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Maharashtra NCP Crisis: सुप्रीम कोर्ट पहुंची NCP पर कब्जे की जंग, अजित पवार के पक्ष में चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ शरद पवार गुट ने दायर की याचिका

Maharashtra NCP Crisis: शरद पवार गुट की ओर से आयोग के फैसले को चुनौती देने के साथ ही इस मामले में जल्द सुनवाई करने की मांग की गई है। अजित पवार गुट की ओर से पहले ही इस मामले में कैविएट दाखिल की जा चुकी है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 13 Feb 2024 7:46 AM GMT
Ajit Pawar Sharad Pawar
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Ajit Pawar Sharad Pawar  (photo: social media )

Maharashtra NCP Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नाम और चुनाव निशान की जंग अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। चुनाव आयोग ने हाल में एनसीपी का नाम और चुनाव निशान अजित पवार गुट को सौंपने का बड़ा फैसला सुनाया था और अब शरद पवार गुट ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शरद पवार गुट की ओर से आयोग के फैसले को चुनौती देने के साथ ही इस मामले में जल्द सुनवाई करने की मांग की गई है। अजित पवार गुट की ओर से पहले ही इस मामले में कैविएट दाखिल की जा चुकी है। अजित पवार गुट की ओर से मांग की गई है कि इस मामले में विपक्ष की ओर से दाखिल किसी भी याचिका पर सुनवाई में उसका भी पक्ष सुना जाए।

लंबी सुनवाई के बाद आयोग ने किया था फैसला

पिछले साल अजीत पवार गुट की ओर से की गई बगावत के बाद ही दोनों गुटों के बीच पार्टी पर कब्जे की जंग शुरू हो गई थी। इस मामले को लेकर दोनों गुटों की ओर से चुनाव आयोग से संपर्क साधा गया था। चुनाव आयोग में करीब 6 महीने से अधिक समय तक दोनों गुटों की ओर से पेश की गई दलीलों की सुनवाई की गई। चुनाव आयोग ने करीब 10 से ज्यादा सुनवाई के बाद इस मामले का निपटारा किया।

चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पार्टी का नाम और चुनाव निशान घड़ी इस गुट को ही सौंप दिया था। आयोग के इस फैसले के बाद पार्टी का नाम और चुनाव निशान अजित पवार गुट को मिल गया है।

आयोग ने दोनों ही पक्षों से पार्टी को लेकर अपने सबूत पेश करने को कहा था। इसके बाद दोनों ही पक्षों की ओर से अपने-अपने पक्ष के विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों के शपथ पत्र सौंपे गए थे।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विधानसभा व विधानपरिषद के साथ ही लोकसभा और राज्यसभा के एनसीपी सदस्यों के समर्थन के आधार पर आयोग ने अजित पवार के पक्ष में फैसला सुनाया। चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी और शिवसेना पर अधिकारों से जुड़े विवाद के दौरान भी इसी आधार पर फैसला सुनाया था।

फैसले से शरद पवार गुट को लगा बड़ा झटका

चुनाव आयोग के इस फैसले से शरद पवार गुट को करारा झटका लगा था और शरद गुट के नेताओं ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया था। शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। शरद पवार की बेटी और एनसीपी की सांसद सुप्रिया शुक्ला ने उस समय ही इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। दूसरी ओर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार का क ना था कि वे पूरी विनम्रता के साथ आयोग के इस फैसले को स्वीकार करते हैं।

पवार ने 1999 में पीए संगमा और तारिक अनवर के साथ मिलकर एनसीपी की स्थापना की थी मगर अब यह पार्टी ही उनके हाथ से निकल गई है।

लोकसभा चुनाव से पहले आयोग के फैसले से पवार को करारा झटका लगा है और अब उनके सियासी वजूद पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। इसी कारण उन्होंने अब सुप्रीम कोर्ट के जरिए यह जंग लड़ने का फैसला किया है मगर लोकसभा चुनाव में अब काफी कम समय रह गया है। इतने कम समय में मामले का निपटारा होना मुश्किल माना जा रहा है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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