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Manoj Bajpayee: 'सिर्फ एक बंदा काफी है' का प्रमोशन करने लखनऊ पहुंचें मनोज बाजपेई, शेयर की कई दिलचस्प बातें

Manoj Bajpayee: बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेई की फिल्म "सिर्फ एक बंदा काफी है" लगातार धमाल मचा रही है। इसी बीच फिल्म का प्रमोशन भी जोरों शोरों से किया जा रहा है, मनोज बाजपेई खुद फिल्म का प्रमोशन कर रहें हैं।

Ashutosh Tripathi
Published on: 13 Jun 2023 2:28 PM GMT (Updated on: 13 Jun 2023 5:19 PM GMT)
Manoj Bajpayee: बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेई की फिल्म "सिर्फ एक बंदा काफी है" लगातार धमाल मचा रही है। दिलचस्प बात तो यह है कि मनोज बाजपेई की ये फिल्म ओटीटी के साथ ही सिनेमाघरों में भी रिलीज की गई है, लेकिन यहां पर भी एक ट्विस्ट है, जहां एक तरफ कोई भी फिल्म पहले सिनेमाघरों में रिलीज होती है, फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इसका प्रीमियर होता है, वहीं मनोज बाजपेई की ये फिल्म पहले ओटीटी पर रिलीज हुई, फिर उसके बाद सिनेमाघरों में।

फिल्म के प्रमोशन में जुटे मनोज बाजपेई

मनोज बाजपेई की फिल्म "एक बंदा काफी है" जबरदस्त धमाल मचा रही है और इसी बीच फिल्म का प्रमोशन भी जोरों शोरों से किया जा रहा है, मनोज बाजपेई खुद फिल्म का प्रमोशन कर रहें हैं। वहीं अब फिल्म का प्रमोशन करने मनोज बाजपेई नवाबों के शहर पहुंचे, जहां उन्होंने पहले होटल ताज में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी इस मूवी के बारे में बातें की, हालांकि इस दौरान वह थोड़ा अस्वस्थ नजर आए।

सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म

मनोज बाजपेई की फिल्म "एक बंदा काफी है" की कहानी सच्ची घटना से इंस्पायर बताई जा रही है। एक ऐसी घटना जिसमे न्याय पाने के लिए एक परिवार ने पांच साल संघर्ष किया, वो घटना जिसकी वजह से कई लोगों की जान गई, लोगों का विश्वास टूटा। एक बड़े प्रतिष्ठित और ताकतवर धर्मगुरु के खिलाफ एक 16 साल की बच्ची ने जंग छेड़ी, शारीरिक शोषण के खिलाफ उसने आवाज़ उठाई और खुद को टूटने नहीं दिया, उस बच्ची ने लाखों लोगों के अंधविश्वास को तोड़ा और वो खुलासा किया, जिससे न जाने कितने पहले ही जूझ चुके हैं।

मनोज बाजपेई का किरदार

"एक बंदा काफी है" फिल्म में मनोज पीसी सोलंकी का किरदार निभा रहे हैं, जो उस बच्ची के वकील हैं, जिन्होंने बच्ची को बाबा के खिलाफ लड़ने का हौसला दिया और बाबा को ताउम्र के लिए जेल का रास्ता दिखा दिया। मनोज बाजपेई का किरदार फिल्म में बेहद ही ताकतवर है, जिसकी दर्शक खूब तारीफ कर रहें हैं।

इस वजह से डाउन टू अर्थ हैं मनोज बाजपेई

मनोज बाजपेई आज इस मुकाम पर पहुंच चुके हैं कि बतौर एक्टर उनकी खूब तारीफ की जाती है। इस दौरान मनोज बाजपेई ने अपनी जिंदगी से जुड़े कई खुलासे भी किए। उन्होंने बताया कि उनकी जिंदगी का सबसे अच्छा पल वो रहा, जब वो अपने गांव में, मां बाप के साये में रहते थे। इसके साथ ही जब उनसे पूछा गया कि इतनी कामयाबी के बाद भी मनोज इतने डाउन टू अर्थ कैसे हैं? इस पर मनोज ने अपने पिता का जिक्र किया और कहा कि उनके पिता ने बचपन में उन्हें जो सिखाया वो आजतक उन्हें खुद पर घमंड करने से रोकता है, उनके पिता ने कहा कि जब घमंड महसूस हो तो अपने से ऊपर देखना और जब कमजोर महसूस हो, लगे कि कुछ नहीं आता तो अपने से नीचे वालों को देखो।

झकझोर कर देख देगी फिल्म की कहानी

आपको बता दें इस फिल्म की कहानी कई हद तक आपको झकझोर कर रख देगी। इस फिल्म में उस तकलीफ, उस परेशानी का जिक्र है जो एक नाबालिग के परिवार ने सहा। मनोज बाजपेई की इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इतना अच्छा रिस्पॉन्स मिला और इसी के चलते मेकर्स द्वारा इसे सिनेमाघरों में रिलीज करने का फैसला लिया गया।

Ashutosh Tripathi

Ashutosh Tripathi

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