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RJD सांसद मनोज झा के बयान पर गर्माया सियासत, बीचबचाव में उतरे लालू यादव

Manoj Jha Statement: मनोज झा को उन्ही के पार्टी के कई नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

Anant kumar shukla
Published on: 1 Oct 2023 2:24 PM GMT
manoj jha
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manoj jha (Photo-Social Media)

Manoj Jha Statement: RJD सांसद मनोज झा के संसद सत्र के दौरान वाल्मीकि की कविता ठाकुर का कुआं पढ़ा था। इसको लेकर अब सियासत गरमा गया है। लगातार बवाल मचा हुआ है। उन्हें तमाम विरोधों का सामना करना पड़ रहा है। उन्ही के पार्टी के कई नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है। विवाद इतना बढ़ गया कि बीचबचाव के लिए आरजेडी प्रमुख लालू यादव को स्वयं मैदान में उतरना पड़ा। इसी बीच राजधानी दिल्ली से पटना पहुंचे मनोज झा ने अपने बयान पर सफाई दी।

इस कविता को लेकर छिड़ा बवाल

“चूल्‍हा मिट्टी का

मिट्टी तालाब की

तालाब ठाकुर का

भूख रोटी की

रोटी बाजरे की

बाजरा खेत का

खेत ठाकुर का

बैल ठाकुर का

हल ठाकुर का

हल की मूठ पर हथेली अपनी

फसल ठाकुर की

कुआं ठाकुर का

पानी ठाकुर का

खेत-खलिहान ठाकुर के

गली-मुहल्‍ले ठाकुर के

फिर अपना क्‍या ?

गांव ?

शहर ?

देश ?”

मैने कविता पढ़ी थी, जिसपर कायम हूं

रविवार को पटना एयरपोर्ट पर मीडिया नें इसी कविता को लकर सवाल किया कि आप के उपर ठाकुरों को अपमानित करने का आरोप लगा है। इसपर मनोज झा ने कहा कि मैने कुछ नहीं कहा बस एक कविता पढ़ी थी। जिसपर आज भी कायम हूं। यह कविता किसी को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं पढ़ी थी।

राज्यसभा में होता तो जीभ खींच लेता-आनंद मोहन

आरजेडी नेता आनंद मोहन ने मनोज झा पर निशाना साधते हुए कहा उनपर ठाकुरों को अपमानित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि वह उस समय राज्यसभा में होते तो जीभ खींच लेते।

ब्राम्हण हैं इस लिए, ब्राम्हणों पर कविता नहीं पढ़ी-चेतन

आनंद मोहन के बेटे ने बेटे चेतन ने कहा कि मनोज झा ब्राह्मण हैं। यही कारण है कि उन्होंने ब्रम्हणों के खिलाफ कुछ नहीं बोला। इसी दौरान बीचबचाव में लालू यादव आ गए। उन्होंने नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि मनोज बहुत विद्वान आदमी हैं। उन्होंने ठाकुरों के खिलाफ कुछ नहीं बोला। जो लोग प्रतिक्रिया दे रहे उन्हें संयम बरतनी चाहिए।

आनंद मोहन पर भड़के लालू यादव

लालू यादव ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि आनंद मोहन के पास जितनी बुद्धि होगी वह उतना ही बोलेंगे। आनंद मोहन को अपनी अक्ल और शक्ल देखनी चाहिए। चेतन आनंद को भी अक्ल नहीं है। इसके बाद उन्होंने अपने बड़े बेटे की तारीफ करते हुए कहा कि वह अच्छा कार्य कर रहा है।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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