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पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक: भारतीय वायुसेना के पराक्रम के निहितार्थ

raghvendra
Published on: 8 March 2019 10:40 AM GMT
पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक: भारतीय वायुसेना के पराक्रम के निहितार्थ
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मृत्युंजय दीक्षित

पुलवामा हमले के महज 12 दिनों के बाद ही जिस प्रकार से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सीमा में 50 किमी अंदर घुसकर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में जैश के ठिकानों पर बमबारी करते हुए उनके आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करते हुए 300 आतंकियो को मार गिराया है वह अविस्मरणीय बन गया है। इतना ही नहीं भारतीय वायुसेना ने पाक अधिकृत कश्मीर के चकोटी और मुजफ्फराबाद में भी हमला करके जैश के बड़े ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। सेना की इस कार्रवाई से पुलवामा की घटना के बाद भारत की जनता के मन में जो आग उबाल खा रही थी उसे कुछ सीमा तक ठंडा करने में कामयाबी जरूर मिली है।

अभी भारतीय वायुसेना के पराक्रम का यह पहला चरण है तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय सेनाओं के जोश को देखकर लग रहा है तथा यह संकेत मिल रहे हैं कि अभी भारत और भी बहुत कुछ करने जा रहा है। दिल्ली में सेना प्रमुखों तथा संबंधित सभी रणनीतिकारों के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है तथा पाकिस्तानी वायुसेना की ओर से भारतीय सीमा का उल्लंघन करने और भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के उद्देश्य से किए गए हमले को लगातार सतर्क भारतीय वायुसेना के विमानों द्वारा विफल कर देने के बाद भारतीय सेना की नाराजगी को और अधिक बढ़ा दिया है।

भारतीय वायुसेना का ताजा पराक्रम कई मायने में ऐतिहासिक व अद्भुत है। इस एयर स्ट्राइक के बाद कई प्रकार के राजनैतिक, सामरिक व कूटनीतिक निहितार्थ निकल रहे हैं। भारतीय वायुसेना के हवाइ्र्र हमलों के बाद अब यह साबित हो गया है कि भारतीय सेना अब हर प्रकार की चुनौतियों का सामना करने में पूरी तरह से सक्षम हो चुकी है। अब हमारी सेनाएं किसी भी प्रकार के वार का जवाब देने के लिए पूरी तरह से अतिआधुनिक तरीकों से लैस हो चुकी हैं। अब हम दुश्मन देश के काफी अंदर तक जाकर मारकर आ सकते हैं। यह उन देशविरोधी विचार रखने वालों के मुंह पर भी जबर्दस्त तमाचा है जो समाचार पत्रों में अपने लेखों के माध्यम से भारत व उसकी सैन्य शक्ति के खिलाफ यह दुष्प्रचार करते थे कि भारत के पास अमेरिका जैसा आपरेशन करने का कोई उपाय व क्षमता नहीं है।

पी.चिदम्बरम जैसे नकारा विचार रखने वालों के दिल को बहुत गहरा आघात लगा है। पुलवामा हमले के बाद निराशाजनक ताकतें इस बात पर नजर रख रहीं थीं कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार क्या करने जा रही है तथा जैसे-जैसे दिन बीत रहे थे तैसे-तैसे ये ताकतेें अपना सिर उठा रहीं थी। अब हर देश विरोधी ताकत को भरपूर जवाब मिल गया है कि मोदी है तो नामुमकिन भी मुमकिन हो सकता है। वायुसेना के हवाई हमले में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के साले यूसुफ अजहर व उसके एक भाई के भी मारे जाने की खबर है। इस हमले के बाद अब मसूद अजहर, हाफिज सईद व दाऊद जैसे आतंकियों का भी समय नजदीक आ गया है। वायुसेना का यह पराक्रम भारत की एक बड़ी रणनीतिक सफलता है लेकिन अभी भी यह तय मानकर चलना चाहिए कि जब तक पाकिस्तान स्थित सभी आतंकी ठिकानों का पूरी तरह से अंत नहीं हो जाता तब तक पाकिस्तान और आतंकवादी संगठन कतई सुधरने वाले नहीं है। पाक पीएम इमरान खान का शांति राग पूरी तरह से ढोंग है। यह इतिहास रहा है कि यह लोग एक बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद कुछ समय के लिए शांति और वार्ता का राग अलापने के बाद अपनी हरकतेें फिर से शुरू कर देते हैं। यह बहुत ही धूर्त व मक्कार किस्म का देश है तथा अपनी आदतों से बाज नहीं आने वाला है। इस समय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिली हुई बढ़त को इस प्रकार बीच में ही नहीं छोड़ देना चाहिये। अभी सरकार, सेना व जनमानस पूरी तरह से जोश में है।

हवाई हमले के बाद अब पाकिस्तान को यह अच्छी तरह से समझ पड़ोसी देशों की धरती से चलने वाली भारत विरोधी किसी भी प्रकार की गतिविधि को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साफ कर दिया है कि सीमा पर हमारी सेनाएं मुस्तैद हैं तथा यह पराक्रम यहीं पर रुकने वाला नहीं है। साथ ही अब पाकिस्तान को भी यह एहसास हो जाना चाहिए कि उसकी हरकतें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी तथा इस बात की रणनीति लगभग तैयार हो चुकी है कि अब पाकिस्तान को सबक सिखाया जाएगा और इसके लिए पीएम मोदी ने तीनों सेनाओं को पूरी तरह खुली छूट दे दी है। देश के इतिहास में पहली बार तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने प्रेसवार्ता के माध्यम से पाकिस्तान की ओर से चलाए जा रहे झूठ को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। भारत सरकार की मजबूत अंतरराष्ट्रीय घेराबंदी व बेहद कड़े रुख के बाद वह विग कमांडर को भी रिहा करने के लिए तैयार हो गया, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब भारतीय पायलट को रिहा करने का ऐलान कर रहे थे तब भी उनके विचार युद्ध के लिये तत्पर दिखने वाले ही लग रहे थे। वर्तमान समय में भारत सरकार व सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कड़े तेवर अपनाए हैं वह बेहद सराहनीय है तथा आम जनमानस में यह पसंद भी किया जा रहा है। अब पाकिस्तान बहुत अधिक दबाव का अनुभव कर रहा है।

वर्तमान समय में पाकिस्तान व आतंकवाद तथा अलगाववादियों के प्रति किसी भी प्रकार ढील खतरनाक साबित होगी। वायुसेना के अदभुत शौर्य पराक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय जनता पार्टी पर विभिन्न राजनैतिक मसलों को लेकर जो दबाव लगातार बनता जारहा था वह कुछ सीमा तक कम हो गया है। वहीं विरोधी दलों का बेहद शर्मनाक दोहरा रवैया जनता के सामने फिर आ रहा है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद से लेकर वायुसेना के साहसिक कारनामे तक यदि सर्वाधिक विकृत और देश विरोधी राजनीति की दोषी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। अपनी विकृत मानसिकता से मजबूर होकर वह एक बार फिर सरकार व सेना से सबूत मांगने निकल पड़ी हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के भी ओछे ट्विट रोज सामने आ रहे है। सपा नेता रामगोपाल यादव को इस पूरे मामले में चुनाव टलवाने की साजिश नजर आने लगी है। अब लाइव बहसों में भाजपा के प्रवक्ता खासे आक्रामक हो उठे हैं।

देश में अब राष्ट्रवाद की बयार बह रही है तथा आने वाले दिनों में यह और तीखी भी हो सकती है। अब मजबूत सरकार व राष्ट्रवाद की बहस तीखी होनी भी चाहिये क्योंकि यह मोदी सरकार का अद्भुत पराक्रम ही है कि आज पाकिस्तान पूरी दुनिया में अलग- थलग पड़ चुका है। भारत सरकार की दूरगामी विदेश नीति का असर साफ दिखाई दे रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन व फ्रांस जैसे मजबूत देश आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ यूएन में कड़ा प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हो गए हैं। अब आने वाले दिनों में मोदी विरोधियों के मन में घबराहट ओर बैचेनी और अधिक दिखेगी। वैसे यदि वे पीएम मोदी के खिलाफ जहर उगलेंगे वह उनके खिलाफ ही जा सकता है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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