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Uniform Civil Code: यूसीसी पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकार को दी चेतावनी, देश में भड़क सकते हैं दंगे

Uniform Civil Code: केंद्र के इस कदम का आलोचना करने वालों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी शामिल है। बोर्ड ने एक प्रेस नोट जारी कर इसकी आलोचना की है।

Krishna Chaudhary
Published on: 17 Jun 2023 7:55 AM GMT (Updated on: 17 Jun 2023 8:09 AM GMT)
Uniform Civil Code: यूसीसी पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकार को दी चेतावनी, देश में भड़क सकते हैं दंगे
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Muslim Personal Law Board (photo: social media )

Uniform Civil Code: केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कोर एजेंडे में शामिल समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर देश में एकबार फिर बहस छिड़ गई है। लॉ कमिशन ने पिछले दिनों ही परामर्श प्रक्रिया शुरू करते हुए सार्वजनिक, धार्मिक एवं राजनीतिक संगठनों से राय मांगनी शुरू कर दी है। केंद्र की इस कवायद पर बीजेपी विरोधी विपक्षी पार्टियों और कुछ मुस्लिम संगठनों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आने लगी है।

केंद्र के इस कदम की आलोचना करने वालों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी शामिल है। बोर्ड ने एक प्रेस नोट जारी कर इसकी आलोचना की है। इसके अलावा मुस्लिम उलेमाओं और धर्मगुरूओं ने भी यूसीसी का कड़ा विरोध किया है। विवादित मुस्लिम नेता मौलाना तौकीर रजा ने तो इसे बीजेपी का चुनावी स्टंट करार दिया है। पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकार को चेतावनी देते हुए यहां तक कह दिया कि इसे लागू करने पर देश में दंगे भड़क सकते हैं।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने किया यूसीसी का कड़ा विरोध

देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था मानी जाने वाली ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लॉ कमिशन द्वारा समान नागरिक संहिता को लेकर मांगे जा रहे सुझाव पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। बोर्ड ने कहा कि यह देश के लिए अनावश्यक, अव्यावहारिक और हानिकारक है। इस तरह के कानून बनाना देश के संसाधन को बेवजह बर्बाद करना है।
प्रेस नोट में आगे कहा गया कि हमारा देश बहु-धार्मिक, बहु-सांस्कृतिक और बहु-भाषाई समाज है। इसकी यही विविधता ही इसकी पहचान है लिहाजा इस पहचान से कोई छेड़छाड़ नहीं किया जाना चाहिए। देश के संविधान निर्माताओं ने इसी विशिष्टता को ध्यान में रखते हुए धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता को मौलिक अधिकार के रूप में संरक्षण दिया है। इसके अलावा संविधान में पूर्वोत्तर भारत में रह रहे आदिवासियों को गारंटी दी गई है कि संसद ऐसा कोई कानून नहीं बनाएगी जो उनके फैमिली कानूनों को निरस्त करता हो।

देश में भड़क सकते हैं दंगे

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. एसक्यू आर इलियास ने कहा कि पर्सनल लॉ बोर्ड में बने कानून पवित्र कुरान से लिए गए हैं। उसमे लिखी बातों को काटने और बदलने की इजाजत खुद मुसलमान को भी नहीं है। ऐसे में सरकार किसी कानून के जरिए इसमें कैसे हस्तक्षेप कर सकती है। इलियास ने इसके बाद चेतावनी भरे स्वर में कहा कि अगर पर्सनल लॉ से छेड़छाड़ की गई या इसे बदलने की कोशिश की गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। देश में दंगे भड़क सकते हैं। ऐसे में सरकार को इस तरह के कदम उठाने से परहेज करना चाहिए।

विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया

यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर हमलावर हैं। देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कहा कि यूसीसी बीजेपी और संघ का पॉलिटिकल एजेंडा है। इसे बेरोजगारी, महंगाई जैसे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए लाया जा रहा है।
बता दें कि बीजेपी शासित उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।

Krishna Chaudhary

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