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CM केजरीवाल की जमानत पर सुनवाई पूरी, SC ने सुरक्षित रखा फैसला, 20 मई तक कस्टडी बढ़ी

Arvind Kejriwal Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज सीएम केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। हालांकि, कोर्ट ने अभी कोई आदेश नहीं दिया है।

Aniket Gupta
Published on: 7 May 2024 7:04 AM GMT (Updated on: 7 May 2024 9:16 AM GMT)
CM केजरीवाल की जमानत पर सुनवाई पूरी, SC ने सुरक्षित रखा फैसला, 20 मई तक कस्टडी बढ़ी
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Arvind Kejriwal Case: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव को देखते हुए अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट व ईडी के बीच कई तरह की दलीलें भी हुईं। अब जानकारी सामने आ रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। हालांकि, आज कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया। फिलहाल, 20 मई तक सीएम केजरीवाल की कस्टडी बढ़ा दी गई हैं।

मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में ईडी की तरफ से पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने अपनी दलीलें रखीं। एएसजी राजू ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत रद्द होने के बाद 1100 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस खन्ना ने ईडी से पूछा कि रिश्वत 100 करोड़ थी.. यह 2-3 सालों में 1100 करोड़ की कैसे हो गई? यह रिटर्न की एक अभूतपूर्व दर होगी।

हमारी जांच सीधे तौर पर सीएम केजरीवाल के खिलाफ नहीं: ED

जस्टिस खन्ना की के इस सवाल पर ईडी की तरफ से एएसजी राजू ने कहा कि 590 करोड़ थोक व्यापारी का मुनाफा है। इससे शराब कंपनियों ने 900 करोड़ का मुनाफा कमाया। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि इसमें अंतर लगभग 338 करोड़ का था और यह पूरी चीज अपराध की आय नहीं हो सकती। इसके बाद एएसजी राजू ने जवाब देते हुए कहा कि जब हमने इस मामले की जांच शुरू की थी तो हमारी जांच सीधे तौर पर सीएम केजरीवाल के खिलाफ नहीं थी। जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आई। इसीलिए शुरुआत में उनके बारे में एक भी सवाल नहीं पूछा गया। जांच उन पर केंद्रित नहीं थी।

मामले में पहले अधिकारी की गिरफ्तारी 9 मार्च को हुई

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी से पूछा कि इस केस में सबसे पहले किसी सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी कब हुई थी? गिरफ्तारी की तारीख क्या है? चाहे एक्जिक्यूटिव हो या ब्यूरोक्रेट। इसका जवाब देते हुए ईडी के अधिकारी एएसजी राजू ने कहा कि पहली गिरफ्तारी 9 मार्च को हुई थी। इसके बाद जस्टिस खन्ना ने एएसजी राजू की दलीलों पर सवाल किया कि जिन बयानों के हवाले से आप जो कह रहे हैं वो संभवत: आपकी कल्पना हो सकता है कि किकबैक दिया गया। इस पर राजू ने कहा कि हम अपनी जांच को इन बयानों के आधार पर आगे बढ़ा रहे हैं। हमे उसमें कामयाबी भी मिल रही है।

SC ने ईडी से केस की फाइल नोटिंग मांगी

ईडी की तरफ से पेश हुए एएसजी राजू ने कहा कि हमारे पास उस समय इस मामले में किसी को दोष देने का कोई कारण नहीं था। ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी कि इसमें कौन शामिल था। सीधे सीधे उस समय रिश्वत के बारे में सवाल नहीं पूछ सकते थे। इसके बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि अगर आप सवाल नहीं उठाते तो ये आपका मसला है। इसके बाद जस्टिस खन्ना ने केस की सभी फाइलें मांगी और कहा कि हम देखना चाहते हैं कि ऑफिसर ने क्या नोटिंग्स की। बता दें, सर्वोच्च न्यायालय ने ईडी से तीन अहम केस की फाइल नोटिंग मांगी है। इनमें आरोपी शरत रेड्डी की गिरफ्तारी और मजिस्ट्रेट के सामने बयान, मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के बाद और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले की फाइलें मांगी गई हैं।

आप नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ी

इसके अलावा आज दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एक्साइज पॉलिसी केस से जुड़े सीबीआई मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 15 मई तक बढ़ा दी है। साथ ही कोर्ट ने आगे की बहस के लिए 15 मई की तारीख तय की है।

बीआरएस नेता के कविता की जमानत याचिका खारिज

वहीं दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बीते दिन यानी सोमवार को एक्साइज पॉलिसी मामले में बीआरएस नेता के कविता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। बता दें, इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है। बीआरएस नेता के कविता को ईडी ने 15 मार्च 2024 को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत भी मांगी थी।

Aniket Gupta

Aniket Gupta

Senior Content Writer

Aniket has been associated with the journalism field for the last two years. Graduated from University of Allahabad. Currently working as Senior Content Writer in Newstrack. Aniket has also worked with Rajasthan Patrika. He Has Special interest in politics, education and local crime.

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