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UP Lok Sabha Election: दूसरे चरण में यूपी की कई सीटों पर सबकी निगाहें, इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी

UP Lok Sabha Election 2024: 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी ताकत दिखाते हुए इनमें से सात सीटों पर जीत हासिल की थी। सिर्फ अमरोहा सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 24 April 2024 9:05 AM GMT
UP Lok sabha election 2024
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UP Lok sabha election 2024  (PHOTO: social media )

UP Lok Sabha Election 2024: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले चरण की आठ सीटों पर मतदान के बाद अब दूसरे चरण की आठ सीटों को सियासी नजरिए से काफी अहम मान जा रहा है। इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी ताकत दिखाते हुए इनमें से सात सीटों पर जीत हासिल की थी। सिर्फ अमरोहा सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।

दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मेरठ, मथुरा, बुलंदशहर, बागपत, अमरोहा, अलीगढ़, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की आठ सीटों पर मतदान होना है। दूसरे चरण में अरुण गोविल, हेमा मालिनी, महेश शर्मा, दानिश अली, सतीश गौतम और अतुल गर्ग जैसे दिग्गज प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है। कांग्रेस के लिए भी दूसरा चरण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि चार सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा जबकि शेष चार सीटों पर समाजवादी पार्टी अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटी हुई है।

सभी दलों के लिए क्यों अहम है दूसरा चरण

उत्तर प्रदेश में मतदान का दूसरा चरण भाजपा-रालोद गठबंधन के साथ ही सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए कड़ी परीक्षा वाला माना जा रहा है। दूसरे चरण की आठ में से 7 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा जबकि बागपत सीट पर एनडीए गठबंधन में शामिल रालोद के प्रत्याशी की किस्मत गांव पर लगी हुई है। कांग्रेस के लिए भी दूसरा चरण अग्निपरीक्षा माना जा रहा है क्योंकि पार्टी ने दूसरे चरण की गाजियाबाद, मथुरा, बुलंदशहर और अमरोहा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। दूसरे चरण में जिन चार सीटों पर सपा के प्रत्याशी अपनी ताकत दिखाएंगे उनमें गौतम बुद्ध नगर, अलीगढ़, बागपत और मेरठ की सीटें शामिल हैं।

इस तरह दूसरे चरण में इंडिया गठबंधन में शामिल सपा और कांग्रेस की बराबर की साख दांव पर लगी हुई है। प्रचार के आखिरी चरण में आठ सीटों पर सभी दलों के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी और अब मतदाताओं के फैसले का इंतजार है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा भी अपनी ताकत दिखाती रही है और इस कारण दूसरे चरण का मतदान बसपा मुखिया मायावती की सियासी ताकत के लिए भी काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।

दूसरे चरण के दिग्गज उम्मीदवार

दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर दिग्गज उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। कई सीटों पर दिग्गज उम्मीदवार कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि उत्तर प्रदेश की वे कौन सी हाईप्रोफाइल सीटें हैं जिन पर 26 अप्रैल को मतदाता दिग्गज उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।

अरुण गोविल

चर्चित धारावाहिक रामायण में प्रभु श्रीराम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल के चुनाव मैदान में उतरने के कारण मेरठ लोकसभा सीट हॉट सीट मानी जा रही है। अयोध्या के राम मंदिर का मुद्दा लंबे समय से भाजपा के टॉप एजेंडे में रहा है। इसलिए भाजपा ने इस सीट पर पूरी ताकत लगा रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ में चुनावी सभाएं और रोड शो कर चुके हैं।

भाजपा ने लगातार दो बार इस सीट पर जीत हासिल करने वाले राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर इस बार अरुण गोविल को चुनाव मैदान में उतारा है। सपा ने इस लोकसभा क्षेत्र में तीन बार अपना प्रत्याशी बदला और आखिर में मेरठ की पूर्व मेयर सुनीता वर्मा का नाम फाइनल किया। बसपा ने देवव्रत त्यागी को चुनाव मैदान में उतारकर भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है।


हेमा मालिनी

मथुरा लोकसभा सीट पर चर्चित बॉलीवुड एक्ट्रेस हेमा मालिनी की किस्मत का भी 26 अप्रैल को फैसला होगा। भाजपा उम्मीदवार हेमा मालिनी इस बार हैट्रिक लगाने की कोशिश में जुटी हुई हैं। 2014 और 2019 में जीत हासिल करने के बाद वे एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरी हैं। उन्हें चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने इस सीट पर मुकेश धनगर को चुनाव मैदान में उतारा है। बसपा ने सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी सुरेश सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है।


महेश शर्मा

गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने सांसद और पेशे से डॉक्टर महेश शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। महेश शर्मा दो बार इस सीट पर चुनाव जीत चुके हैं और इस बार वे हैट्रिक लगाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। दिलचस्प बात यह है कि गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर दो डॉक्टरों के बीच भिड़ंत हो रही है। सपा ने इस सीट पर डॉक्टर महेंद्र नागर को अपना प्रत्याशी बनाया है।

बसपा मुखिया मायावती ने अपने गृह क्षेत्र की इस लोकसभा सीट पर पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह सोलंकी पर दांव खेला है। तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने अलग-अलग प्रत्याशियों पर दांव खेला है। डॉ महेश शर्मा ने लगातार तीसरी जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है मगर सपा और बसपा की ओर से उनकी मजबूत घेरेबंदी की गई है।


दानिश अली

अमरोहा लोकसभा सीट के मौजूदा सांसद दानिश अली इस बार पाला बदलते हुए कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था मगर बाद में बसपा मुखिया मायावती ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। मुस्लिम बहुल इस सीट पर बसपा ने मुजाहिद हुसैन को चुनाव मैदान में उतारकर मुस्लिम वोट बैंक में बंटवारे की बिसात बिछा दी है।

भाजपा ने इस सीट पर कंवर सिंह तंवर को चुनाव मैदान में उतारा है जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर जीत हासिल की थी। 1980 के बाद इस लोकसभा सीट पर कोई भी प्रत्याशी लगातार दो बार जीत हासिल नहीं कर सका है। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि दानिश अली इस बार अपनी ताकत दिखाने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं।


सतीश गौतम

अलीगढ़ लोकसभा क्षेत्र में लगातार दो बार जीत हासिल करने के बाद भाजपा सांसद सतीश गौतम इस बार हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखने वाले सतीश गौतम को घेरने के लिए बसपा मुखिया मायावती ने बड़ा सियासी दांव खेला है। उन्होंने भगवा खेमा छोड़कर आने वाले हितेंद्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय को अपना उम्मीदवार बना दिया है। सपा ने इस लोकसभा क्षेत्र में जाट प्रत्याशी पूर्व सांसद चौधरी बिजेंद्र सिंह पर फिर दांव खेला है। इस क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है और ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि सतीश गौतम हैट्रिक लगाने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं।


अतुल गर्ग

गाजियाबाद लोकसभा सीट पर पिछले दो चुनावों में भाजपा के टिकट पर जनरल वीके सिंह ने बाजी मारी थी मगर इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटते हुए पूर्व राज्य मंत्री और मौजूदा विधायक अतुल गर्ग को चुनाव मैदान में उतारा है। बसपा मुखिया मायावती ने ठाकुर बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले नंदकिशोर पुंडीर को चुनाव मैदान में उतार कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।

सपा-कांग्रेस गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है और कांग्रेस ने इस सीट पर डाली शर्मा को अपना उम्मीदवार बताया बनाया है। जनरल वीके सिंह का टिकट काटे जाने से ठाकुरों में नाराजगी दिख रही है। भाजपा की ओर से डैमेज कंट्रोल की काफी कोशिश की गई है और ऐसे में ठाकुर मतदाताओं के रुख पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।



Monika

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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