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Supreme Court: बाबरी मस्जिद और गुजरात दंगे से जुड़े केस में SC का बड़ा फैसला, सभी मामले बंद

Gujarat Riots: सुप्रीम कोर्ट में दंगा पीड़ितों, एनएचआरसी और एक एनजीओ सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस की तरफ से गुजराज दंगों से जुड़ी कई याचिकाएं दाखिल की गई थी।

Krishna Chaudhary
Published on: 30 Aug 2022 8:33 AM GMT
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सुप्रीम कोर्ट। (photo: social media )

Gujarat Riots: गुजरात दंगे (Gujarat Riots) और बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) से जुड़े मामलों पर मंगलवार (30 अगस्त 2022) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला लिया। दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने कई पुराने मामलों को बंद करने का फैसला लिया है। यह फैसला याचिकाकर्ता (Petitioner) और मामले में आरोपी व्यक्ति यानी की दोनों की मौत होने के बाद लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा, कि अब सिर्फ नरोदा पाटिया मामला ही लंबित है। इसमें भी सुनवाई अंतिम स्थिति में है। अदालत ने एसआईटी से इसे निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए कदम उठाने को कहा है।

साल 1992 में अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद (Shri Ram Janmabhoomi-Babri Masjid) के विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद अधिकारियों और अन्य के खिलाफ अवमानना का केस लगाया गया था। इस पर मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

अदालत ने कहा कि गुजरात दंगों से जुड़ी 9 में से 8 मामलों पर निचली अदालतें अपना फैसला सुना चुकी हैं। नरोदा पाटिया मामले की सुनवाई अभी जारी है। ऐसे में इससे जुड़े किसी भी केस पर अलग से सुनवाई की क्या जरूरत है। बता दें कि अभी पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो रेप केस में जेल से छोड़े गए सभी अभियुक्तों को लेकर गुजरात सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।

सीबीआई जांच की मांग की गई थी

सुप्रीम कोर्ट में दंगा पीड़ितों, एनएचआरसी और एक एनजीओ सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस की तरफ से गुजराज दंगों से जुड़ी कई याचिकाएं दाखिल की गई थी। इन सभी याचिकाओं में पुलिस की जगह सभी मामले सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। इसकी सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात दंगों से जुड़ी याचिकाओं को आगे सुनने की जरूरत नहीं है। इसलिए हम सभी मामले को बंद करने का आदेश दे रहे हैं।

इससे पहले अदालत ने 24 जून को जाकिया जाफरी की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया था। याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती दी गई थी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी एसआईटी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों क्लीन चिट दे दी थी।

बता दें कि गुजरात में अगले कुछ माह में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में बिलकिस बानो रेप केस को लेकर 2002 गुजरात दंगों का जिन्न एकबार फिर बोतल से निकलता नजर आ रहा है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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