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ISRO Chief S Somanath: ISRO चीफ S. Somanath को कैंसर, Aditya-L-1 की लॉन्चिंग के दिन चला पता, फिर भी नहीं हारी हिम्मत

ISRO Chief S Somanath: Aditya-L1 की लॉन्चिंग वाले दिन ही ISRO चीफ Dr. S. Somanath को कैंसर होने का पता चला था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, कीमोथैरेपी ली। दवाइयां चल रही हैं। मिशन भी पूरे हो रहे हैं।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 4 March 2024 10:35 AM GMT
ISRO Chief S. Somanath was diagnosed with cancer on the day of launch of Aditya-L-1, still did not lose courage
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ISRO चीफ S. Somanath को कैंसर, Aditya-L-1 की लॉन्चिंग के दिन चला पता, फिर भी नहीं हारी हिम्मत: Photo- Social Media

ISRO Chief S Somanath: भारत के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग के समय भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख Dr. S. Somanath कैंसर से जूझ रहे थे। लेकिन उनका पूरा फोकस अपने काम पर था।

कैंसर होने की पुष्टि स्वयं सोमनाथ ने एक इंटरव्यू में की है। उन्होंने कहा कि स्कैनिंग में कैंसर का पता चला था। चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च के दौरान भी कुछ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें थीं। हालांकि, उस समय तक कुछ भी स्पष्ट नहीं था। उन्होंने कहा, आदित्य मिशन के दिन ही उन्हें इस बीमारी का पता चला था। इससे वो और उनका परिवार दोनों परेशान हो गए थे।

खुद को संभालने के बाद परिवार और वैज्ञानिकों को भी संभाला

यहां तक कि उनके सभी साथी वैज्ञानिक भी इस खबर से काफी आहत थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इस चुनौतीपूर्ण माहौल में खुद को संभालने के साथ ही परिवार और इसरो वैज्ञानिकों को संभाला। लॉन्चिंग के बाद उन्होंने पेट का स्कैन कराया। तब इसका पता चला था। लेकिन अधिक जांच और इलाज के लिए वो चेन्नई गए। पता चला कि यह बीमारी उन्हें जेनेटिकली मिली है। उन्हें पेट का कैंसर हुआ था। कुछ ही दिन में कैंसर की पुष्टि भी हो गई। इसके बाद सोमनाथ ने सर्जरी कराई। फिर उनकी कीमोथैरेपी चलती रही। सोमनाथ ने बताया कि पूरा परिवार सदमे में था, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है। ट्रीटमेंट हुआ और वो ठीक हो गए। दवाइयां फिलहाल चल रही हैं। लेकिन इस दौरान उनके परिवार और साथियों ने बहुत सपोर्ट किया।

Photo- Social Media

मैं इस जंग को जीतूंगा

सोमनाथ ने बताया कि उन्हें पता है कि इस बीमारी के इलाज में काफी समय लगेगा। यह एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन यह जंग में लडूंगा। काफी ज्यादा रिकवरी हो गई है। मैं सिर्फ चार दिन अस्पताल में था। फिर अपना काम पूरा किया। बिना किसी दर्द के मैं इसरो में पांचवें दिन से काम करने लगा था। सोमनाथ ने बताया कि मैं लगातार मेडिकल चेकअप्स और स्कैन करवा रहा हूं। लेकिन अब मैं पूरी तरह से ठीक हो चुका हूं। अपना काम और इसरो के मिशन और लॉन्च पर पूरा ध्यान है। इसरो के आगे के सारे मिशन पूरा करके ही दम लूंगा।

Shashi kant gautam

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