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Parliament Winter Session: हंगामे के कारण बाधित हुई लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही, 49 और सांसद आज हुए सस्पेंड

Parliament Winter Session 2023: दोनों सदनों के 141विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। सा्ंसदों के निलंबन पर विपक्ष हमलावर है।

Krishna Chaudhary
Published on: 19 Dec 2023 4:50 AM GMT (Updated on: 19 Dec 2023 9:32 AM GMT)
Parliament Winter Session (Photo:Social Media)
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Parliament Winter Session (Photo:Social Media)

Parliament Winter Session: 17वीं लोकसभा के आखिरी शीतकालीन सत्र का आज यानी मंगलवार 19 दिसंबर को 12वां दिन है। 13 दिसंबर की घटना के बाद से संसद का पारा चढ़ा हुआ है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में विपक्षी दलों के भारी हंगामे के कारण कार्यवाही नहीं हो पा रही है। दोनों सदनों के कई विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। मंगलवार को भी सत्र शुरू होने के साथ ही लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सांसदों की नारेबाजी शुरू हो गई। जिसके बाद सुबह से तीन बार दोनों सदनों को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

जारी है सांसदों का निलंबन

लोकसभा में हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने 49 और सांसदों को आज निलंबित कर दिया है। आज जिन सांसदों को सस्पेेंड किया गया है, उनमें कुछ बड़े नाम भी शामिल हैं। इनमें कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम, शशि थरूर, बीएसपी (निष्कासित) दानिश अली, एनसीपी की सुप्रिया सुले, सपा सांसद एसटी हसन, टीएमसी सांसद माला रॉय, सपा नेता डिंपल यादव और आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू शामिल हैं।

बता दें कि 18 दिसंबर को सदन में हंगामा करने को लेकर स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया था। इनमें कांग्रेस के 11, टीएमसी के 9, डीएमके के 9 और चार अन्य दलों के सांसद शामिल हैं। इसी प्रकार राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया। इससे पहले इसी मुद्दे को लेकर संसद में हंगामा करने पर 14 दिसंबर को 14 सांसदों (13 लोकसभा और एक राज्यसभा) को निलंबित कर दिया गया था। यानी दोनों सदनों के कुल 92 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं।

निलंबित सांसदों ने की धनखड़ की मिमिक्री

निलंबित सांसद संसद के प्रवेश द्वार पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरन टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी उठे और सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने लगे। उनकी मिमिक्री देख वहां मौजूद बाकी के सांसद ठहाके लगाने लगे। कुछ सांसदों ने तो उनका वीडियो शूट भी किया। इस घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वहीं, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस घटना को हास्यास्पद और अस्वीकार्य बताया है। उन्होंने कहा कि एक सांसद मजाक उड़ा रहा है और दूसरा उस घटना का वीडियो बना रहा है। गिरावट की कोई हद नहीं है। सद्बुद्धि आए उनको। बता दें कि जब टीएमसी सांसद मिमिक्री कर रहे थे तब वहां राहुल गांधी, मनोज झा, जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी और कार्ति चिदंबरम जैसे नेता मौजूद थे।

इससे पहले आज सुबह जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सांसद पीएम मोदी की तस्वीर लेकर नारेबाजी करने लगे। जिस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन के अंदर मर्यादा में रहते हुए बहस हो। सदन में तख्तियां लाना अच्छी बात नहीं है। वहीं, केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि चुनावी हार से विपक्ष परेशान है। अगर यही रवैया रहा तो जिन कुछ राज्यों से वे चुनकर यहां आते हैं, वहां से भी आना मुश्किल हो जाएगा। आज सत्र शुरू होने से पहले सभी विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में मौजूद गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

पीएम मोदी ने विपक्ष पर बोला हमला

आज सत्र शुरू होने से पहले संसद भवन में बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य नेता मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने सदन में विपक्ष के हंगामे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, विपक्ष का व्यवहार दुखी करने वाला है। लगता है कि सदन में घुसने वालों को विपक्ष का समर्थन मिला था। लोगों को विपक्ष के कारनामे से जागरूक कराएं। विपक्षा ने ठाना है कि उसे आगे नहीं बढ़ना है।

पीएम मोदी ने कहा कि उनका ये आचरण सुरक्षा चूक जितना ही डरावना है। दरअसल, राहुल गांधी और अखिलेश यादव सरीखे नेताओं ने लोकसभा में कूदने वाले दो युवकों का एक तरह से बचाव करते हुए कहा था कि दोनों मोदी सरकार की नीतियों से परेशान थे। देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। वे अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने के लिए सदन में कूद गए।

अमित शाह के बयान की मांग पर अड़ा विपक्ष

संसद सुरक्षा चूक के मसले पर विपक्ष लोकसभा और राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा है। इसके बाद दोनों सदनों पर इस विषय पर चर्चा करने के लिए कह रहा है। लोकसभा में हालांकि, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सरकार की ओर से बयान दे चुके हैं लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं है। मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह देशभर में दौरे कर रहे हैं लेकिन सदन में नहीं आ रहे। ये सदन की गरिमा का अपमान है। बहुत सारे सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा अध्यक्ष ने निलंबित किया है। देश के इतिहास में पहली बार इतने सांसदों को निलंबित किया गया है। लोगों को डराकर लोकतंत्र खत्म करना चाहते हैं।

वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने एक्स पर अपने एक पोस्ट में कहा, यह विडंबना की बात है कि 13 दिसंबर को दो आरोपियों को लोकसभा में प्रवेश दिलाने में मदद करने वाले भाजपा सांसद अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं। जबकि उस भाजपा सांसद की भूमिका पर गृहमंत्री से बयान देने की मांग करने वाले INDIA के दोनों सदनों के 93 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार सही बात सुनना नहीं चाहती है। भाजपा से यह पूछना चाहिए कि वे लोकतंत्र का मंदिर बोलते हैं। हम सब अपने भाषणों में लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं। ये किस मूंह से इसे लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं, जब ये विपक्ष को बाहर कर रहे हैं। अगर ये दूसरी बार सरकार में आ गए तो यहां बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान नहीं बचेगा।

वहीं, लोकसभा से आज निलंबित होने वाली उनकी पत्नी और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सांसदों का निलंबन लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। जो वातावरण हम देख रहे हैं, जहां हम संसद में अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं वह सरकार की पूरी विफलता को दर्शाता है।

मंगलवार को निलंबित होने वाले एक अन्य सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि वे विपक्ष-मुक्त लोकसभा चाहते हैं और वे राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही करेंगे। आज अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, मैं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ लेकिन जो भी उपस्थित थे उन्हें शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि वे बिना किसी चर्चा के अपने विधेयकों को पारित करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि यह संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है।

वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह संसद के अंदर अराजकता के अलावा और कुछ नहीं है। उन्हें हमारे देश की संसदीय प्रणाली पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है। इसलिए संसद में अराजकता, अराजकता और अराजकता के अलावा कुछ नहीं है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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