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Mahakumbh 2025: फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी पर चढ़ा सनातन का रंग, संन्यास लेकर महा कुम्भ में बनाई गई महा मंडलेश्वर

Mahakumbh 2025: बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ आकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई और इसके बाद गृहस्थ जीवन का हिस्सा त्याग कर उन्होंने संन्यास ले लिया।

Dinesh Singh
Published on: 24 Jan 2025 9:31 PM IST
Mahakumbh 2025
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Mahakumbh 2025 ( Photo- Social Media)

Mahakumbh 2025: फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ग्लैमर की दुनिया छोड़कर धर्म और अध्यात्म की दुनिया में शामिल हो गई। अब उनका नाम माई ममता नंद गिरी होगा । उन्हें किन्नर अखाड़े ने अपना महा मंडलेश्वर बनाया है। ममता अमावस्या का शाही स्नान भी कर सकती हैं।

ग्लैमर से संन्यास जीवन में एंट्री , ममता कुलकर्णी बनी किन्नर अखाड़े की महा मंडलेश्वर

महाकुम्भ में हर कोई सनातन और अध्यात्म के रंग में सराबोर है । फिल्मी सितारे भी इसका हिस्सा बन रहे हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ आकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई और इसके बाद गृहस्थ जीवन का हिस्सा त्याग कर उन्होंने संन्यास ले लिया । दो दर्जन से अधिक हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुकी फिल्म अभिनेत्री ममता ने संन्यास लेने के बाद किन्नर अखाड़े पहुंची जहां अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से बातचीत करने के बाद उन्हें किन्नर अखाड़े में बड़ी जिम्मेदारी भी दी गई है। ममता का पिंड दान करने के बाद किन्नर अखाड़े में उनका पट्टाभिषेक कर किन्नर अखाड़े का महा मंडलेश्वर बना दिया गया। अखाड़े में उसे नया नाम मिला है माई ममता नंद गिरी।

महाकुंभ के मौनी अमावस्या के शाही स्नान में भी शामिल हो सकती हैं ममता

ममता कुलकर्णी ममता अब किन्नर अखाड़े की महा मंडलेश्वर ममता नंद गिरी हैं । किन्नर अखाड़े का पदाधिकारी होने के नाते वह मौनी अमावस्या के शाही स्नान में शामिल होकर त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगा सकती है। पट्टाभिषेक के बाद ममता ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य होगा कि महाकुंभ की इस पवित्र बेला में मैं भी साक्षी बन रही हूं। संतों के आशीर्वाद प्राप्त कर रही हूं। अचानक संन्यास लेने के सवाल पर ममता का कहना है कि वह अपने गुरु श्री चैतन्य गगन गिरी से कुपोली आश्रम में 23 साल पूर्व दीक्षा ली थी और अब पूरी तरह संन्यास जीवन के साथ नए जिंदगी में प्रवेश कर रही हूं। महामंडलेश्वर बनना, वो भी अर्धनारीश्वर स्वरूप के हाथों से बनना। इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है।

ममता का कहना है कि अब बॉलीवुड से उनका कोई नाता नहीं है। वो तो मैंने कब का छोड़ दिया। मैं 2013 के कुंभ मेले में आई थी। 144 साल बाद ये जो महाकुंभ है। मैं सिर्फ इसके लिए आई हूं। अब मुझे महामंडलेश्वर की ख्याति मिल रही है। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। अब मुझे कुछ नहीं चाहिए।



Shalini singh

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