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Bharat Ka Sabse Amir Gaon: यूं ही नहीं इस देश को कहते सोने की चिड़िया, यहां मौजूद हैं करोड़पतियों के गांव, मच्छर मुक्त भी है यह गांव
Bharat Ka Sabse Amir Gaon: भारत के इस गांव को आज भी कहते हैं सोने की चिड़िया जिसे मच्छर मुक्त भी कहते हैं।
Bharat Ka Sabse Amir Gaon Hiware Bazar History: दुनिया में सोने की चिड़िया के नाम से मशहूर भारत यूं ही नहीं अपनी शानोशौकत और वैभव के लिए जाना जाता है। यहां गांवों में भी गजब का ठाठ बाठ देखने को मिलता है। भारत में ऐसे अनगिनत गांव मौजूद हैं, जिसकी संपन्नता के आगे बड़ी बड़ी गाड़ियों और बंगलों में रहने वाले शहरी भी नतमस्तक हैं। इसी तरह का भारत में एक गांव ऐसा है जो अपनी अमीरी के बलपर पूरी दुनिया में जाना जाता है। जहां रहने वाले कई लोग करोड़पति हैं। ऐसे में इस गांव को करोड़पतियों का गांव भी कहा जाता है। आइए जानते हैं भारत के अमीरी के लिए चर्चित गांवों के बारे में -
इस गांव को कहा जाता है करोड़पतियों का गांव
भारत के महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले का एक गांव करोड़पतियों के गांव के नाम से मशहूर है। जबकि इस गांव का नाम हिवरे बाजार है। लेकिन इसकी लोकप्रियता और पहचान के आगे इस गांव के मूल नाम की पहचान कहीं विलुप्त हो चुकी है। 300 से भी अधिक परिवार वाले इस गांव में 70 से अधिक परिवार करोड़पतियों में गिने जाते हैं। इस गांव की खास बात यह भी है कि इस गांव में मच्छर नहीं मिलता है। गांव वाले मच्छरों को लेकर अधिक सतर्क रहते हैं। यही वजह है कि इस गांव को मच्छर मुक्त गांव भी कहा जाता है।
हमेशा इतना संपन्न नहीं था ये गांव
अपने धन वैभव के कारण देश विदेश में चर्चित महाराष्ट्र का यह गांव हमेशा से ही ऐसा नहीं था। उसे कभी बेहद खराब दिन भी देखने पड़े थे। इस गांव में करीब 80 से 90 के दशक में पूरी तरह से सूखा पड़ गया था। खेती बाड़ी जब नष्ट हो गई थी। परेशान होकर यहां रहने वाले लोग गांव छोड़कर पलायन करने लगे थे। कुछ लोगों ने इस परिस्थिति का सामना करने का भी निश्चय किया और वे इस गांव को छोड़कर कहीं नहीं गए। गांव में रूककर इस समस्या से उबरने के लिए समाधान निकालने पर विचार किया। लोगों ने गांव में कुएं खोदने के साथ पेड़ लगाने की शुरुआत की। इसके लिए गांव वालों ने फॉरेस्ट मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया, जिसके लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से फंड दिया गया था। इसके बाद यहां का जलस्तर बढ़ने लगा। भाग्य से ये सारे उपाय काम करने लगे। गांव से सूखा हमेशा के लिए समाप्त हो गया।
सेब के पैदावार से दुनिया में करोड़पति हुए लोग
भारत में एक और ऐसा गांव है जो अपनी अमीरी के लिए देश और दुनिया में मशहूर है। यहां हर साल करीब 175 करोड़ रुपये तक का सेब का कारोबार होता है। इस गांव में उगाए जाने वाले सेब बेहतर क्वालिटी के होते हैं। जिसके कारण उनकी डिमांड भी काफी होती है। ये सेब जम्मू के सेब से भी क्वालिटी के मामले में आगे हैं इसलिये उनकी कीमत भी काफी ऊंची होती है।
लग्जरी गाड़ियां और शानों-शौकत के साथ सबसे अमीर है यह गांव
भारत का ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे अमीर गांवों में गिने जाने वाले ‘मड़ावग गांव’ में हर घर में लोगों के पास इतना पैसा है जिसे देखकर अमीरी का रौब दिखाने वाले अक्सर यहां आकर हैरत में आ जाते हैं। दिल्ली से 300 किलोमीटर दूर ये गांव किसी मेट्रो शहर से कम नहीं है। इनके महंगे शौक, लग्जरी गाड़ियां और शानों-शौकत देखकर यकीन करना मुश्किल होगा कि ये किसी गांव का घर है।
एक कृषक की सूझ बूझ से इस गांव में आई संपन्नता
मड़ावग गांव के सभी लोग सेब की खेती करते हैं। इनकी आमदनी का यही जरिया है। इस गांव में 230 परिवार हैं। यह बात और है कि इस गांव के लोग पहले आलू की खेती करते थे। उस समय यह गांव भी ज़्यादा विकसित नहीं था। साल 1953 से 54 के दौरान गांव के चइयां राम मेहता ने सेब की खेती की शुरुआत की। उन्होंने सबसे पहले अपने गांव में सेब के बागान लगाए। जिसके बाद वहां के लोग उनकी कमाई से प्रभावित हुए और उन्होंने भी सेब की खेती का काम शुरू कर दिया, देखते देखते आज यह गांव संपन्न हो गया। अब इस गांव के लोग गरीब नहीं बल्कि करोड़पति है। यहां के लोगों की झोपडियां नहीं बल्कि आलीशान बंगले हैं। यहां के लोग सामान्य किसानों की तरह नहीं बल्कि हाई फाई वाली लाइफस्टाइल जीते हैं।