TRENDING TAGS :
राजस्थान के नागौर में किसान महासम्मेलन में सचिन पायलट दिखाएंगे अपनी ताकत, बढ़ेगी सीएम गहलोत की चिंता!
Kisan Sammelan Nagaur: राजस्थान के मौसम में जितना सर्दी का प्रकोप बढ़ रहा है, उतना ही राजस्थान की राजनीति में गर्मी बढती दिखाई दे रही है। जनवरी में ही किसान आन्दोलन नागौर में होना है, जिसके मुख्य आकर्षण रहेंगे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट। पर इससे पहले उनके हर कार्यक्रम, हर यात्रा पर पक्ष और विपक्ष अपनी नज़रें गड़ाए बैठा है।
Kisan Sammelan Nagaur: जयपुर। राजस्थान के मौसम में जितना सर्दी का प्रकोप बढ़ रहा है, उतना ही राजस्थान की राजनीति में गर्मी बढती दिखाई दे रही है। जनवरी में ही किसान आन्दोलन नागौर में होना है, जिसके मुख्य आकर्षण रहेंगे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट। पर इससे पहले उनके हर कार्यक्रम, हर यात्रा पर पक्ष और विपक्ष अपनी नज़रें गड़ाए बैठा है।
जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में थी तब भी सचिन पायलट की लोकप्रियता देखते ही बनती थी। जगह जगह बैनर – पोस्टर, सचिन पायलट के समर्थन में नारे और उन्हें लेकर जन सामान्य की राय ने कांग्रेस आलाकमान को सचिन पायलट की दावेदारी पर विचार करने पर मजबूर कर दिया है। हालांकि अभी कांग्रेस आलाकमान किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है और न ही राजस्थान से सम्बन्धित कोई घोषणा कर पाई है, परन्तु सचिन पायलट की बढ़ रही सक्रियता कुछ और ही इशारा कर रही है।
राजस्थान के नागौर में किसान महासम्मेलन
नागौर के परबतसर से कांग्रेस विधायक रामनिवास गावड़िया ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक फोटो शेयर की है, जिसमें किसान महासम्मेलन कार्यक्रम की पूरी जानकारी दी है। कार्यक्रम 16 जनवरी को परबतसर में होना है। जिसमें मुख्य अतिथि सचिन पायलट होंगे। सचिन पायलट के अलावा भी कई स्थानीय नेता शामिल होंगे। पायलट गुट के समर्थक नेताओं का यहाँ जमावड़ा लगने की पूरी संभावना जताई जा रही है। इसके पीछे की वजह चुनाव से पहले हर क्षेत्र में अपना वर्चस्व दिखाना माना जा रहा है।
पायलट - पंजाब और राहुल गांधी
सचिन पायलट की एक तस्वीर ने राजस्थान की राजनीति में एक और लहर ला दी है। तस्वीर में सचिन पायलट, राहुल गांधी के साथ नज़र आ रहे हैं, तस्वीर पंजाब की है। राहुल गांधी लाल पगड़ी बांधे भारत जोड़ो यात्रा में पैदल चल रहे हैं, सचिन पायलट भी यात्रा का हिस्सा हैं और किसी गंभीर चर्चा की मुद्रा में नज़र आ रहे हैं। इस तस्वीर से न सिर्फ विपक्ष में हलचल हो रही है, जबकि कांग्रेस के खुद के खेमों में भी चर्चाएँ जोरों पर है। पायलट खेमा इससे थोडा राहत की सांस लेता नज़र आ रहा है वहीं गहलोत खेमे के माथे पर शिकन बढ़ सकती है। सीधी गणित लगाई जाए तो सचिन पायलट की राहुल गांधी से बढती नज़दीकियों से, गहलोत सरकार की नींव पर प्रहार माना जा रहा है।
पायलट की शान्ति, कांग्रेस में तूफ़ान?
सचिन पायलट लगातार भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा बने हुए हैं। कुछ ही दिनों के अंतराल में सचिन पायलट भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी से कदमताल करते नज़र आ ही जाते हैं। इसे राजनैतिक गलियारे में राहुल गांधी से मुलाकात करने का बहाना माना जा रहा है। सचिन पायलट शायद यात्रा के बहाने ये सन्देश देना चाहते हैं कि राहुल गांधी से राजस्थान की राजनीति पर ही चर्चाएँ हो रही हैं या राहुल गांधी से नजदीकियां बढ़ रही है। वैसे सचिन पायलट पिछले बहुत समय से किसी भी तरह का बयान देते नज़र नहीं आए हैं। यहाँ तक की कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की उपस्थिति में जयपुर बिडला सभागार में हुए सम्मेलन में भी सचिन पायलट को मंच पर बोलने का मौका नहीं दिया गया। इसके बावजूद मीडिया में सचिन पायलट ने इस बात को लेकर कोई नाराज़गी जाहिर नहीं की। सचिन पायलट के इस शांत व्यवहार को आगामी तूफ़ान से जोड़ कर देखा जा रहा है और राहुल गाँधी से मुलाकातों को ऐसे ही किसी तूफ़ान की आहट समझा जा सकता है। सचिन की दावेदारी किस पद के लिए होती है ये सवाल अभी भी राजस्थान की जनता के साथ साथ पूरे देश को है।