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Russia में फंसे भारतीयों पर विदेश मंत्रालय ने कहा- 'झूठ बोलकर सेना में हो रही भर्ती, झांसे में न आएं'

MEA On Indians In Russia: रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीयों को लेकर विदेश मंत्रालय ने बयान दिया। बताया रूस में 20 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। दो लोगों की मौत हो चुकी है।

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Written By aman
Published on: 8 March 2024 12:53 PM GMT (Updated on: 8 March 2024 12:59 PM GMT)
Indians Duped in Russia Amry, MEA On Indians In Russia
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रूस सेना में भारतीयों की भर्ती (Social Media) 

MEA On Russia-Ukraine War: भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने रूस में काम करने के नाम पर ठगे गए भारतीय नागरिक मामले पर सख्ती से कदम बढ़ाया है। विदेश मंत्रालय (MEA) की तरफ से शुक्रवार (08 मार्च) को कहा गया कि, 'रूस से करीब 20 भारतीयों ने हमसे संपर्क किया। ये सभी भारत लौटना चाहते हैं। क्योंकि, उन्हें कथित तौर पर 'मानव तस्करी रैकेट' (Human Trafficking Racket) में धोखा दिया गया था।

विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है, कि 'उन्हें झूठ बोलकर धोखे से ले जाया गया। ये मानव तस्करी का केस है। इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कुछ छापेमारी की है। मन्त्रालय ने लोगों से अपील की है कि वो किसी तरह के झांसे में न आएं।'

भर्ती में शामिल करने वाले एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'विदेश मंत्रालय ने रूसी सेना (Russian Army) के लिए धोखे से काम करने वाले भारतीयों की शीघ्र रिहाई पर जोर दिया है। MEA ने रूसी सेना के लिए काम करने के लिए धोखा दिए गए भारतीयों की शीघ्र रिहाई की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए रूसी सरकार से उन्हें शीघ्र बर्खास्त करने का आग्रह किया है। विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि, झूठे बहाने बनाकर भारतीयों को भर्ती में शामिल करने वाले एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।'

'टू फ्रंट वार' में 3 भारतीय की मौत

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि, 'टू फ्रंट वार (Two Front War) में भारत के तीन नागरिकों की मौत हो चुकी है। रूस-यूक्रेन युद्ध में दो भारतीय नागरिक मारे गए हैं, वहीं इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग में एक और भारतीय की मौत हुई है।'

विदेश मंत्रालय- 'एजेंटों के झांसे में न आएं'

विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से अपील की है कि, वह रूस में हेल्पर की नौकरी दिलाने वाले एजेंटों के झांसे में न आएं। यह जीवन के लिए खतरे और जोखिम से भरा है। मंत्रालय ने ये भी कहा कि, भारत सरकार रूसी सेना में सहायक स्टाफ के रूप में काम करने वाले अपने नागरिकों की जल्द रिहाई और उनकी घर वापसी के लिए प्रतिबद्ध है।'

विदेश मंत्रालय ने ये भी बताया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, 'हमारे पास विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान के संयुक्त सचिव के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल है। यह प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान के दौरे पर है। जैसा कि आप जानते हैं, भारत ने जून में काबुल में अपना तकनीकी मिशन खोला था। 2022, और तब से, मिशन हमारे चल रहे मानवीय सहायता प्रयासों को सुविधाजनक और समन्वयित कर रहा है। यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने अफगान अधिकारियों के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बैठकें कीं। उन्होंने कहा, प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से भी मुलाकात की। अधिकारी, और अफगान व्यापार समुदाय के सदस्य। प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के लोगों को भारत की मानवीय सहायता पर चर्चा की और अफगान व्यापारियों द्वारा चाबहार बंदरगाह के उपयोग पर भी चर्चा की। भारत के अफगान लोगों के साथ ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं, और ये लंबे समय से हैं -स्थायी संबंध हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करते रहेंगे।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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