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Teesta Setalvad Case: तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, जानें किस मामले में मिली नियमित जमानत

Teesta Setalvad Case: सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति को ये राहत दी है। बेंच ने अंतरिम जमानत को नियमित अग्रिम जमानत में तब्दील कर दिया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 1 Nov 2023 8:36 AM GMT (Updated on: 1 Nov 2023 9:00 AM GMT)
Teesta Setalvad Case
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Teesta Setalvad Case  (photo: social media)

Teesta Setalvad Case: गुजरात दंगों के पीड़ितों की लड़ाई लड़ने का दावा करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से एक और बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत को बरकरार रखा है, जिसे गुजरात हाईकोर्ट ने दिया था। इसके खिलाफ गुजरात सरकार शीर्ष अदालत पहुंची थी। कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले में दखल देने से इनकार करते हुए जमानत को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति को ये राहत दी है। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने अंतरिम जमानत को नियमित अग्रिम जमानत में तब्दील कर दिया है। इस दौरान गुजरात सरकार के वकील ने दोनों पर जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए बेल को रद्द करने की मांग की थी।

किस मामले में मिली है राहत ?

तीस्ता और उनके पति को जिस केस में बुधवार को सर्वोच्च अदालत से बड़ी राहत मिली है, वो 2002 के गुजरात दंगों से ही जुड़ा हुआ है। तीस्ता ने पीड़ितों की मदद के खातिर एनजीओ के जरिए धन एकत्रित किए थे। दंपति पर इसी फंड में कथित तौर पर गड़बड़ी करने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले को लेकर दोनों के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज किए थे। 2019 में गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर दंपति को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट में तीस्ता और उनके पति का पक्ष वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने रखा।

जुलाई में एक और मामले में मिली थी राहत

विवादित सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को इससे पहले जुलाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी थी। उन्हें गुजरात पुलिस ने बीते साल 25 जून जून 2022 में गुजरात दंगा मामले में फर्जी हलफनामा दायर कर अदालती जांच को प्रभावित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। 2 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी और नियमित जमानत के लिए तीस्ता को लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट जाने को कहा था।

गुजरात हाईकोर्ट ने पुलिस की सबूतों को देखते हुए तीस्ता सीतलवाड़ को नियमित जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए तुरंत सरेंडर करने के लिए कहा था। तीस्ता ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी, जहां से फैसला उनके फेवर में आया। सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता को जुलाई 2023 में नियमित जमानत देते हुए आदेश दिया कि वह इस मामले के गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगी और उनसे दूर रहेंगी।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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