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Bihar Politics: चेतन आनंद ने तेजस्वी यादव को याद दिलाया ठाकुर का कुआं, ऐसे लिया आनंद मोहन और क्षत्रिय समाज का बदला

Bihar Politics: ठाकुर का कुआं-एक बार फिर यह चर्चा में आ गया है। बाहुबली आनंद मोहन सिंह के बेटे और राष्ट्रीय जनता दल के विधायक चेतन आनंद ने अपनी ही सरकार के खिलाफ राजग में जाते हुए तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी को अपनी जाति याद दिलाई।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 12 Feb 2024 11:34 AM GMT
Chetan Anand reminded Tejashwi Yadav about Thakurs well, this is how Anand Mohan and Kshatriya community took revenge
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 चेतन आनंद ने तेजस्वी यादव को याद दिलाया ठाकुर का कुआं, ऐसे लिया आनंद मोहन और क्षत्रिय समाज का बदला: Photo- Social Media

Bihar Politics: बिहार में नीतीश सरकार के विश्वास मत को लेकर कल तक काफी चर्चाएं हो रही थीं कि सरकार गिर जाएगी, जदयू के विधायक कुछ टूट कर राजग के साथ जा सकते हैं। लेकिन दांव उल्टा ही पड़ गया राजग के ही तीन विधायक नीतीश सरकार के साथ आ गए और सरकार के पक्ष में वोट किया। भूमिहार जाति के बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने दूसरी वजह से राष्ट्रीय जनता दल का साथ छोड़ा।

अब उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड में वापस संभवना दिखने लगी है। लेकिन वहीं क्षत्रिय नेता और बाहुबली आनंद मोहन सिंह के विधायक बेटे चेतन आनंद के राजद का साथ छोड़ने की वजह एक नहीं बल्कि कई हैं। एक वजह तो उन्होंने खुद ही बता दी। जहां एक तरफ आनंद मोहन जेल से निकलने के बाद क्षत्रिय रानजीति में फिर से जिंदा होने की कोशिश में राजस्थान घूम रहे थे, तो वहीं उनकी पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने 'ठाकुर का कुआं' गीत सुनाकर क्षत्रियों को जगा दिया था। अब चेतन आनंद ने राजद का साथ छोड़ने के बाद जो लिखा, वह पढ़ने लायक है- "ठाकुर के कुएं में पानी बहुत है। सबको पिलाना है।"

छह महीने बाद हुआ जख्म का इलाज

चेतन आनंद ने एक तरह से अपने जख्मों पर खुद ही मरहम लगाने में छह महीने का समय लिया। सितंबर 2023 में राजद से उन्हें एक नहीं, कई जख्म मिले थे। एक जख्म तो यह की क्षत्रिय राजनीति करने वाले बाहुबली आनंद मोहन को लालू प्रसाद यादव ने मिलने का समय नहीं दिया। आनंद मोहन ने खुलकर यह दुख नहीं जताया, लेकिन यह बात तब खूब चर्चा में रही थी। नहीं मिले सो नहीं, लालू यादव ने राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा के खिलाफ बोलने पर आनंद मोहन को बहुत खरी-खोटी सुनाई थी।

जब यह सब हो रहा था, तब संसद में 'ठाकुर का कुआं' कविता सुनाते हुए मनोज झा सुर्खियों में आए थे। चेतन आनंद तब भी राजद विधायक थे। उन्होंने खुलकर अपनी ही पार्टी के नेता मनोज झा के लिए 'दोगलापन' जैसे शब्द का इस्तेमाल करते हुए गुस्से का इजहार किया था। इसी कविता पर आनंद मोहन ने कहा था कि वह अगर राज्यसभा के सभापति होते तो क्या कर गुजरते।

Shashi kant gautam

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