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Lok Sabha Election 2024: नॉर्थ बंगाल में ममता की साख दांव पर

Lok Sabha Election 2024: भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में तीन सीटें हासिल की थीं, कुल वोट शेयर का लगभग 47 प्रतिशत मिला था। उत्तर बंगाल में तृणमूल को करीब 36 फीसदी वोट मिले।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 17 April 2024 6:02 AM GMT
Mamata Banerjee
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Mamata Banerjee  (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने नार्थ बंगाल में पूरी ताकत झोंक दी है। ममता ने नार्थ बंगाल में 14 दिनों में 13 सार्वजनिक बैठकें कीं और तीन रोड शो कर डाले। 19 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में पहले चरण का मतदान होना है जिसमें नार्थ बंगाल की तीन सीटें हैं। इस क्षेत्र में तृणमूल की कोशिश भाजपा को झटका देने की है जहां उसने पिछले लोकसभा चुनाव में आठ में से सात सीटें हासिल की थीं।

बर्फ से ढके पहाड़ों और विशाल चाय बागानों वाला उत्तर बंगाल हमेशा से ममता के दिल के बहुत करीब रहा है। 2011 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से उन्होंने इस क्षेत्र का बहुत दौरे किये हैं। हालाँकि, इन दौरों से वांछित राजनीतिक लाभ नहीं मिला क्योंकि तृणमूल दक्षिण बंगाल की चुनावी सफलता को उत्तर में दोहराने में विफल रही है।

अपनी उत्तर बंगाल यात्रा के इस चरण के दौरान ममता ने कई बार एक ही विषय पर बात की और इस बात पर अफसोस जताया कि कैसे मतदाताओं ने अधिकांश चुनावों में टीएमसी के बजाय भाजपा का पक्ष लिया।

भाजपा को मिले थे 47 फीसदी वोट

भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में तीन सीटें हासिल की थीं, जिसमें उसे क्षेत्र में कुल वोट शेयर का लगभग 47 प्रतिशत मिला था। उत्तर बंगाल में तृणमूल को करीब 36 फीसदी वोट मिले। 2021 के विधानसभा चुनावों में तृणमूल का वोट शेयर भाजपा की तुलना में लगभग 1.5 प्रतिशत अधिक था, लेकिन भाजपा को उत्तर बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी की तुलना में सात अधिक सीटें मिलीं। इस बार ममता ने अपनी रैलियों में जोर दे कर कहा - आपने अक्सर स्थानीय चुनावों में हमें वोट दिया है, लेकिन देश को बचाने के लिए हमें लोकसभा चुनावों में आपके समर्थन की जरूरत है। ममता ने कहा - यदि आप देश को बचाना चाहते हैं, तो यहां तृणमूल कांग्रेस और अन्य राज्यों में हमारी मित्र पार्टियों को वोट दें, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव के बाद सरकार बनाने में अन्य ‘मित्र पार्टियों’ के साथ शामिल होगी। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि "दोस्ताना पार्टियों" से उनका आशय किससे है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तृणमूल के समग्र चुनावी अंकगणित में उत्तर बंगाल का महत्व एक और कारण से बढ़ गया है। ऐसे संकेत हैं कि तृणमूल को तमलुक, कोंटाई और आरामबाग जैसी दक्षिण बंगाल की कुछ सीटों को बरकरार रखना मुश्किल हो सकता है, जो पार्टी ने 2019 में जीती थी उन्हें नुकसान को कवर करना होगा और इसीलिए उत्तर बंगाल पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है।

2019 के लोकसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस 18 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद, उन्हें 2014 की तुलना में 12 सीटों की महत्वपूर्ण कमी हुई। जबकि भाजपा ने 2014 में केवल दो से बढ़कर 2019 में 18 सीटों की एक उल्लेखनीय छलांग लगाई।

19 अप्रैल को चुनाव के पहले चरण के दौरान, कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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