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Lok Sabha Election: दूसरे चरण में सियासी दिग्गजों को रिश्तेदारों की चिंता, कहीं बेटे या भाई तो कहीं दामाद की साख दांव पर

Lok Sabha Election 2024: सबसे दिलचस्प मुकाबला तो राजस्थान में हो रहा है जहां दो पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के बेटों की किस्मत का फैसला होना है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 26 April 2024 5:37 AM GMT
Ashok Gehlot son Vaibhav Gehlot, Vasundhara Raje son Dushyant Singh
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Ashok Gehlot son Vaibhav Gehlot, Vasundhara Raje son Dushyant Singh  (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव का दूसरा चरण विभिन्न पार्टियों से जुड़े कई सियासी दिग्गजों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दूसरे चरण में कई दिग्गजों के करीबी रिश्तेदारों की किस्मत का फैसला होना है। कहीं बेटे और भाई की साख दांव पर लगी हुई है तो कहीं दामाद या पोते का सियासी सफर मतदाताओं के फैसले पर निर्भर है। अपने करीबी रिश्तेदारों को जीत दिलाने के लिए इन सियासी दिग्गजों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत लगाई है।

सबसे दिलचस्प मुकाबला तो राजस्थान में हो रहा है जहां दो पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के बेटों की किस्मत का फैसला होना है। अपने-अपने बेटों की जीत सुनिश्चित करने के लिए इन दोनों वरिष्ठ नेताओं ने अपना पूरा फोकस बेटों के चुनाव क्षेत्र में ही कर रखा है। कर्नाटक पर भी सबकी निगाहें लगी हुई हैं क्योंकि यहां पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के बेटे और दामाद दोनों की किस्मत का फैसला दूसरे चरण में ही होना है।

दूसरा चरण सियासी दिग्गजों के लिए अहम

देश की सियासत में कई बड़े नेता अपनी विरासत अपने बेटे हो या किसी अन्य करीबी रिश्तेदार को सौंपने की कोशिश में जुटे हुए हैं। दूसरा चरण कई सियासी दिग्गजों के लिए इसलिए अहम होगा क्योंकि इस चरण में ही इस बात का फैसला होना है कि इन सियासी दिग्गजों को अपनी मुहिम में कामयाबी मिलेगी या नहीं। वैसे इन बड़े नेताओं ने चुनाव तारीखों के ऐलान के पहले ही अपने रिश्तेदारों के लिए चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी थी।

दूसरे चरण में देश की 88 लोकसभा सीटों पर मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करने वाले हैं। शांतिपूर्ण चुनाव के लिए आयोग और प्रशासन की ओर से कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। चुनाव नतीजे का ऐलान 4 जून को किया जाना है मगर इससे पहले यह जानना जरूरी है कि किन सियासी दिग्गजों के करीबी रिश्तेदारों का फैसला दूसरे चरण में होना है।

जालौर

राजस्थान की जालौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर गहलोत की मजबूत पकड़ मानी जाती है मगर बेटे की जीत सुनिश्चित करने के लिए अशोक गहलोत ने पूरी ताकत लगा रखी है। यहां तक कि बेटे की जीत के लिए उन्होंने राजस्थान की अन्य लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है।


झालवाड़-बारां

राजस्थान की एक और लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें लगी हुई है। झालवाड़-बारां लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी दुष्यंत सिंह किस्मत आजमाने के लिए उतरे हैं। वे भाजपा की वरिष्ठ नेता और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री का पद छीने जाने के बाद वसुंधरा राजे ज्यादा सक्रिय नहीं दिख रही हैं मगर अपने बेटे की जीत के लिए उन्होंने काफी सक्रियता दिखाई है। उन्होंने कई दिनों से इस क्षेत्र में डेरा डाल रखा है।


मंड्या

कर्नाटक की मंड्या सीट से जेडीएस के प्रत्याशी एच डी कुमारस्वामी की किस्मत का फैसला भी दूसरे चरण में होना है। कुमारस्वामी को कांग्रेस के वेंकटरमड़े गौड़ा से कड़ी चुनौती मिल रही है। 2019 में इस सीट पर कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी को हार का सामना करना पड़ा था। यही कारण है कि कुमारस्वामी इस बार हिसाब बराबर करने की कोशिश में जुटे हैं।


बेंगलुरु रूरल

बेंगलुरु रूरल से कांग्रेस के प्रत्याशी डी के सुरेश इस बार कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। उनकी जीत के लिए उनके बड़े भाई और राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पूरी ताकत लगा रखी है। डीके सुरेश पूर्व में इस सीट पर कई बार जीत हासिल कर चुके हैं मगर पहली बार उन्हें भाजपा की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।


अकोला

महाराष्ट्र की अकोला लोकसभा सीट पर भी दूसरे चरण में ही मतदान है। इस लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें इसलिए लगी हुई हैं क्योंकि यहां बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर वीबीए के प्रत्याशी हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में सत्तारूढ़ गठबंधन ने भी पूरी ताकत लगा रखी है और इसलिए मतदाताओं के फैसले पर सबको इंतजार है।


त्रिशूर

केरल की सभी लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला दूसरे चरण में ही होना है। राज्य की त्रिशूर लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण के बेटे के मुरलीधर चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। सत्तारूढ़ एलडीएफ की ओर से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है।


हासन

कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट पर भी विरासत का फैसला होना है। इस लोकसभा सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना चुनाव मैदान में उतरे हैं। जनता दल (एस) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रेवन्ना को कांग्रेस की ओर से कड़ी चुनौती मिल रही है।


पथानमथिट्टी

केरल की पथानमथिट्टी लोकसभा सीट पर भाजपा ने इस बार बड़ा सियासी दांव चला है। पार्टी ने इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी को चुनाव मैदान में उतारा है। अनिल एंटनी पहले कांग्रेस में ही थे मगर लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों में भरोसा जताते हुए भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।


बेंगलुरु रूरल

बेंगलुरु रुरल सीट की सियासी जंग पर भी सबकी निगाहें लगी हुई है क्योंकि इस सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के दामाद और मशहूर डॉक्टर सी एन मंजूनाथ की किस्मत का फैसला होना है। डॉ मंजूनाथ को भाजपा के साथ ही जद (एस) कार्यकर्ताओं का भी पूरा समर्थन मिल रहा है। कर्नाटक में इस बार भाजपा और जद (एस) गठबंधन कर रखा है। डॉक्टर मंजूनाथ और कांग्रेस प्रत्याशी डीके सुरेश के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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