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चुनाव में हारे-जीते नेताओं की मददगार बनेगी होम्योपैथी, जानें कैसे?

चुनाव में खर्च हुए अथाह धन के कारण भी हारे हुए नेता को आघात लग सकता है। कुछ नेता हार के कारण चिड़चिड़े हो सकते हैं तो कुछ को हृदय रोग होने की सम्भावना बढ़ सकती है।

Shivakant Shukla
Published on: 22 May 2019 2:32 PM GMT
चुनाव में हारे-जीते नेताओं की मददगार बनेगी होम्योपैथी, जानें कैसे?
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लखनऊ: मतगणना के बाद जहां कुछ नेताओं को चुनाव जीतने की खुशी में तो हारे हुए उम्मीदवार को चिंता के कारण नींद नहीं आएगी।

चुनाव में खर्च हुए अथाह धन के कारण भी हारे हुए नेता को आघात लग सकता है। कुछ नेता हार के कारण चिड़चिड़े हो सकते हैं तो कुछ को हृदय रोग होने की सम्भावना बढ़ सकती है। ऐसे में इन नेताओं की शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोरी दूर करने का काम होम्योपैथिक औषधियां करेंगी।

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केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के सदस्य डा. अनुरूद्ध वर्मा ने बताया कि चुनाव के बाद यदि किसी नेता को किसी भी प्रकार की मानसिक और शारीरिक परेशानी होती है तो उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि होम्योपैथी में अनेक औषधियां हैं जो इन परेशानियों को दूर करने में कारगर हैं।

वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ डा. अनुरूद्ध वर्मा ने बताया कि हार के कारण कुछ नेता डिप्रेशन में आकर गुमसुम रहने लगते हैं। कुछ लगातार तनाव में जीने लगते हैं। कुछ नेता चुनाव हारने के बाद कार्यकर्ताओं पर गुस्सा करने लगते हैं और चिड़चिड़े हो जाते हैं तथा उनमें नकारात्मक भाव उत्पन्न हो जाता है। कुछ नेताओं में चुनाव हारने के बाद उन्माद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कुछ नेता चुनाव हारने के बाद अपने को अपमानित महसूस करने लगते हैं तथा समाज से कटने लगते हैं।

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उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार की समस्याओं के लिए होम्योपैथिक दवाइयां कारगर साबित हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि यदि चुनाव के बाद किसी प्रकार की समस्या हो तो तत्काल प्रशिक्षित होम्योपैथिक चिकित्सक की परामर्श लेकर औषधियों का सेवन करें। उन्होंने यह भी सलाह दी कि चुनाव के बाद योग, प्राणायाम एवं ध्यान की तकनीक अपनाकर मन को स्वस्थ रखना चाहिए।

Shivakant Shukla

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