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SC में पेरेंट्स की याचिका खारिज, बोर्ड एग्जाम फीस नहीं होगी वापस

सुप्रीम कोर्ट ने उन अभिभावकों की दलील खारिज कर दी है...

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Newstrack NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 9 Aug 2021 1:33 PM GMT
Sc dismiss pitision
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SC में पेरेंट्स की याचिका खारिज (social media)

सुप्रीम कोर्ट ने उन अभिभावकों की दलील खारिज कर दी है। राज्य बोर्ड्स को ये निर्देश देने की गुहार लगा रहे थे कि 10वीं और 12वीं के जब परीक्षा ही नहीं हुए, तो उनको परीक्षा शुल्क वापस करने का आदेश दिया जाए। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि उन्हें इस दलील में कोई दम नहीं नजर आया। राज्यों के माध्यमिक और उच्च परीक्षा बोर्ड्स की दलील ज्यादा मजबूत है कि परीक्षा की तैयारियां तो थी ही, लेकिन उस समय कोविड का प्रकोप तेज हो गया, इसलिए तैयारियों पर किया गया सारा खर्च ही जाया हो गया।

'परीक्षा नहीं, तो खर्च भी नहीं हुआ'

याचिका में कहा गया कि सीबीएसई छात्रों के परिजनों से जो परीक्षा शुल्क लेती है, उसे एग्जाम सेंटर बनाने, निरीक्षक और परीक्षक आदि पर खर्च किया जाता है। यानी सीधे तौर पर कहें तो परीक्षा कराने से संबंधित सभी खर्चों के लिए लिया जाता है, लेकिन जब परीक्षा रद्द हो गई, तो CBSE और केंद्र को एग्जाम फीस को वापस करना चाहिए, क्योंकि यह राशि खर्च नहीं हुई। इससे पहले ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन ने एग्जाम फीस लौटाने की मांग की थी।

'फीस लौटाना उनके काबू में नहीं है'

ऐसे में फीस लौटाना उनके काबू और हित दोनों में नहीं है। परीक्षा फीस से ही तो बोर्ड का संचालन होता है। हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अभिभावक की याचिका पर महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड को फीस लौटाने की अर्जी पर विचार करने का आदेश दिया था। ऐसे में बांध के गेट खुल जाने वाली स्थिति से बचने के लिए बोर्ड सुप्रीम कोर्ट आ गया था। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के शिक्षा और इम्तिहान बोर्ड्स से जवाबी हलफनामे मिलने के बाद पाया कि उनकी दलीलें और तर्क वाजिब हैं।

10वीं के छात्र से 2100 रु लिया गया परीक्षा शुल्क

इस याचिका को वकील रॉबिन राजू ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल किया था। उन्होंने इसमें कहा था कि एक छात्र से 10वीं की परीक्षा के लिए सीबीएसई ने 7 विषयों के लिए 2100 रुपए लिए थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते 10वीं की परीक्षाएं 10 अप्रैल को रद्द कर दी गईं थीं। वहीं, अभी नतीजे भी नहीं आए हैं, जबकि 12वीं की परीक्षाएं 1 जून 2021 को रद्द की गई थीं।

10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते सीबीएसई (CBSE) समेत देशभर के सभी शिक्षा बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें मांग की गई थी कि सीबीएसई और अन्य बोर्ड छात्रों को 10वीं और 12वीं की परीक्षा फीस वापस करें।

Ragini Sinha

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