×

Famous Lady IPS Officer: इकलौती आईपीएस अधिकारी जिसने माउंट एवरेस्ट मिशन में लिया हिस्सा, तस्वीर देखकर चकमा खा गए थे लोग

Famous Lady IPS Officer Success Story: राजस्थान के एक बेहद पिछड़े इलाके से आने वाली आज भारत की चर्चित महिला आईपीएस अधिकारियों (IPS Officer Saroj Kumari Biography) में शुमार हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 22 Feb 2023 1:08 AM GMT
Lady IPS Officer Saroj
X

Lady IPS Officer Saroj (Social Media)

Famous Lady IPS Officer Success Story: पिछड़े इलाके और गरीब परिवार से निकलकर जीवन में बुलंदियों को छूना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। इसलिए अक्सर लोग असफलता के पीछे संसाधनों की कमी का रोना भी रोते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो उन्हे सीमित संसाधनों के साथ अपने जीवन में कामयाबी का बड़ा मुकाम हासिल करते हैं और फिर समाज के लिए एक रोल मॉडल बनते हैं।

आज हम आपको एक ऐसी ही महिला पुलिस अधिकारी (IPS Officer Saroj Kumari Biography) के बारे में बताएंगे, जिन्होंने कांटों से भरी राह पर चलकर जिंदगी में वो सब कुछ हासिल किया, जिसकी चाह हर युवा की होती यानी शोहरत और दौलत। हम जिस महिला पुलिस अधिकारी के बारे में बात कर रहे हैं उनका नाम सरोज कुमारी है। राजस्थान के एक बेहद पिछड़े इलाके से आने वाली आज भारत की चर्चित महिला आईपीएस अधिकारियों में शुमार हैं। जिनकी कामयाबी देश के करोड़ों युवाओं खासकर महिलाओं के लिए एक मिसाल है।

तंगहाली में गुजरा बचपन

राजस्थान के झुंझुनूं जिले के चिड़ावा उपखंड के बुडानिया गांव में एक दलित परिवार के घर जन्मी सरोज कुमारी (IPS Officer Saroj Kumari Wiki in Hindi) का बचपन तंगहाली में गुजरा। उनके पिता का नाम बनवारी लाल है, जो सेना में हवलदार के पद पर रह चुके थे। मां का नाम सेवा देवी है। बनवाली लाल की पेंशन काफी कम थी, इसलिए उससे बहुत मुश्किल से घर चलता था। अतिरिक्त कमाई के लिए परिवार खेती-किसानी पर आश्रित था। सरोज बचपन से ही अपनी मां का खेती के काम हाथ बंटाती थी।

कई किमी पैदल चलकर जाती थीं स्कूल, 12वीं में किया टॉप

सरोज कुमारी के गांव के स्कूल में 8वीं कक्षा तक की ही पढ़ाई होती थी। ऐसे में आगे की पढ़ाने करने के लिए उन्हें 6 किमी पैदल चलकर दूसरे गांव में मौजूद स्कूल जाना पड़ता था। कड़ाके की सर्दी और हो या चिलचिलाती धूप सरोज की उपस्थिति स्कूल में बनी रही। 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शीर्ष स्थान लाकर उन्होंने पहली बार अपने परिवार का नाम इलाके में रौशन किया।

एमफिल की परीक्षा में टॉप कर बनी लेक्चरर

12वीं की परीक्षा में टॉप करने के बाद सरोज आगे की पढ़ाने के लिए जयपुर चली आईं। यहां उन्होंने महारानी कॉलेज में दाखिला लिया। पढ़ाई में बचपन से मेधावी सरोज ने यहां भी अपना लोहा मनवाया। मास्टर्स में फर्स्ट डिविजन लाने के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान विभाग में एमफिल परीक्षा में उन्होंने टॉप किया। इसके बाद वो लेक्चरर बन गईं। उन्होंने बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय सरदारशहर में काम भी किया। एक दलित परिवार से आने वाली लड़की के लिए यह एक बड़ी सफलता थी। लेकिन इससे भी बड़ी कामयाबी उनके लिए आगे इंतजार कर रही थी, जिसका अंदाजा उनके परिवार को भी नहीं था।

यूपीएससी की परीक्षा पास की

पढ़ाते-पढ़ाते सरोज की रूचि यूपीएससी एग्जाम में बढ़ने लगी। फिर क्या था उन्होंने देश की इस सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा को क्रैक करने की ठान ली। साल 2011 में आखिरकार उन्होंने देश की सबसे कठिन माने जाने वाली सिविल सर्विस परीक्षा पास कर ली। बताया जाता है कि वो होम कैडर चाहती थी ताकि अपने राज्य में रहकर लोगों की सेवा कर सकें लेकिन कुछ अंक कम आने के कारण उन्हें गुजरात कैडर मिला।

माउंट एवरेस्ट मिशन में हिस्सा लेने वाली इकलौती आईपीएस

सरोज कुमारी पढ़ाई – लिखाई के साथ अन्य कामों में भी पारंगत रही हैं। उन्हें एक मैराथन रनर और माउंटेनर के तौर पर भी जाना जाता है। सरोज कुमार इकलौती आईपीएस अधिकारी हैं, जिसने माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले मिशन में हिस्सा लिया था। बतौर आईपीएस अधिकारी उन्होंने कई ऐसे काम किए, जिसे काफी सराया गया। गुजरात के बोटाद जिले के पुलिस अधीक्षक रहने के दौरान उन्होंने कई गरीब महिलाओं को जिस्मफिरोशी के दलदल से निकालकर समाज के मुख्यधारा से जोड़ा था।

लॉकडाउन में मजदूरों को भूखे पेट सोने नहीं दिया

सरोज कुमारी के कामों की प्रशंसा कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान खूब हुई। इस दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों ने एक सख्त पुलिस प्रशासक के अंदर छिपे मानवीय चेहरे को सामने लाया था। महामारी के दौरान सरोज कुमारी वडोदरा में डीसीपी के पद पर कार्यरत थीं। तब लॉकडाउन में जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए उन्होंने पुलिस किचन सेवा शुरू करवाई और मजदूरों को भूखे पेट नहीं सोने दिया। फुटपाथ पर रहने वाले लोगों तक पुलिसकर्मियों द्वारा भोजन पहुंचाया। इसी काम के लिए उन्हें पिछले साल डीजीपी कमांडेशन डिस्क अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें कोविड-19 महिला कोरोना योद्धा का अवॉर्ड भी मिल चुका है।

जुड़वा बच्चों को जन्म देकर आई थी सुर्खियों में

आईपीएस अधिकारी सरोज कुमारी ने साल 2019 में दिल्ली के रहने वाले डॉक्टर मनीष सैनी से शादी की। 2021 में सरोज ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। एक लड़का और एक लड़की की मां बनी आईपीएस अधिकारी ने उस दौरान अपने बच्चों के साथ एक फोटो शेयर किया था, जो काफी वायरल हुआ और चर्चा का विषय रहा।

दरअसल, हर समय पुलिस की वर्दी में नजर आने वाली सरोज उस दिन पारंपरिक राजस्थानी परिधान में थीं। उन्हें देखकर कहना मुश्किल था कि वो एक सीनियर आईपीएस अधिकारी हैं। सरोज ने उस खास मौके पर राजस्थान के गांवों में महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली लहंगा चुनरी पहन रखी थी। ये दिखाता है कि कामयाबी हासिल करने के बाद वो अपनी संस्कृति और गांव से कितनी जुड़ी हुई हैं।

अब तक के सर्विस में उन्होंने हर विकट परिस्थिति में खुद को साबित किया है। चाहे वो वडोदरा में भारी बारिश के दौरान लोगों को रेस्क्यू करना हो या कोरोना महामारी के दौरान मजदूरों को खाना मुहैया कराना हो। गुजरात की तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों में गिनी जाने वाली सरोज कुमारी फिलहाल डायमंड सिटी सूरत की डीसीपी हैं।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

Next Story