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BSP: तीन तलाक पर प्रतिबंध से सहमत लेकिन विधेयक के प्रावधान मंजूर नहीं

aman
By aman
Published on: 5 Jan 2018 10:57 AM GMT
BSP: तीन तलाक पर प्रतिबंध से सहमत लेकिन विधेयक के प्रावधान मंजूर नहीं
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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने तीन तलाक पर प्रतिबंध से सहमति जताई है पर विधेयक के प्रावधान पार्टी मुखिया मायावती को मंजूर नहीं है। उन्होंने राज्यसभा में प्रस्तावित मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2017 को गंभीर त्रुटियों व कमियों वाला विधेयक करार दिया है। उनका साफ कहना है कि यदि यह विधेयक वर्तमान स्वरूप में पारित होकर कानून बन जाता है, तो इससे मुस्लिम महिलाएं दोहरे अत्याचार का शिकार होंगी। इससे उनका हित होने के बजाए अहित ही होगा।

मायावती ने शुक्रवार (05 जनवरी) को जारी बयान में कहा, कि तीन तलाक पर प्रतिबंध से संबंधित कानून बनाने से पार्टी सहमत है। पर मौजूदा विधेयक में सज़ा का जो प्रावधान किया गया है वह तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के लिए ज़्यादा बुरा है। यह उनके लिए नई समस्यायें पैदा करेगा। जिससे उनका जीवन ज्यादा मुश्किल हो जाएगा और वे शोषण का शिकार होंगी। मोदी सरकार को इन कमियों पर खुले मन से विचार करना चाहिए। इसी सिलसिले में विचार-विमर्श के लिए विधेयक को राज्यसभा की प्रवर समिति को भेजने की मांग की जा रही है।

कानून बनाने से पहले होमवर्क नहीं, नीयत में खोट

मायावती ने कहा, कि 'कानून बनाने से पहले जो होमवर्क होना चाहिए, वह सरकार ने नहीं किया। बल्कि जल्दबाजी में विपक्षी पार्टियों से थोड़ा सलाह-मशविरा करना भी गवारा नहीं किया। यह इनकी चूक नहीं थी बल्कि इनकी नीयत में खोट को दर्शाता है। वास्तव में मोदी सरकार मनमानी करने की आदी हो गई है।'

हर नई व्यवस्था जनता के लिए जान का जंजाल

बसपा सुप्रीमो आगे बोलीं, 'चाहे नोटबंदी का अपरिपक्व फैसला हो या जल्दबादी में जीएसटी कर का नया कानून लाया गया हो। अब तीन तलाक के अहम मामले में भी मोदी सरकार के अड़ियल रवैये के कारण नई व्यवस्था जनता के लिए जी का जंजाल साबित हुई है।'

समाज को उद्वेलित करना चाहती है बीजेपी

मायावती ने कहा, कि 'ऐसा लगता है कि मोदी सरकार अपनी मुस्लिम विरोधी नीति व कार्यकलाप के कारण पूरे समाज को उद्वेलित करना चाहती है ताकि यह मामला भी हिन्दू-मुस्लिम बन जाए और बीजेपी अपनी राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ की रोटी सेंकती रहे। यदि सरकार की नीयत साफ होती तो यह विधेयक प्रवर समिति को भेजकर बेहतर विधेयक तैयार करने के मामले में हठधर्मिता नहीं अपनाती और ना ही फिर इस मामले में संसद का इतना समय बर्बाद होता।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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