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बैंक हमारा है! सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा बैंक में लगा ये पोस्टर, आखिर क्या है इसके पीछे वजह

हाल ही में एक पोस्टर वायरल हो रहा है। पोस्टर पर हिंदी में लिखा है कि-"जो ग्राहक बैंक में आकर ये बोलकर जाते हैं कि बैंक हमारा है और हमारे पैसे से चलता है, उनके लिए खास सूचना

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 17 Dec 2021 2:33 PM GMT (Updated on: 17 Dec 2021 2:34 PM GMT)
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बैंक में लगा पोस्टर (फोटो- सोशल मीडिया)

Banks Privatization : सोशल पर हाल ही में एक पोस्टर वायरल हो रहा है, असल में पोस्टर के वायरल (bank poster viral social media) होने का कारण उसपर लिखा वाक्य है। दरअसल पोस्टर के कांच पर लगा हुआ है तथा उसके पीछे की ओर एक महिला और एक पुरुष कंप्यूटर पर कुछ काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं। सोशल पर कहा जा रहा है कि यह पोस्टर(bank poster viral social media) एक बैंक के अंदर लगा हुआ है।

पोस्टर पर हिंदी में लिखा है कि-"जो ग्राहक बैंक में आकर ये बोलकर जाते हैं कि बैंक हमारा है और हमारे पैसे से चलता है, उनके लिए खास सूचना। संसद में सरकार आपका बैंक बेचने वाली है, इसलिए फिर मत कहना कि बताया नहीं था।"

बैंकों का निजीकरण

यह संदेश, पोस्टर और इस पोस्टर (bank poster viral social media) के बैंक में चस्पा होने की कोई आधिकारिक या पुख्ता जानकारी तो हमारे पास नहीं है लेकिन यदि आज के दिन सोशल पर ध्यान दें तो यह पोस्टर खूब वायरल हो रहा है।

असल में पोस्टर पर लिखे संदेश का सीधा सा संबंध बैंक, केंद्र सरकार और बैंकों के निजीकरण से है। यदि यह पोस्टर (bank poster viral social media) और इससे जुड़े सभी तथ्य सही हैं तो यक़ीनन यह बैंक कर्मचारियों का सरकार द्वारा बैंकों का निजीकरण करने के फैसले के खिलाफ भरा हुआ गुस्सा है।

सरकार के खिलाफ मोर्चा

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करने को लेकर बात कही थी। वित्त के इस ऐलान के बाद से देशभर में तमाम सरकारी बैंकों के कर्मचरियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी संबंध में देशभर के सभी बैंक कर्मचारी संगठनों ने 16 और 17 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल को अंजाम दिया है।

बैंक कर्मियों की सिर्फ यही मांग है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करने के ख्याल को जल्द से जल्द रद्द कर दे। ऐसे में अगर सरकार बैंक कर्मियों की मांगों को नहीं मानती है तो सभी बैंक कर्मचारी संगठनों ने राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को लेकर अपनी मंशा ज़ाहिर कर दी है।

Vidushi Mishra

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