×

चार साल बाद नीतीश कुमार ने डाली NDA के गले में जयमाला

By
Published on: 19 Aug 2017 5:53 AM GMT
चार साल बाद नीतीश कुमार ने डाली NDA के गले में जयमाला
X

पटना: जनतादल यूनाईटेड चार साल बाद 19 अगस्त को फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो गया । पार्टी अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतिश कुमार की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजग में शामिल होने का प्रस्ताव पारित किया गया ।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले सप्ताह जदयू को राजग में शामिल होेने का न्योता दिया था। दूसरी ओर पटना में ही जनअदालत कर रहे शरद यादव ने कहा कि असली जनता दल यू उनकी पार्टी है और वो इस मामले में जल्द ही निर्वाचन आयोग के समक्ष दावा करेंगे । जद यू कार्यकारिणी की बैठक नीतिश के सरकारी आवास पर हुई तो शरद की जन अदालत श्री कृष्ण मेमोरियल हाल में ।

नीतिश की अगुवाई में पंजाब, झारखंड समेत अन्य राज्यों के जेडीयू प्रदेश अध्यक्षों की मौजूदगी में यह फैसला किया गया। जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने इस संबंध में प्रस्ताव रखा और सर्व सम्मति से उसे पास किया गया। नीतीश कुमार की जेडीयू जून 2013 में एनडीए से अलग हुई थी।

केसी त्यागी ने शरद पर लगाया भ्रम फैलाने का आरोप

बैठक से पहले केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू में कोई फूट नहीं है। कुछ लोग अपनी दुकान चलाने के लिए जानबूझ कर भ्रम का माहौल बना रहे हैं। ऐसे लोगों की जनता की नजरों में कोई अहमियत नहीं है। जेडीयू के सभी विधायक और जिला अध्यक्ष हमारे साथ हैं। पार्टी के 19 में से 16 राष्ट्रीय पदाधिकारी नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं। त्यागी ने कहा कि शरद यादव को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बुलाया गया है। उनको आकर अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शरद यादव के खिलाफ अभरी कार्रवाई नहीं होगी। उन्हें चेताया गया है कि वो 27 अगस्त को लालू प्रसाद यादव की पटना में होने वाली रैली से खुद को अलग रखें । यदि वो रैली में शामिल होते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी ।

शरद यादव के सहयोगी और पार्टी के महासचिव पद से हटा दिए गए अरूण कुमार श्रीवास्तव ने ने कहा कि असली जेडीयू शरद यादव की है। नीतीश कुमार बीजेपी के हो गए हैं। उन्हें अब कमल छाप से चुनाव लड़ना होगा। शरद यादव ने जेडीयू की स्थापना की थी। नीतीश ने तो समता पार्टी बनाई थी। नीतीश जेडीयू में शामिल हुए थे।

- उन्होंने कहा कि शरद यादव ने तीन दिनों की बिहार यात्रा की थी। इस दौरान उन्हें मिले जन समर्थन से नीतीश कुमार डर गए हैं।"

शरद यादव ने श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कहा कि किसी को किसी नेता या दल के खिलाफ नाम लेकर कुछ कहने की जरूरत नहीं है। हम यहां बिहार की जनता के सुख-दुख के साथ खड़े होने आए हैं। अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि "नीतीश सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। शरद का गुट पार्टी के चुनाव चिह्न तीर पर भी अपना दावा करेगा। यादव गुट जल्द ही इलेक्शन कमीशन जाएगा।" - अरुण के मुताबिक, "हम सब राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सामने अपनी बात कहना चाहते थे, लेकिन नीतीश ने हम तीनों को बिना कोई नोटिस दिए हटा दिया, इसलिए हमने बैठक का बायकॉट कर पटना में उसी वक्त अपनी बैठक करने का फैसला लिया।"

- उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को पार्टी के 10 सांसदों और 71 विधायकों के अलावा सिर्फ 5 राज्यों का समर्थन हासिल है।

इसबीच बैठक खत्म होने के बाद सीएम के सरकारी आवास के पास नीतिश और शरद यादव समर्थकों के बीच मारपीट भी हुई ।

क्या बोले लालू प्रसाद

वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश तो अब भाजपा के हो गए हैं, अब वह 'कमल' चुनाव चिह्न् पर चुनाव लड़ेंगे। पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए नीतीश को 'पलटू राम' करार देते हुए लालू ने कहा, "पलटू राम अब पलटी मारते हुए भाजपा के साथ हो गए हैं। अब वे कमल चुनाव चिह्न् पर चुनाव लड़ेंगे।"

उन्होंने कहा कि असली जद (यू) शरद यादव की थी और रहेगी। लालू ने दावा करते हुए कहा कि सभी जद (यू) समर्थक, जो समान विचार धारा के हैं, वे शरद के साथ हैं।

मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर जद (यू) की बैठक आयोजित करने पर नीतीश पर कटाक्ष करते हुए लालू ने कहा, "मैंने पहले भी नीतीश को 'रणछोड़' कहा था, वह आज साबित हो गया। वे डर के कारण होटल के बजाय मुख्यमंत्री आवास पर बैठक कर रहे हैं। डर के मारे छिपकर अपने घर में बैठक कर रहे हैं। वे पलटूराम थे और आज भी पलटूराम ही हैं। रोज दल बदलते रहते हैं।"

लालू ने भागलपुर के सृजन घोटाले की चर्चा करते हुए कहा कि इस मामले में नीतीश कुमार फंस गए हैं। उन्होंने दावा किया कि इस मामले में 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ है। लालू ने कहा कि नीतीश ने दबाव में इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की बात की है।

Next Story