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2G Scam : फैसले के 12 साल बाद आखिर सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंची केंद्र सरकार, जानें पूरा मामला

2G Scam : लाेकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 12 साल बाद केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

Rajnish Verma
Written By Rajnish Verma
Published on: 23 April 2024 11:01 AM GMT (Updated on: 23 April 2024 11:26 AM GMT)
2G Scam
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सुप्रीम कोर्ट (Photo - Social Media)

2G Scam : लाेकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 12 साल बाद केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आदेश में संशोधन की मांग की है।

केंद्र सरकार ने उस शर्त में संशोधन की मांग की है, जिसके तहत स्पेक्ट्रम संसाधनों के आवंटन के लिए नीलामी मार्ग अपनाने की आवश्यकता पड़ती है। केंद्र सरकार ने कानून के अनुसार प्रशासनिक प्रक्रिया के माध्यम से आवंटन करने की मांग की है। केंद्र सरकार ने कहा कि फैसले में संशोधन की जरूरत है, क्योंकि स्पेक्ट्रम का आवंटन न सिर्फ वाणिज्यिक दूरसंचार सेवाओं के लिए जरूरी है बल्कि गैर वाणिज्यिक उपयोग सुरक्षा, आपदा जैसे सार्वजनिक हितों के कार्यों के लिए भी जरूरी है।

चीफ जस्टिस ने कहा, हम देखेंगे इस मामले को

केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल (एजी) आर. वेंकटरमणी पेश हुए थे, उन्होंने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ के समक्ष कहा कि याचिका 2012 के फैसले में संशोधन की मांग करती है, क्योंकि केंद्र सरकार कुछ मामलों में 2G स्पेक्ट्रम लाइसेंस देना चाहती है। इस मामले पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इसे देखेंगे, आप हमें ई-मेल भेजें।

एनजीओ ने केद्र सरकार की याचिका का किया विरोध

वहीं, केंद्र सरकार की ओर से आदेश संशोधन की मांग को लेकर दायर याचिका का 'एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन' ने विरोध किया है। 'एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन' के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नीलामी संबंधी अपने फैसले में इस मुद्दे को सुलझा लिया था।

बता दें कि अधिवक्ता प्रशांत भूषण जिस 'एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन' की तरफ से पेश हुए, यह उन याचिकाकर्ताओं में था, जिनकी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2012 में अपना फैसला सुनाया था। केंद्र सरकार ने इसी फैसले में संशोधन की मांग की है।

Rajnish Verma

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वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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