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Jodhpur Gas Tragedy: गैस कम्पनी की इंसानियत मर चुकी है, पीएम मोदी ने मुआवजे के नाम पर ऊंट के मुंह में जीरा डाला – राजेंद्र गुढ़ा

Jodhpur Gas Tragedy: राजस्थान सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने जोधपुर गैस काण्ड पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरा. उन्होंने गैस कम्पनी के अधिकारियों पर अपराधिक मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की है.

Bodhayan Sharma
Written By Bodhayan Sharma
Published on: 18 Dec 2022 8:42 AM GMT (Updated on: 18 Dec 2022 8:48 AM GMT)
Jodhpur Gas Tragedy
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Jodhpur Gas Tragedy

Jodhpur Gas Tragedy: राजस्थान कांग्रेस में बड़ा नाम और ओहदा रखने वाले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने जोधपुर गैस काण्ड पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरा है. साथ ही उन्होंने गैस कम्पनी के अधिकारियों पर अपराधिक मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की है. जोधपुर में शादी समारोह में गैस सिलेंडर के ब्लास्ट के बाद पूरे गाँव में पसरे मातम के बीच सियासी हलचलें लगातार बढ़ रही हैं. अपनी बेबाकी के लिए मशहूर मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने गैस काण्ड को वीभत्स दुर्घटना बताया और गैस कम्पनी और उसके अधिकारियों पर आरोप लगाया कि, "वो असंवेदनशील हो चुके हैं, वो रोबोट हो गये हैं."

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर क्या बोले गुढ़ा

राजेंद्र गुढ़ा ने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को घेरते हुए कहा, "देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी ऊंट के मुंह में जीरे जैसे मुआवजे की घोषणा की है. 2 लाख रुपए मुआवजा देने की बात प्रधानमन्त्री जी कही है, जिसका क्या ही औचित्य बनता है? गांव वालों ने ही उस परिवार के लोगों के लिए, जिससे जो बन पड़ा, 500, 1000, 2000 जितने जो दे सकता था, इकट्ठा कर के आर्थिक सहायता कर दी है और अभी भी कर रहे हैं, पर कम्पनी अभी भी नहीं जाग रही है, सरकार अभी भी कुछ निर्णय नहीं ले पाई है. राजेंद्र गुढ़ा के इस बयान का विडियो बहुत वायरल हो रहा है.

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह पर राजेंद्र गुढ़ा ने कहा, "गजेन्द्र सिंह वो हैं जो पार्लियामेंट में बैठे हैं, ये जोधपुर उनका परिवार है, उनका लोकसभा क्षेत्र है, केंद्र में उनको जोधपुर की जनता ने भेजा है। वो भी कुछ नहीं कर पाए. उनसे जोधपुर की जनता को बहुत उम्मीद भी है. पर उनका भी कोई रेसपोंस नहीं है. ये केंद्र सरकार की जनता के प्रति नेग्लेंसी दिखाती है." पायलट खेमे के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा पहले भी अपने बयानों से राजस्थान की कांग्रेस गहलोत सरकार को निशाना बना चुके हैं. पर शायद अभी कांग्रेस आलाकमान के सभी नेताओं को बयानबाजी से बचने की हिदायद के बाद गुढ़ा ने गहलोत के बारे में इतना ही कहा कि, "मुख्यमंत्री जी को जाना चाहिए था, वो भी अभी तक जोधपुर नहीं जा पाए।"

गैस कम्पनी को लेकर गुढ़ा का क्या रुख?

किसी के घर में बकरियां मर जाए तो प्रशासन चला जाता है, अब इतना बड़ा काण्ड हुआ है, जनता इतनी बड़ी त्रासदी झेल रही है. रोज अस्पताल से लाशें निकल रही हैं, पर राजस्थान में जो इस गैस कम्पनी के ऑथोरिटी इंचार्ज कोई पांडा हैं, जो दिल्ली में बैठे हैं, उन्हें तुरंत आना चाहिए, पर वो बोले परसो आऊंगा. कम्पनी के अधिकारी CGM चीफ जनरल मैनेजर कुलविंदर सिंह हैं, उनसे मीटिंग के बाद गुढा ने कम्पनी के लिए बयान दिया कि कम्पनी के लोगों की संवेदनाएं खत्म हो गयी है, गैस कम्पनी की इंसानीयत मर गयी है. गैस लीक होने को आपराधिक घटना मान कर कम्पनी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए और कम्पनी इसकी जवाबदेही से बच नहीं सकती। गैस कम्पनी के खिलाफ आपराधिक मुक़दम दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर इनको जेल में डालना चाहिए, मुझे लगता है पांडा फरार हो गया है. ये मामला पूरी तरह से गैस कम्पनी का फेलियर दिखाता है."

भारत जोड़ो यात्रा और राहुल गांधी का नाम क्यों आया? चेतवानी का क्या मतलब?

मंत्री गुढ़ा ने इस मामले को आलाकमान तक ले जाने के नाम पर चेतवानी स्वर में कहा कि, "अभी राहुल गांधी जी की यात्रा चल रही है, पर इसके बाद राहुल गांधी से बात करूँगा. पर ध्यान रहे इस मुद्दे के लिए मुझे किसी भी हद तक जाना पड़े, मैं फिर से दोहरा रहा हूँ, किसी भी हद तक जाना पड़ा तो मैं जाऊँगा. मैं ऐसे ही इन लोगों को जूझते हुए नहीं देख सकता. मैंने मेरे जीवन में ऐसा काण्ड नहीं सुना. कितने ही बच्चे और महिलाएं जिन्दा जल गये इस ब्लास्ट में, दुल्हा अभी भी जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहा है, जो अस्पताल में भर्ती हैं उनके जीवन की भी उम्मीद कम ही है. कम्पनी के लोगों को इसका जवाब देना पड़ेगा.

इंडियन आयल कारपोरेशन के ऑफिस के इडी पांडा का दिल्ली में होना बताया है. गैस कम्पनी के CGM कुलविन्द्र सिंह मीडिया से बचते हुए नज़र आए. वो बस इतना ही बोल कर निकल गए कि मैं इन सवालों के लिए सही व्यक्ति नहीं हूँ. पांडा जी आएँगे तो वो इन सभी सवालों के जवाब देंगे. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि, "एक तरफ तो जोधपुर शोक में डूबा हुआ है, दूसरी तरफ राजस्थान की गहलोत सरकार जयपुर में जश्न में डूब रही है. सरकार का ये कैसा रुख देखने को मिल रहा है. अभी तक वो संवेदना जाहिर करने या मृतकों के परिजनों से मिलने भी नहीं आए."

गुढ़ा ने कहा कि ये उस परिवार की लापरवाही का मामला नहीं है, क्योंकि हलवाई की भट्टी से 30 मीटर दूर पड़ा सिलेंडर लीक हो कर फटा है. इसमें घटना में पूरी जिम्मेदारी गैस कम्पनी की बनती है. इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी गैस कम्पनी सामने नहीं आ रही जो वास्तव में संवेदनहीनता दिखाता है. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि सरकार और प्रशासन की संवेदनहीनता तो इसी बात से समझिये कि एक हफ्ते बाद, वो भी मेरे कहने के बाद वहां की महिला SDM परिजनों के बीच गयी. फिर भी वहां के किसी भी व्यक्ति ने उनसे कोई बत्तमीजी नहीं की. उनका सहयोग ही किया. पर कम्पनी बोलती है कि लोगों में रोष होगा इसलिए सिक्यूरिटी की वजह से ये नहीं गए, मेरा मानना है कि इनकी इंसानियत मर गयी है, इनके अन्दर संवेदनाएं मर गयी हैं, ये शैतान हो गए हैं."

आज परिजनों की आक्रोश रैली

आज जोधपुर मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे सर्वसमाज के लोग और मृतकों के परिजनों ने मिलकर सरकार के विरोध में आक्रोश रैली की घोषणा की है. परिजनों और सर्व समाज के लोगों की मांग है कि मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख और घायलों को 10-10 लाख का मुआवजा सरकार उपलब्ध करवाए. कुछ लोगों की मांग है की मृतकों के परिवार में से एक को सरकारी नौकरी भी दी जाए जिससे उनका जीवन यापन आसान हो जाए. जोधपुर गैस काण्ड में अभी तक 33 लोगों ने अपनी जान खो दी है. जिसमें महिलाएं, बच्चे, और दुल्हे के माता – पिता और भाभी और भाई के दोनों बच्चे शामिल हैं. घटना होने के तुरंत बाद एक्शन में आए गाँव वालों ने सहायता का हाथ बढ़ाया और जानें बचाने के लिए अस्पतालों का रुख किया. प्रशासन या सरकार का इस घटना को ले कर रुख अभी भी स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा है.

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