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जिम्बाब्वे : मुगाबे और उनकी पत्नी के खिलाफ कोई मामला नहीं चलेगा

Rishi
Published on: 23 Nov 2017 7:16 PM GMT
जिम्बाब्वे  : मुगाबे और उनकी पत्नी के खिलाफ कोई मामला नहीं चलेगा
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हरारे : जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे और उनकी पत्नी ग्रेस को अभियोजन से मुक्ति प्रदान की गई है। सेना ने गुरुवार को कहा कि दोनों को देश में रहने की अनुमति भी दी गई है। कर्नल ओवरसन मुग्विसी के मुताबिक 93 वर्षीय पूर्व नेता के साथ समझौता किया गया है जिसमें अभियोजन से मुक्ति और उनके एवं उनकी पत्नी के लिए सुरक्षा की गारंटी शामिल है।

मुगाबे ने मंगलवार को 37 वर्ष तक चले अपने शासनकाल को खत्म करते हुए इस्तीफा दे दिया। उन पर अपने विपक्षी क्षेत्रों में अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए 1980 के दशक के मध्य में नरसंहार का आदेश देने का आरोप लगता रहा है जिसमें 20,000 तक लोग मारे गए थे। उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगते रहे हैं।

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लेकिन, रंगभेद के खिलाफ देश की स्वाधीनता संग्राम के वह नायक भी रहे हैं।

सेना द्वारा हरारे पर कब्जा करने और मुगाबे को नजरबंद करने के बाद उन्होंने एक हफ्ते तक सेना के साथ अपने सत्ता से हटने पर बातचीत की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक लम्बी प्रक्रिया में सैन्य अधिकारियों ने मुगाबे की मांगें मंजूर कीं और उनके पद से हटने से पहले मुगाबे को अपनी कई संपत्तियों को रखने की भी अनुमति दी।

मुगाबे के पूर्व साथी एमरसन म्नांगाग्वा अंतरिम राष्ट्रपति का पदभार संभालने के लिए बुधवार को देश वापस लौटे। उन्होंने वादा किया कि वह देश में नया लोकतंत्र लाएंगे। वह शुक्रवार को शपथ लेंगे।

वापस लौटने के बाद 'द क्रोकोडाइल' के नाम से जाने-जाने वाले म्नांगाग्वा ने समर्थकों से कहा, "जनता ने बोला हैं। जनता की आवाज भगवान की आवाज है।"

म्नांगगवा ने कहा, "मैं आपका दास बनने की प्रतिज्ञा करता हूं। मैं जिम्बाब्वे के सभी वास्तविक देशभक्तों से एक साथ आने की अपील करता हूं। हम साथ काम करते हैं। हम अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना चाहते हैं। हम हमारे देश में शांति और नौकरियां चाहते हैं।"

इस महीने की शुरुआत में म्नांगाग्वा की बर्खास्तगी ने देश को एक राजनीतिक संकट में धकेल दिया और सेना प्रमुखों को राजधानी पर नियंत्रण करने और मुगाबे का नजरबंद करने के लिए प्रेरित किया।

मुगाबे ने शुरुआत में इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था लेकिन संसद द्वारा महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने के बाद उन्होंने मंगलवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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