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Supreme Court Verdict: सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, बाबुओं पर दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों में संरक्षण नहीं

Supreme Court Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट फैसला देते हुए अपने 2017 के संयुक्त सचिव स्तर और उससे ऊपर के सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तारी से छूट के प्रावधान को रद्द कर दिया था।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 11 Sep 2023 2:09 PM GMT
Important decision of Supreme Court, no protection in corruption cases registered against babus
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सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, बाबुओं पर दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों में संरक्षण नहीं: Photo- Social Media

Supreme Court Verdict: संयुक्त सचिव स्तर और उससे ऊपर के सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तारी से छूट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2014 से पहले के भी मामलों में आरोपी अफसरों को संरक्षण नहीं मिलेगा।

क्या 2014 से पहले के लंबे मामलों पर लागू होगा आदेश-

सुप्रीम कोर्ट का 2014 का फैसला पहले से लंबित मामलों पर भी लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने डीपीएसई एक्ट की धारा 6ए को लेकर बनी उहापोह की स्थिति पर स्पष्ट फैसला देते हुए अपने 2017 के संयुक्त सचिव स्तर और उससे ऊपर के सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तारी से छूट के प्रावधान को रद्द कर दिया था, लेकिन बेंच ने ये भी बताया था कि ये आदेश 2014 से पहले के लंबित मामलों पर भी लागू होगा या नहीं।

संविधान पीठ ने लिया फैसला-

2016 में, डॉ किशोर के मामले में तत्कालीन सामान्य पीठ ने इस मामले को 5-न्यायाधीशों की बेंच को यह तय करने के लिए भेजा था कि क्या संयुक्त सचिव स्तर पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों को संरक्षण हटाना पूर्वव्यापी रूप से लागू होगा या नहीं। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने एक फैसले में कहा है कि उसका 2014 का फैसला जिसने संयुक्त सचिव स्तर और उससे ऊपर के सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तारी से छूट हटा दी थी, वह शुरू से ही लागू रहेगा (पिछली तारीख से)। संविधान पीठ ने कहा कि डीएसपीई एक्ट की धारा 6ए सितंबर 2003 से लागू नहीं मानी जाएगी जब इसे लागू किया गया था।

दरअसल संविधान पीठ को ये तय करना था कि क्या किसी संयुक्त सचिव स्तर के सरकारी अधिकारी को कानून के किसी प्रावधान के तहत गिरफ्तारी से मिला सरंक्षण तब भी कायम रहता है, अगर उसकी गिरफ्तारी के बाद आगे चलकर उस कानून को ही कोर्ट रद्द कर दिया गया हो। कोर्ट को तय करना था कि क्या दिल्ली पुलिस स्पेशल एस्टेब्लिशमेंट एक्टके सेक्शन 6(1) के तहत जॉइंट सेकट्री लेवल के अधिकारी को मिला संरक्षण अभी भी कायम रहता है, जिसकी गिरफ्तारी इस सेक्शन के रद्द होने से पहले की है। आज सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि जो अधिकारी सेक्शन के रद्द होने से पहले गिरफ्तार किए गए थे उनके खिलाफ मुकदमा चल सकता है।

Shashi kant gautam

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