2021 8:55 AM GMT
Laws of India
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भारत का कानून (फोटो- सोशल मीडिया)

Laws of India In Hindi: भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। आमतौर पर हमारा देश भारत एक ऐसा देश है, जहां कोई भी कानून (Bharat Ka Kanoon) बनाने से पहले बहुत ही लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और साथ ही भारतीय कानून काफी सोच विचार कर सभी के हित और अहित को ध्यान में रखकर बनाया जाता है।

किसी भी देश में कानून बनाने का मकसद लोगों को गलत और अजीब काम करने से रोकना होता है। हालांकि, अपने देश के कुछ कानून के बारे जानकर हैरानी होगी कि ये अपने आप में ही बहुत विचित्र और अनोखे हैं और इन्हें देखने के बाद लगता है कि आखिर इन्हें बनाया ही क्यों गया है।कुछ कानून तो अब तक सुधार ही नही किया गया और ये ब्रिटिश काल से चले आ रहे हैं।

देश में ऐसे सैकड़ों कानून हैं जो सुनने में भले अटपटे लगें, मगर लागू हैं। इनमें कई कानून ऐसे हैं जिनकी प्रासंगिकता नहीं रही। सरकार ऐसे कानूनों को बदलने का प्रयास तो कर रही है, लेकिन रफ्तार बेहद धीमी है। कानून मंत्रालय ने 7 साल में करीब डेढ़ हजार ऐसे कानूनों को खत्म किया है। मंत्रालय ने संसदीय समिति को मई के महीने में एक रिपोर्ट दी है। इसके मुताबिक अभी करीब डेढ़ हजार कानून हैं जो प्रासंगिक नहीं हैं।

ट्रेजर ट्रोव एक्ट 1878 (Treasure Trove Act 1878)

इस कानून के तहत किसी को 10 रुपए से अधिक राशि का कोई खजाना मिलता है तो उसे सूचना सरकार को देनी होगी। ऐसा न करने पर व्यक्ति को एक साल कैद तक की सजा काटनी पड़ सकती है।

कर्नाटक लाइव स्टॉक इम्प्रूवमेंट एक्ट 1961 (Karnataka Livestock Improvement Act 1961)

इसके तहत बैल रखने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। अगर बैल अपनी नस्ल को आगे बढ़ाने लायक नहीं है तो उस बैल का लाइसेंस कैंसिल करने का अधिकार सरकार को है।

द सराय एक्ट 1867 (The Sarais Act, 1867 )

145 साल पुराना कानून DM द्वारा सराय प्रबंधन से जुड़ा है। इसमें सराय की देखरेख के लिए नियुक्ति, साफ-सफाई, मरम्मत, जहरीली वनस्पति हटवाना और धर्मशाला की पूरी रिपोर्ट का पंजीकरण करना शामिल है।

संथाल परगना एक्ट 1855 (Santhal Pargana Act 1855)

यह कानून ब्रिटिश प्रशासन की जरूरतों के लिए था। इसका मकसद आदिवासियों को अलग-थलग कर उनकी जनसंख्या बढ़ने से रोकना था। आजादी के बाद से इस कानून का प्रयोग ही नहीं हुआ है।

द दिल्ली रेंट कंट्रोल एक्ट 1958 (The Delhi Rent Control Act 1958)

दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में लागू इस कानून को किराया तय करने, किराएदारों को जबरन निकालने से रोकने के लिए बना था। यह सरकारी प्रापर्टी, स्लम और 3,500 रुपए से ऊपर किराए वाले मामलों में लागू नहीं है।

टेलीग्राफ वायर्स एक्ट (Telegraph Wires Act)

इसके तहत टेलीग्राफ तार बेचने या 10 पाउंड से ज्यादा वजन के तांबे के तार पास रखने पर पांच साल की कैद व जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन 2013 के बाद यह कानून प्रासंगिक नहीं रहा।

द पुलिस एक्ट 1922 (The Police Act 1922)

यह कानून सरकार व पुलिस के प्रति असहमति का अपराध करने वालों के लिए है। इसमें पुलिस को ड्यूटी से रोकना, अनुशासन तोड़ना जुर्म है। छह महीने की सजा या 200 रुपए तक जुर्माना या दोनों सजा संभव।

प्राइज कंपटीशन एक्ट 1955 (Prize Competition Act 1955)

आजादी के बाद पजल व पहेलियां सुलझाने के लिए देश में प्रतियोगिताएं होने लगीं। जीतने वालों को नकद राशि मिलती, जो बाद में जुआ बन गया। 1955 में प्राइज कम्पटीशन एक्ट बना पर आज प्रासंगिक नहीं है।

द रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939 (The Registration of Foreigners Act 1939)

भारत आने वाले हर विदेशी नागरिक को 180 दिन से ज्यादा रहने पर पूरी जानकारी देनी होगी। सभी होटल और लॉज आदि की जिम्मेदारी है कि यह जानकारी सरकार को अनिवार्य रूप से दे। द्वितीय विश्व युद्ध के समय भारत आने वाले विदेशियों की निगरानी के लिए अंग्रेजों ने यह कानून बनाया था।

आत्महत्या

भारतीय दंड संहिता सेक्शन 309 के अनुसार, यदि आप आत्महत्या करने का प्रयास करते हैं तो आप पर मुकदमा चल सकता है क्योकि यह भारतीय कानून के हिसाब से अपराध है आपको 1 साल तक की सजा हो सकती है और अगर आप आत्महत्या की और आप की मौत हो गई तो आप पर कोई मुकदमा नहीं चलेगा।

केरला का जनसंख्या नियंत्रण

अगर आप केरला में रहते हैं और आप तो तीसरे बच्चे की इच्छा है 10,000 रुपये भरना पड़ सकता है क्योंकि की केरेला में 2 से अधिक बच्चे रखना गैरकानूनी है और इसके लिए जुर्माने का प्रावधान है केरला भारत का पहला ऐसा राज्य है जहां जनसंख्या नियंत्रण कानून है।

सूर्यास्त के बाद महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं

CRPC धारा 46 के अनुसार किसी भी महिला से शाम के 6:00 बजे के बाद और सुबह से 6:00 बजे के पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।यदि विशेष परिस्थिति में महिला का गिरफ्तार करना ज़रूरी है, तो पुलिस को मजिस्ट्रेट के पास जाकर लिखित में परमिशन लेना पड़ता है।

सरकार खरीद सकती है आप की जमीन

भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के अनुसार सरकार आप की जमीन कभी भी किसी भी समय खरीद सकती है। चाहे आपका मर्जी हो या ना हो।

ड्रम बाजने का नियम

पूर्वी पंजाब कृषि कीट रोकने और शुद्ध खरपतवार लॉ 1949 के अनुसार यदि आप दिल्ली में रहते हैं और वहां टीडी की समस्या है तो आपको ड्रागा बाजाने के लिए बुलाया जा सकता है चाहे आपकी मर्जी हो या ना हो, आपको ड्रामा बाजाने के लिए बुलाया जाएगा अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप पर हमलों का 50 का जुर्माना लग सकता है या 10 दिन की जेल भी हो सकती हैं।

भारतीय डाक सेवा ही कर सकते हैं पत्रों का वितरण

इंडियन पोस्ट ऑफिस एक्ट 1898 के मुताबिक सिर्फ भारतीय डाक ही आपके पते पर पत्र पहुंचा सकते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि तो कुरियर कंपनियां कैसे काम कर रही हैं। दरअसल, कुरियर कंपनियां पत्रों को डॉक्यूमेंट यानी दस्तावेज कहती ,हैं इसलिए उन्हें ये डिलीवर करने का अधिकार है।

वेश्यावृत्ति कानूनी है, लेकिन आप इसकी दलाली नहीं कर सकते।

वेश्यावृत्ति को यदि कोई निजी व्यापार के रूप में करता है, तो ये कानूनी है, लेकिन यदि कोई सार्वजनिक जगह पर ग्राहकों को आकर्षित करने की कोशिश करता है तो ये गैरकानूनी है। वेश्यालय, प्रॉस्टीट्यूशन रिंग्स, पिंपिंग आदि गैरकानूनी हैं। शायद आप कन्फ्यूज़ हो गए होंगे। दरअसल, भारत में वेश्यावृत्ति को लेकर कोई स्पष्ट कानून है ही नहीं।

इंटरनेट सेंसरशिप

इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के तहत ऑनलाइन पॉर्नोग्राफी गैरकानूनी है। हालांकि, अकेले में आप इसे देख सकते हैं। इसे कहते हैं सहूलियत के हिसाब से कानून बनाना।

अश्लीलता न फैलाएं

इंडियन पीनल कोड की धारा 294 के तहत यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक रूप से कुछ भी अश्लील बोलता है या अश्लील हरकत करता है तो वो सजा का हकदार होगा, लेकिन हैरानी की बात ये है कि 'अश्लील' शब्द की व्याख्या नहीं की गई है। तो कैसे पता चलेगा कि अश्लील का क्या मतलब है।

पतंग उड़ाने के लिए परमिट होना जरूरी

एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के मुताबिक पुलिस की इजाज़त के बिना पतंग उड़ाना कानून अपराध है। हैरान हो गए न सुनकर? तो जान लीजिए कि अब तक आपने जितनी बार पतंग उड़ाई है, उतनी बार आपने कानून तोड़ा है। कम से कम एयरक्राफ्ट एक्ट तो यही कहता है। शायद आपको पता नहीं है कि ऐसा करने पर आप पर 10 लाख का जुर्माना और 2 साल की जेल हो सकती है।

18 साल की उम्र तक शराब पीने का हक नहीं

भारत में कानून शराब पीने की उम्र हर राज्य में अलग-अलग है। दिल्ली में ये 25 साल है, जबकि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 21 साल है। आपको जानकर हैरानी होगी कि महाराष्ट्र में 21 साल वालों को बीयर और वाइन पीने का अधिकार है, लेकिन वे अन्य ड्रिंक नहीं पी सकते। इसके लिए आपका 25 साल का होना ज़रूरी है। जरूरी है कि सरकार अब इन सभी कुतर्क कानूनों पर लगाम लगाना चाहिए।समय के साथ देश के कानूनों में बदलाव एक अच्छे राष्ट्र की पहचान है।

Chitra Singh

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