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शाह के बेटे के बचाव में पीयूष, बोले- वेबसाइट पर ठोकेंगे 100 Cr. का केस

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रेसिडेंट अमित शाह के बेटे जय शाह पर एक कंपनी के जरिए करोडों का प्रॉफिट कमाने के आरोपों के बाद रविवार को देश की पॉलिटिक्स एक बार फिर गरमा गई।

tiwarishalini
Published on: 8 Oct 2017 1:31 PM GMT
शाह के बेटे के बचाव में पीयूष, बोले- वेबसाइट पर ठोकेंगे 100 Cr. का केस
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शाह के बेटे के बचाव में पीयूष गोयल, बोले- वेबसाइट पर ठोकेंगे 100 करोड़ का केस

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा किए गए लेनदेन पर सवाल उठाने वाली एक रिपोर्ट को बीजेपी ने रविवार (08 अक्टूबर) को 'दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक' बताया और कहा कि जय शाह रिपोर्ट के लेखक और समाचार वेबसाइट 'द वायर' के संपादकों और मालिकों के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की दीवानी और आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मामले पर मीडिया से बातचीत में कहा कि जय शाह की कंपनियों -टेम्पल एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और कुसुम फिनसर्व- द्वारा किए गए सभी लेनदेन और लिए गए ऋण पारदर्शी थे और ऋण को ब्याज के साथ वापस अदा किया गया था।



गोयल ने कहा, "दुर्भावनापूर्ण तरीके से रपट के जरिए हमारे नेता अमित शाह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जय शाह ने लेखक, संपादक और समाचार वेबसाइट के मालिकों के खिलाफ 100 करोड़ रुपए का आपराधिक और दीवानी मानहानि का मुकदमा दायर करने का निर्णय लिया है।" गोयल ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि यह 'पुरानी कांग्रेस शैली' है।

उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि कांग्रेस भी स्पष्ट करे कि यदि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो उन्हें गांधी परिवार के लेन-देन से संबंधित जस्टिस ढींगरा आयोग की रपट को रोकने के लिए अदालत में नहीं जाना चाहिए।"

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के भूमि लेन-देन में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए राज्य में सत्ता में आने के बाद, हरियाणा सरकार ने ढींगरा आयोग का गठन किया था।

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जय शाह की कंपनियों के लेनदेन के बारे में गोयल ने कहा कि शाह व्यावसायिक रूप से "पूरी तरह जायज और कानून सम्मत कारोबार' करते हैं, जो उनके बही-खातों और आयकर रिटर्न से स्पष्ट है"। गोयल ने कहा कि सभी लेनदेन बैंकों के माध्यम से किए गए हैं।

गोयल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस देश में बैंकों या एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) से ऋण लेने पर कोई रोक है। और सभी ऋण कानून के अनुसार ब्याज की व्यावसायिक दरों पर लिए गए हैं और उसके लिए जमानत भी दी गई है। एनबीएफसी से लिया गया ऋण पूरी तरह ब्याज के साथ अदा कर दिया गया है।"

उन्होंने कहा कि जय शाह ने अपने सभी लेनदेन का पूरा विवरण दिया है और 'द वायर' के संवाददाता द्वारा पूछे गए 'सभी सवालों के जवाब में विस्तार से दिया' है, क्योंकि 'उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है'।

टेम्पल एंटरप्राइज के कारोबार में 80 करोड़ रुपये की अचानक बढ़त पर गोयल ने कहा कि यह कंपनी कृषि-वस्तुओं का कारोबार कर रही थी, जिसमें 'अधिक मात्रा और ऊंचे मूल्य तो हैं, लेकिन लाभ मार्जिन कम' है।

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उन्होंने कहा, "यहां तक कि अगर आप कुछ लेनदेन करते हैं, तो मात्रा बहुत अधिक हो जाती है। कमोडिटी कारोबार में 80 करोड़ रुपये कोई बड़ा कारोबार नहीं है।"

राजेश खांडवाला के स्वामित्व वाली केआईएफएस फाइनेंशियल सर्विसिस से लिए गए ऋणों पर गोयल ने कहा कि आमतौर से बैंक नई और छोटी कंपनियों को ऋण नहीं देते हैं और इसलिए यह ऋण व्यावसायिक ब्याज दर पर पंजीकृत एनबीएफसी केआईएफएस से लिया गया था।

उन्होंने कहा कि कालूपुर कॉमर्शियल सहकारी बैंक ने कुसुम फिनसर्व को 25 करोड़ रुपये का ऋण नहीं दिया है, बल्कि जमानत के रूप में सिर्फ एक साख-पत्र (एलसी) दिया है।

गोयल ने कहा, "इसके अतिरिक्त 10 प्रतिशत नकद मार्जिन दिया गया और इसके अलावा अमित शाह की संपत्ति और कुसुम फिनसर्व का कार्यालय भी इस एलसी सुविधा के लिए गिरवी रखा गया था।"

नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, इंडियन रीन्यूवेबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (आईआरईडीए) ने मध्य प्रदेश के रतलाम में 2.1 मेगावाट की पवनचक्की स्थापित करने के लिए कुसुम फिनसर्व को 10.35 करोड़ रुपए का ऋण दिया था। इस मुद्दे पर गोयल ने कहा, "आईआरईडीए ने देश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पहले ही देश भर में विभिन्न ग्राहकों को 2,000 से अधिक ऋण बांट चुकी है और 50,000 करोड़ रुपये से अधित की मंजूरी दे चुकी है।"

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उन्होंने कहा, "यह दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय प्रयास है। हम इन सभी आधारहीन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं और जय शाह के कारोबार का भरोसा इस सच्चाई से जाहिर होता है कि उन्होंने मानहानि का मुकदमा दाखिल करने का तत्काल फैसला किया है।"

जय शाह पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि ये झूठ और पूरी तरह से आधारहीन और दुर्भावनपूर्ण भाव से किए गए अपमानजनक आरोप हैं। हम इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन करते हैं, नकारते हैं।

उन्होंने कहा कि जय शाह की कंपनी में ट्रांजेक्शन के सारे हिसाब किताब कानून के मुताबिक किए जाते हैं। उनमें टैक्स भरे जाते हैं। वेबसाइट की तरफ से ग़लत आंकड़े देकर झूठ फैलाने की कोशिश की गई है।

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जय शाह ने पेश की सफाई

जय शाह ने कहा कि वह पाक साफ हैं उन्होंने कहा कि ‘द वायर’ वेबसाइट ने एक आर्टिकल पब्लिश ‘The Golden Touch of Jay Amit Shah’ किया जो रोहिणी सिंह ने लिखा है। वेबसाइट के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन हैं। वेबसाइट में झूठ दिखाने की कोशिश की गई है। मेरी प्रतिष्ठा को नीचा दिखाने की कोशिश की गई है। लोगों के मन में ऐसी छवि बनाने की कोशिश की गई है कि मेरे व्यवसाय में मेरी सफलता मेरे पिता की राजनीतिक हैसियत से मिली है। मेरा व्यवसाय पूरी तरह से कानून का पालन करता है। जो मेरे टैक्स रिकार्ड और बैंक ट्रांजेक्शन से पता चलता है. किसी कॉपरेटिव बैंक से लोन नियम कानून के हिसाब से लिए गए।

जय शाह ने आगे कहा कि मैंने लोन पर ब्याज पूरे तय समय के अंदर में चेक से लौटाए हैं। मैंने लोन लेने के लिए अपनी परिवार की संपत्ति को गिरवी रखा। मेरे वकील ने सारे ट्रांजेक्शन की जानकारी पत्रकारों को दे दी है. मेरे पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है।

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क्या कहा कपिल सिब्बल ने ?

कांग्रेस नेता कबिल सिब्बल ने कहा कि ऐसा लगता है कि 2014 में सरकार बदलने के साथ अमित शाह के बेटे की किस्मत भी बदल गई है। अमित शाह के बेटे की कंपनी टेम्पल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड मार्च 2013 में घाटे में थी और ये घाटा 6,239 रुपए था। मांर्च 2014 में भी कंपनी घाटे में रही और घाटा था 1,724 रुपए। लेकिन, 2014-15 में ये कंपनी मुनाफे में आ गई। मई 2014 में कुछ बदलाव हुआ और मुनाफे का कारवां चल पड़ा मुनाफा था 18,728 रुपए और कंपनी का कुल राजस्व था सिर्फ 50,000 रुपए। लेकिन, असल बदलाव 2015-16 में हुआ। जब कंपनी का टर्नओवर 80 करोड़ हो गया। एक साल में टर्नओवर में ये बढ़ोतरी 16,000 गुना रही।.

कपिल सिब्बल ने कहा कि गड़बड़ी हुई है या नहीं ये तो जांच से पता चलेगा। हम जांच की मांग कर रहे हैं। क्या पीएम जांच करवाएंगे? मैं पीएम से ये जानना चाहता हूं कि क्या अब आप सीबीआई को जांच सौपेंगे? जिसके नाम में जय अमित शाह लगा हो उसे कौन अरेस्ट करेगा?”

राहुल गांधी की चुटकी

इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने भी चुटकी ली है राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा “आखिर पता चल गया है कि नोटबंदी का फायदा किसको हुआ। न आरबीआई, न गरीब, न किसान. It’s the Shah-in-Shah of Demo. Jai Amit.”



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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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