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Lok Sabha Election 2024: बहरामपुर में अधीर को इस बार ममता ने फंसाया, डबल हैट्रिक की राह में यूसुफ पठान बने बड़ी बाधा

Lok Sabha Election 2024: चौधरी को इस बार जीत से रोकने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मशहूर क्रिकेटर यूसुफ पठान को चुनावी अखाड़े में उतार दिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 10 May 2024 8:22 AM GMT
Yusuf Pathan, Mamata Banerjee , adhir Ranjan
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Yusuf Pathan, Mamata Banerjee , adhir Ranjan  (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनाव में इस बार तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। दोनों दलों के बीच इस जोर आजमाइश में कांग्रेस और वामपंथी दल पिछड़ गए हैं मगर राज्य की बहरामपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी टीएमसी को कड़ी चुनौती देने में जुटे हुए हैं। चौधरी 1999 से लगातार पांच बार इस लोकसभा सीट पर चुनाव जीत चुके हैं और वे इस बार डबल हैट्रिक लगाने के लिए बहरामपुर के चुनावी अखाड़े में उतरे हैं।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी के बीच हमेशा छत्तीस का रिश्ता रहा है। चौधरी को इस बार जीत से रोकने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मशहूर क्रिकेटर यूसुफ पठान को चुनावी अखाड़े में उतार दिया है। ऐसे में अधीर रंजन की डबल हैट्रिक की राह में यूसुफ पठान बड़ी रुकावट बनकर खड़े हो गए हैं। अधीर रंजन और यूसुफ पठान के बीच हो रहे इस हाई प्रोफाइल मुकाबले पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं। भाजपा ने इस सीट पर निर्मल साहा को चुनाव मैदान में उतारा है और वे भी अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

ढाई दशक से चौधरी का अजेय दुर्ग

पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट पर विपक्षी गठबंधन के बीच ही रोचक मुकाबला हो रहा है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में बोलते हुए कई बार अपना धीरज खोते हुए नजर आए हैं मगर पश्चिम बंगाल की चुनावी लड़ाई में उन्होंने अपना धैर्य कभी नहीं खोया। इसी का नतीजा है कि वे पिछले पांच लोकसभा चुनाव से लगातार जीत हासिल कर रहे हैं।

गरीबों के मसीहा और रॉबिन हुड के नाम से मशहूर अधीर रंजन चौधरी की बदौलत ही पश्चिम बंगाल में कभी सीपीएम और अब तृणमूल कांग्रेस के वर्चस्व के दौर में भी कांग्रेस का वजूद बचा हुआ है। पिछले ढाई दशक के दौरान उन्होंने अपने गढ़ मुर्शिदाबाद को कांग्रेस का अजेय दुर्ग बना रखा है।


ममता और चौधरी में सियासी अदावत

पश्चिम बंगाल की सियासत में ममता बनर्जी दो नेताओं को काफी नापसंद करती रही हैं। इनमें एक हैं अधीर रंजन चौधरी और दूसरे हैं भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी। पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनाव में इस बार ममता बनर्जी सभी लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ रही हैं।

हालांकि वे खुद को इंडिया गठबंधन में शामिल बताती हैं। उनका कहना है कि बंगाल में इंडिया गठबंधन का कोई मतलब नहीं है। हालांकि इसके साथ ही वे देश के अन्य हिस्सों में इस गठबंधन की उपयोगिता को भी स्वीकार करती हैं।

अधीर रंजन चौधरी और ममता बनर्जी हमेशा एक-दूसरे पर हमला बोलते रहे हैं। चौधरी ने भी ममता को घेरने में कभी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। एक ओर ममता कांग्रेस पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम दलों पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाती हैं तो दूसरी ओर अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि ममता के कारण ही पश्चिम बंगाल में भाजपा ताकतवर बन गई है।


मुस्लिम वोट बैंक में लग सकती है सेंध

बहरामपुर लोकसभा सीट पर इस बार तृणमूल कांग्रेस की ओर से अधीर रंजन चौधरी की मजबूत घेराबंदी की गई है इस लोकसभा क्षेत्र में 52 फीसदी मुस्लिम आबादी है और तृणमूल कांग्रेस ने चौधरी के खिलाफ पहली बार मशहूर क्रिकेटर यूसुफ पठान के रूप में मजबूत मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है। तृणमूल कांग्रेस की रणनीति मुस्लिम वोटों के सहारे ऐसे दुश्मन को परास्त करना जो हमेशा ममता के खिलाफ मोर्चा खोले रखना है।

दूसरी ओर चौधरी भी बहरामपुर में अपने किले को बचाने के लिए सधी हुई चालें चल रहे हैं। वे अपने चुनाव क्षेत्र में हमेशा सक्रिय रहते हैं और सब के सुख-दुख में शामिल होते हैं। यही कारण है कि इस लोकसभा क्षेत्र में उन्हें मतदाताओं का लंबे समय से समर्थन मिलता रहा है।


2019 के चुनाव का नतीजा

पिछले लोकसभा चुनाव में अधीर रंजन चौधरी ने 5 लाख 91 हजार 106 वोट हासिल किए थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के अपूर्व सरकार को 5 लाख 10 हजार 410 वोट मिले थे। इस तरह अधीर रंजन चौधरी ने करीब 81,000 वोटों से यह मुकाबला जीत लिया था। अब ममता बनर्जी की ओर से की गई घेराबंदी के कारण चौधरी की सियासी राह उतनी आसान नहीं मानी जा रही है।

बाहरी बताए जाने पर पठान का जवाब

कांग्रेस की ओर से तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी यूसुफ पठान को बाहरी बताया जा रहा है। अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि यूसुफ पठान का बरहमपुर से कोई लेना-देना नहीं है। ममता बनर्जी ने केवल उन्हें हराने के लिए पठान को चुनाव मैदान में उतारा है।

दूसरी ओर पठान का कहना है कि नरेंद्र मोदी गुजरात से हैं, लेकिन वाराणसी से चुनाव लड़ते हैं। ऐसे में अगर मैं यहां (बंगाल) से चुनाव लड़ूं तो क्या समस्या है? मैं बंगाल का बच्चा हूं। मैं यहां रहने के लिए आया हूं। वे कहते हैं कि चुनाव जीतने के बाद मैं क्षेत्र के लोगों की सेवा में कोई कसर बाकी नहीं छोडूंगा।


चौधरी की डबल हैट्रिक पर सबकी निगाहें

हालांकि टीएमसी के भरतपुर विधायक हुमायूं कबीर पठान को उम्मीदवार बताए जाने से नाराज थे मगर अब टीएमसी नेतृत्व ने उन्हें मना लिया है और वे पठान का प्रचार करने में जुटे हुए हैं।

बहरामपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होने वाला है और चुनावी बाजी जीतने के लिए टीएमसी और कांग्रेस दोनों ने पूरी ताकत लगा रखी है।

अब यह देखने वाली बात होगी कि अधीर रंजन चौधरी डबल हैट्रिक लगाने में कामयाब हो पाते हैं या क्रिकेटर यूसुफ पठान लंबे समय से जारी उनकी जीत का सिलसिला तोड़ देते हैं। बहरामपुर में ममता बनर्जी और चौधरी दोनों की प्रतिष्ठा गांव पर लगी हुई है और ऐसे में सबको चुनाव नतीजे का इंतजार है कि आखिरकार कौन चुनावी अखाड़े में बाजी मारने में कामयाब होता है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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