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Seema Kushwaha: जानें कौन हैं सीमा कुशवाहा, जो BSP में शामिल होने जा रही

Seema Kushwaha: अपराधियों को सजा दिलाने वाले सीमा कुशवाहा जो बहुजन समाज पार्टी के जरिये राजनीति में कदम रखने जा रही हैं।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Vidushi Mishra
Published on: 20 Jan 2022 9:06 AM GMT (Updated on: 20 Jan 2022 9:06 AM GMT)
seema kushwaha
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सीमा कुशवाहा (फोटो-सोशल मीडिया)

Seema Samridhi: आज हम बात करेंगे सीमा कुशवाहा (Seema Kushwaha) के बारे में, जो बहुजन समाज पार्टी के जरिये राजनीति में कदम रखने जा रही हैं। ये वी सीमा कुशवाहा हैं जिन्होंने देश के लोमहर्षक निर्भयाकांड की सात साल लंबी दर्दनाक लड़ाई लड़ी थी।जब यह सामूहिक बलात्कार हुआ तब सीमा निचली अदालत में स्नातकोत्तर और प्रशिक्षण जारी रखते हुए पढ़ाई कर रही थीं।

उसके बाद, वह एक आईएएस अधिकारी बनने की ख्वाहिश रखती थी और उसी की तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन निर्भया कांड के बाद उन्होंने देखा कि कैसे मुखर्जी नगर में उसके छात्रावास की अन्य लड़कियों को उनके चिंतित माता-पिता ने इस घटना के तुरंत बाद घर वापस बुला लिया था।

सीमा कुशवाहा ने कईयों की दिलाया न्याय

इस भय ने उनके मन में एक अमिट छाप छोड़ी। कई अन्य लोगों की तरह, उन्होंने भी राष्ट्रपति भवन के बाहर आयोजित विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया। साथ ही मामले का बारीकी से अध्ययन करना जारी रखा। लेकिन उन्हें निराशा हुई कि न्याय में देरी के लिए दोषियों ने न्यायिक खामियों की आड़ में चालें चलीं और हथकंडे अपनाए।

2014 में स्नातक होने के बाद, 25 साल की उम्र में, वह आधिकारिक तौर पर आशा देवी की वकील बन गईं। इस बदनाम केस को लेकर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की।

याद रखें, तब तक सीमा ने कोर्ट में एक भी केस नहीं लड़ा था। ट्रायल कोर्ट की सुनवाई से लेकर भारत के राष्ट्रपति के समक्ष दायर होने वाली याचिकाओं तक, मामला 7 वर्षों में कई थकाऊ और दर्द भरे चरणों में गया। लेकिन सीमा ने हार नहीं मानी। वह निर्भया के माता-पिता के साथ अपनी मुलाकात को याद करती रही, निराशा के आंसू जो उन्होंने अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग करते हुए बहाए।

मृतक के चरित्र के बारे में एपी सिंह की गलत टिप्पणी ने विरोध को भड़काया, लेकिन सीमा ने अपनी गरिमापूर्ण चुप्पी बनाए रखी। उसका एकमात्र उद्देश्य इस झूठी धारणा को तोड़ना था कि अपराधी एक दिन मुक्त होकर चलेंगे। रास्ते की असफलताएँ उसे डिगा नहीं सकीं।अंततः चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया। यह उसकी वजह से है कि निर्भया को आखिरकार शांति मिल सकी।

10 जनवरी 1982 को जन्मी सीमा कुशवाहा का पूरा नाम सीमा समृद्धि कुशवाहा है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के एक छोटे से गांव उग्रपुर, ग्राम पंचायत बिधिपुर ब्लॉक महेवा तहसील चकरनगर में बलदीन कुशवाहा और रामकुआंरी कुशवाहा के घर हुआ था। उनके पिता बलदीन कुशवाहा बिधिपुर ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान थे।

उन्होंने 2005 में कानपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से 2006 में पत्रकारिता स्नातक की डिग्री भी प्राप्त की। उसके बाद, उन्होंने राजनीति विज्ञान में एमए किया और 2014 से भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में प्रैक्टिस की शुरुआत की। वर्तमान में वह हाथरस रेप कांड की पीड़िता का मुकदमा भी लड़ रही हैं।

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Vidushi Mishra

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