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Kalaram Mandir : क्या हैं प्रभु श्री राम का कालाराम मंदिर से सम्बन्ध, क्यों पीएम ने की यहां पूजा अर्चना

Kalaram Mandir : कालाराम मंदिर की अपनी विशिष्ट पौराणिक और ऐतिहासिक गाथाएं भी हैं। एक जमाने में इस मंदिर पर दलितों की एंट्री बैन हुआ करती थी। प्राण प्रतिष्ठा से पहले PM मोदी ने की यहां पूजा

Aakanksha Dixit
Written By Aakanksha Dixit
Published on: 12 Jan 2024 10:23 AM GMT (Updated on: 12 Jan 2024 12:22 PM GMT)
India News
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Kalaram Mandir :source: Newstrack 

PM Narendra Modi News : आज शुक्रवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के नासिक में है। अयोध्या में होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले, पीएम मोदी ने आज गोदावरी पंचवटी क्षेत्र में स्थित श्री कालाराम मंदिर का भी दौरा किया, जो पौराणिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। वहां जाकर मोदी ने गोदावरी नदी के किनारे स्थित रामकुंड में पूजा-अर्चना भी की। रामायण से जुड़े स्थानों में पंचवटी का विशेष महत्व माना जाता है।

पीएम ने सुना युद्ध काण्ड

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के 'प्राण-प्रतिष्ठा' समारोह से 10 दिन पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस स्थान पर आना विशेष महत्व रखता है । क्योंकि इस स्थान का भगवान राम के जीवन से घनिष्ट संबंध है। मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ-साथ, प्रधानमंत्री ने रामायण महाकाव्य भव्य कथा सुनी, खासकर 'युद्ध कांड' खंड को, जिसमें भगवान राम की अयोध्या वापसी का वर्णन है।

वनवास के दौरान यहां रहे थे प्रभु श्री राम

पंचवटी, जो रामायण से जुड़ा हुआ है, इतिहास में एक विशेष और महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस स्थान के बारे में कई महत्वपूर्ण कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने अपने वनवास के दौरान पंचवटी क्षेत्र में स्थित दंडकारण्य वन में कुछ समय बिताया था। "पंचवटी" शब्द का अर्थ है "5 बरगद के पेड़ों की धरती"। एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम ने यहां अपनी कुटिया बनाई थी, क्योंकि 5 बरगद के पेड़ों की उपस्थिति ने इस क्षेत्र को अत्यंत शुभ बना दिया था।

यह है मंदिर की विशेषता

कालाराम मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था। इसका इतिहास बहुत यात्राओं और समर्पण के साथ भरा हुआ है। समय के साथ कई बार नवीनीकरण होने के बावजूद, मंदिर ने अपने प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित रखा है। मंदिर का स्थान और आस-पास का पर्यावरण भी शांतिपूर्ण हैं, जिससे यह ध्यान और प्रार्थना के लिए सुप्रभात स्थल बना हुआ है।

यह पश्चिमी भारत में महाराष्ट्र के नासिक में स्थित है। रामजी के बेहतरीन आधुनिक मंदिरों में से एक है। मंदिर में सादे पत्थर की सत्रह फीट ऊंची दीवार है जो 245 फीट लंबे और 105 फीट चौड़े एक अच्छी तरह से संरक्षित घेरे से घिरी हुई है। मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण की खड़ी प्रतिमाएँ काले पत्थर की हैं और लगभग 2 फीट ऊँची हैं। स्थानीय लोग इसे अपने आध्यात्मिक और पौराणिक अध्ययन का एक केंद्र मानते हैं और यहां आकर अपनी पूजा- अर्चना को समर्पित करते हैं। कालाराम मंदिर की सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक वातावरण के कारण यह एक आकर्षक स्थल है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।

दलितों के प्रवेश पर था प्रतिबंध

एक समय था जब इस मंदिर में दलितों के प्रवेश पर प्रतिबंध था। इस प्रतिबंध के खिलाफ डॉक्टर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने लंबे समय तक इस मुद्दे पर बातचीत की और अंत में हजारों दलितों को इसके बाद मंदिर में प्रवेश की अनुमति मिली।

और भी प्रोजेक्ट्स का होगा उद्घाटन

पीएम नरेंद्र मोदी ने नासिक में कालाराम मंदिर में दर्शन के आलावा 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया और महाराष्ट्र में 30,500 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। इसमें मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल) का उद्घाटन भी शामिल है, जिसे अब 'अटल सेतु' कहा जाता है। यह सबसे लंबा समुद्री पुल है और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ेगा। पीएम ने नवी मुंबई में एक कार्यक्रम में ईस्टर्न फ्रीवेज ऑरेंज गेट को मरीन ड्राइव से जोड़ने वाली सड़क सुरंग की भी शिलान्यास किया। साथ ही, विभिन्न अन्य अहम परियोजनाओं की भी शुरुआत की गई।

Aakanksha Dixit

Aakanksha Dixit

Content Writer

नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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