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Haryana: अपने ही राज्य में मुख्यमंत्री को होना पड़ा हाउस अरेस्ट, सीएम खट्टर को करना पड़ा असहज स्थिति का सामना

Haryana News: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सिहमा गांव में कार्यक्रम कर बगल के गांव दोगड़ा अहीर पहुंचे। उन्हें रात्रि विश्राम यहीं करना था।

Krishna Chaudhary
Published on: 27 May 2023 11:00 AM GMT
Haryana: अपने ही राज्य में मुख्यमंत्री को होना पड़ा हाउस अरेस्ट, सीएम खट्टर को करना पड़ा असहज स्थिति का सामना
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Manohar Lal Khattar (photo: social media )

Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इन दिनों गांवों की यात्रा पर निकले हुए हैं। जनसंवाद कार्यक्रम के तहत वे विभन्न विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले गांवों में लोगों से मुलाकात कर रहे हैं और वहीं रात्रि विश्राम भी कर रहे हैं। शुक्रवार को खट्टर महेंद्रगढ़ जिले के गांवों के भ्रमण पर थे, जहां उनके कार्यक्रम में बवाल हो गया। हरियाणा सीएम के एक ऐलान से दूसरे गांव के लोग इतने नाराज हुए कि उन्होंने उस घर का ही घेराव कर डाला, जहां वे रात्रि विश्राम के लिए रूके थे।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सिहमा गांव में कार्यक्रम कर बगल के गांव दोगड़ा अहीर पहुंचे। उन्हें रात्रि विश्राम यहीं करना था। तय कार्यक्रम के मुताबिक, स्थानीय ग्रामीण उनका स्वागत करते और फिर उनके साथ बैठक होने थी। लेकिन स्वागत तो दूर ग्रामीण मुख्यमंत्री के विरोध में सड़क पर उतार आए और उनके आवास का घेराव कर दिया। खट्टर करीब चार घंटे तक घर में बंधक वाली स्थिति में रह रहे।

खट्टर को क्यों करना पड़ा असहज स्थिति का सामना ?

दरअसल, शुक्रवार को जनसंवाद कार्यक्रम के तहत सीएम मनोहर लाल खट्टर महेंद्रगढ़ जिले के सिहमा गांव पहुंचे थे। यहां लोगों ने उनसे गांव को उप तहसील का दर्जा देने की मांग कर दी। ग्रामीणों के साथ मीटिंग के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंन इसका ऐलान कर दिया। इस बात की जानकारी जब बगल के गांव दोगड़ा अहीर तक पहुंची, तो वहां के लोग नाराज हो गए। खट्टर का अगला कार्यक्रम यहीं होना था, लिहाजा उन्होंने मुख्यमंत्री के विरोध करने का फैसला लिया।

हरियाणा सीएम का काफिला जैसे ही गांव की सीमा में दाखिल हुए ग्रामीणों का प्रदर्शन शुरू हो गया। मुख्यमंत्री खट्टर जब अपने रात्रि विश्राम वाले घर पहुंचे, तो प्रदर्शनकारी वहां भी पहुंच गए। दरअसल, गांव वालों का कहना था कि आकार में सिहमा से बड़ा उनका गांव है, लिहाजा उप तहसील का दर्जा दोगड़ा अहीर को ही मिलना चाहिए। स्थानीय बीजेपी विधायक से लेकर पुलिस-प्रशासन के वरीय अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की लाख कोशिश की, मगर वे नहीं माने।

गुस्साए ग्रामीणों ने उन्हें समझाने पहुंचे बीजेपी विधायक से लेकर बड़े नेताओं तक को भगा दिया। उन्होंने साफ कहा कि जब तक मुख्यमंत्री अपना फैसला नहीं बदलेंगे, उन्हें दूसरे कार्यक्रम के लिए नहीं जाने दिया जाएगा। इससे गांव में तनावपूर्ण स्थिति हो गई। मुख्यमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए बड़ी संख्या मे फोर्स पूरे गांव में तैनात कर दी गई। डीजीपी समेत अन्य वरीय अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।

सीएम खट्टर को लेना पड़ा यू-टर्न

ग्रामीणों के तीखे विरोध और उनके जिद को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अपना फैसला बदलना पड़ा। देर रात उन्होंने गांव के कुछ लोगों को मिलने का बुलावा भेजा। फिर ग्रामीणों के प्रतिनिधियों और खट्टर के बीच बातचीत में सुलह हुई। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने इस गड़बड़ी का सारा ठीकरा अफसरों पर फोड़ दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें सही फिजिबिलिटी रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई। खट्टर ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि दोगड़ा अहीर की भी ऐसी ही मांग है। अब वे दोनों गांवों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट मंगवाएंगे। जिस गांव की रिपोर्ट सही होगी उसे ही उप तहसील बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं का हो रहा खूब विरोध

हरियाणा में अगले कुछ महीनों में बीजेपी सरकार के 9 साल पूरे होने को हैं। हालांकि, 2019 में पार्टी बहुमत से पीछे रह गई थी और उसे जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाना पड़ा था। राज्य में हाल के दिनों में सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं को सार्वजनिक कार्यक्रमों में आम लोगो के भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी किसानों का विरोध झेल चुके हैं।

Krishna Chaudhary

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