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अमित शाह का बड़ा बयान, न्याय में होगा बदलाव, मिलेगा तुरंत इंसाफ

देश मे बढ़ते अपराध के ग्राफ पर पूरे देश मे रोष है। सरकार भी स्थिति की गंभीरता को भांप चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विशेषकर बलात्कार जैसे घृणतम अपराधों के संबंध मे बयान दिया है कि आपराधिक न्याय प्रणाली में देरी पर बहस के बीच आईपीसी और अपराधी दंड प्रक्रिया संहिता सीआरपीसी को देश के औ

suman
Published on: 8 Dec 2019 2:27 PM GMT
अमित शाह का बड़ा बयान, न्याय में होगा बदलाव, मिलेगा तुरंत इंसाफ
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पुणे : देश मे बढ़ते अपराध के ग्राफ पर पूरे देश मे रोष है। सरकार भी स्थिति की गंभीरता को भांप चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विशेषकर बलात्कार जैसे घृणतम अपराधों के संबंध मे बयान दिया है कि आपराधिक न्याय प्रणाली में देरी पर बहस के बीच आईपीसी और अपराधी दंड प्रक्रिया संहिता सीआरपीसी को देश के और अनुकूल बनाने के लिए उन्हें संशोधित करने के अपने सरकार के दृढ़ निश्चय पर बल दिया है।

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उन्होंने कहा- ऐसे समय में आया है जब गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से आईपीसी और सीआरपीसी में कुछ बदलाव के लिए सुझाव मांगा है। जिससे यह आधुनिक लोकतंत्र की आकांक्षाओं पर खरा उतर सकें और लोगों को इंसाफ मिले।

एक बयान के अनुसार पुणे में पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के 54 वें सम्मेलन में 'गृहमंत्री ने आईपीसी और सीआरपीसी को लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुकूल बनाने के लिए उनमें बदलाव लाने के लिए सरकार के विचार को सामने रखा।'

2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या कांड समेत घृणतम अपराधों में अपराधियों को दंड मिलने में देरी को लेकर हाल ही में अलग-अलग मंचों पर बहस चल रही है। रविवार को जोधपुर में एक कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे ने कहा कि इंसाफ कभी भी तुरंत नहीं हो सकता और यदि यह बदला लेने का रूप ले लेगा तो अपना मूल स्वभाव खो देगा।

पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा था कि आईपीसी और सीआरपीसी को बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों की जल्द सुनवाई के लिए संशोधित किया जाएगा। भारतीय अपराध विज्ञान विश्वविद्यालय और राज्यों में उनसे मान्यता प्राप्त कॉलेज खोलने की केंद्र सरकार की योजना की घोषणा की।

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अमित शाह ने इस वार्षिक सम्मेलन को ‘वैचारिक कुंभ’ करार दिया, जहां देश के शीर्ष पुलिस अधिकारी एक मंच पर आते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर नीतिगत फैसला करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने इस तीन दिवसीय आयोजन में हिस्सा लिया ।

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