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इशरत केसः IB के रिटा. अफसर का आरोप-UPA सरकार ने दबाई थी रिपोर्ट

Newstrack
Published on: 11 Feb 2016 11:38 AM GMT
इशरत केसः IB के रिटा. अफसर का आरोप-UPA सरकार ने दबाई थी रिपोर्ट
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नई दिल्ली:इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ केस में आईबी के पूर्व अफसर ने तत्कालीन यूपीए सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। आईबी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राजेंद्र कुमार ने कहा है कि यूपीए सरकार को इशरत के लश्कर कनेक्शन की पूरी जानकारी थी। लेकिन पद का लालच देकर सरकार ने खुफिया रिपोर्ट दबाने की कोशिश की। ये बयान इस समय इसलिए अहम है कि 26/11 हमले का आरोपी डेविड हेडली ने स्पेशल कोर्ट के सामने कबूला था कि इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी थी।

मुठभेड़ से IB का कोई संबंध नहीं

राजेंद्र कुमार ने बताया कि आईबी का काम पुलिस को इनपुट देना है। हमने जो भी सूचनाएं जुटाई थीं सब पुलिस को दे दी थी। मुठभेड़ से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। मैंने तब लिखा था कि वे लोग गुजरात सहित भारत के कई हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं।हलफनामा बदला गया

राजेंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने एक हलफनामा भी दिया था, जिस पर मुकेश मित्तल के हस्ताक्षर थे। यह हलफनामा सुधारा गया और इसमें कुछ संशोधन कर दूसरा हलफनामा दिया गया। हलफनामों पर पी. चिदंबरम ने हस्ताक्षर किए। इसमें साजिश है। पूरे सिस्टम का गलत इस्तेमाल हुआ है।

चिदंबरम के हस्ताक्षर पर सवाल

राजेंद्र कुमार ने सवाल उठाया कि चिदंबरम को अप्रूवर किसने बनाया? यह बताता है कि इसमें वह सब लिखा गया, जो वे चाहते थे। सुशील कुमार शिंदे नहीं चाहते थे कि इसमें उनका नाम आए। हर कोई जानता था कि यह कोई एनकाउंटर नहीं, बल्कि एंटी टेररिस्ट काउंटर है।

जेल में बंद हेडली ने किया था खुलासा, कहा-लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी थी इशरत जहां

26/11 को हुए आतंकी हमले के गवाह डेविड हेडली ने गुजरात में 2004 में एनकाउंटर में मारी गई इशरत जहां को लश्कर-ए-तैयबा की आतंकवादी बताया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमेरिका की जेल में बंद हेडली ने गुरुवार को अपनी गवाही में कहा कि 15 जून, 2004 को अहमदाबाद में एनकांटर में मारी गई इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की आतंकवादी थी। हेडली के इस खुलासे के बाद कांग्रेस समेत उन राजनीतिक दलों को अब जवाब देना होगा जो उसे बेकसूर और एंकाउंटर को फर्जी बता रहे थे।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार और सांसद अली अनवर ने तो उसे बिहार की बेटी कहा था। वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने हेडली के खुलासे के बाद कहा कि इशरत को बिहार की बेटी बताने वाले अब कहां हैं। एनकाउंटर के बाद गुजरात पुलिस का दावा था कि मुंबई के मुंब्रा इलाके की रहने वाली इशरत अपने प्रेमी और तीन अन्य लोगों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या के इरादे से आई थी। तब मोदी गुजरात के सीएम थे। इशरत जहां का प्रेमी जावेद शेख जाली नोटों का सौदागर था। उसके साथ और दो लोग पाकिस्तानी आतंकवादी थे। गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर बनाई गई एसआईटी ने एनकाउंटर को फर्जी करार दिया। इसमें कई पुलिस अधिकारियों भी जांच के घेरे में आए।

सीबीआई ने चार्जशीट में बताया था स्टूडेंट

कोर्ट के ऑर्डर पर सीबीआई ने इस एनकाउंटर की जांच शुरू की। कई सीनियर पुलिस अफसर भी जांच के घेरे में आए। बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया। इस एनकाउंटर की जांच में 2013 में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में इशरत जहां को एक तरह से बेगुनाह बताते हुए उसे केवल कॉलेज स्टूडेंट बताया था, लेकिन आईबी ने सीबीआई जांच को खारिज करते हुए कहा था कि स्टूडेंट थी तो हथियारों के साथ अहमदाबाद क्यों पहुंचीं?

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