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Ambedkar Jayanti 2024: संविधान के जनक के साथ महिलाओं के मुक्तिदाता भी थे डॉ. अंबेडकर, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

Ambedkar Jayanti 2024: बाबा अंबेडकर जी को महिलाओं का मुक्तिदाता कहा जाता है। अंबेडकर जी ने हिंदू कोड बिल बनाया था, जो पारित नहीं हो पाया था।

Seema Pal
Written By Seema Pal
Published on: 14 April 2024 4:45 AM GMT
Ambedkar  Jayanti 2024
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Pic - Social Media

Ambedkar Jayanti 2024: भारतीय संविधान के जनक और पूर्व कानून मंत्री डॉ. भीमराव अंबेडकर की आज जयंती है। आज 14 अप्रैल को उनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य पर ही संविधान दिवस मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने आज संसद भवन में डॉ. अंबेडकर को उनकी 134वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की।

देश को संविधान की डोर से बांधा

डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल को 1891 में मध्य प्रदेश के महू के दलित परिवार हुआ था। दलित परिवार में जन्म होने के चलते अंबेडकर जी को सामाजिक भेदभाव को सहना पड़ा था। छुआ-छूत और भेदभाव की पीणा से आहत होकर डॉ. भीमराव अंबेडकर ने समाज को बदलने की ठान ली और खुद पेशे से वकील बन गए। वकालत के दौरान अंबेडकर की छवि एक समाज सुधारक की बनती गई। फिर एक दिन इसी दलित युवक ने पूरे देश को संविधान की डोर से बांध दिया। आजादी के बाद देश को सही दिशा में आगे बढ़ाने का श्रेय बाबा अंबेडकर को ही जाता है।

पीएम मोदी ने डॉक्टर अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टर अंबेडकर को श्रद्धाजलि देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। जय भीम।

देश के पहले कानून मंत्री थे डॉ. अंबेडकर

आजादी के बाद साल 1947 में बाबा भीमराव अंबेडकर देश के पहले कानून मंत्री बने थे। 29 अगस्त 1947 को डॉ. अंबेडकर संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष बने। देश में नए संविधान का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी अंबेडकर जी ने अपने सिर ले ली थी। इसके बाद उन्होंने देश में सामाजिक और आर्थिक मुद्दों से जुड़े हुए सभी समस्याओं के लिए कानून का मसौदा तैयार किया। आज देश डा. अंबेडकर के बनाए गए कानून की वजह से बिना रोक-टोक अपना जीवन जी रहा है।

श्रम कार्य का समय कम किया

बाबा भीमराव अंबेडकर ने देश में कई सुधार किए। उन्होंने लेबर संबंधित समस्याओं से लेकर महिला मुक्ति तक के लिए कानून बनाया। देश में लेबर कानून आने के बाद ही साल 1942 में भारतीय श्रम सम्मेलन के 7वें सत्र में श्रम के घंटों में बदलाव कर इसे 12 से 8 घंटे तक कर दिया था।

महिलाओं के मुक्तिदाता थे अंबेडकर

इसके साथ ही महिलाओं के अधिकारों के लिए भी बाबा जी ने कई कानून बनाएं। बाबा अंबेडकर जी को महिलाओं का मुक्तिदाता कहा जाता है। अंबेडकर जी ने हिंदू कोड बिल बनाया था, जिसमें विवाह और संपत्ति के अधिकार में महिलाओं को बराबर का अधिकार दिया था। हालांकि तब यह बिल संसद में पारित नहीं हो पाया था। इसलिए उन्होंने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

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Content Writer

Seema Pal is a Journalist and former Anchor. As Author, She is produced a good content. She has 4 years of experience in Media as news writer. Along with entertaining, She has a good grip in politics

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