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God Marriage Place: भारत के इन 5 स्थानों पर स्वयं देवताओं ने रचाई शादी, आज भी है चमत्कारी

God Marriage Place: भारत में एक नहीं अनेकों धार्मिक स्थल है जो अपने चमत्कारों के लिए पहचाने जाते हैं। चलिए आप कौन स्थान के बारे में बताते हैं जहां देवताओं की शादी हुई है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 19 March 2024 10:15 AM GMT
Must Visit This 5 Places
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Must Visit This 5 Places (Photos - Social Media)

God Marriage Place: भारत एक आध्यात्मिक देश है जहां पर धार्मिक स्थलों की कोई कमी नहीं है। यहां के हर राज्य में कोई ना कोई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जरूर मौजूद है जो पर्यटकों के बीच आस्था का केंद्र रहता है। आज हम आपको देश के उन पांच स्थानों से रूबरू करवाते हैं जहां पर स्वयं भगवानों ने शादी रचाई है।

भारत में भगवान की शादी कहां हुई थी

त्रियुगीनारायण

उत्तराखंड का त्रियुगीनारायण मंदिर ही वह पवित्र और विशेष पौराणिक मंदिर है। इस मंदिर के अंदर सदियों से अग्नि जल रही है। शिव-पार्वती जी ने इसी पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर विवाह किया था। यह स्थान रुद्रप्रयाग जिले का एक भाग है। त्रियुगीनारायण मंदिर के बारे में ही कहा जाता है कि यह भगवान शिव जी और माता पार्वती का शुभ विवाह स्थल है।

त्रियुगीनारायण

ओंकारेश्वर

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में उषा अनिरूद्ध विवाह मंडप है। समुद्र तल से करीब 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उखीमठ को पंच केदार का केंद्र स्थल भी माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बाणासुर की बेटी उषा का विवाह भगवान श्री कृष्ण के पोते अनिरुद्ध के साथ इसी स्थान पर हुआ था। जिस मंडप में यह विवाह हुआ था वह मंडप आज भी यहां मौजूद है। उषा की शादी अनिरुद्ध से होने के बाद उस जगह को 'उषामठ' कहा जाने लगा जो बाद में "उखीमठ" कहलाया।

ओंकारेश्वर

जनकपुर

जनकपुर को देवी सीता का जन्मस्थान कहा जाता है जो राजा जनक की बेटी थीं। जनकपुर वह स्थान है जहां भगवान राम का देवी सीता से विवाह हुआ था । वर्तमान समय में जनकपुर काठमांडू के दक्षिण-पूर्व में है जो भारतीय सीमा से लगभग 20 किलोमीटर दूर है।

जनकपुर

माधवपुर

माधवपुर भारत के गुजरात में एक छोटा सा शहर है, जो हिंदुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण ने विदर्भ की राजकुमारी रानी रुक्मिणी से विवाह किया था। लोककथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने राजकुमारी रुक्मिणी ( रुक्मिणी हरण ) का अपहरण कर लिया था और उनके अनुरोध पर एक अवांछित विवाह को रोकने के लिए उनके साथ भाग गए थे और उन्हें दुष्ट शिशुपाल से बचाया था। भगवान कृष्ण ने द्वारका लौटते समय इसी गांव में राजकुमारी रुक्मिणी से विवाह किया था। वह कृष्ण की पहली और सबसे प्रमुख रानी हैं। रुक्मिणी को भाग्य की देवी लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है।

माधवपुर

भांडीर वन

बृज का भांडीरवन ऐसा वन है, जहां राधा-कृष्ण के प्रगाढ़ प्रेम के अध्याय का हर आखर साक्षात हो उठता है। स्वयं ब्रह्माजी ने भांडीर वन में आकर राधा-कृष्ण का विवाह कराया ऐसी मान्यता आज भी है। गर्ग संहिता में वर्णित कथाओं व मान्यताओं के अनुसार मथुरा के पास स्थित भांडीर वन में भगवान श्री कृष्ण और देवी राधा का विवाह हुआ था। इस संदर्भ में कथा प्रचलित है एक बार नंदराय जी बालक श्री कृष्ण को लेकर भांडीर वन से गुजर रहे थे। तभी उसे समय आचानक देवी राधा प्रकट हुई। देवी राधा के दर्शन पाकर नंदराय जी ने श्री कृष्ण को राधा जी की गोद में दे दिया। जिसके तुरंत बाद श्री कृष्ण बाल रूप त्यागकर किशोर बन गए। तभी ब्रह्मा जी भी वहां उपस्थित हुए। ब्रह्मा जी ने कृष्ण का विवाह राधा से करवाया। मान्यताओं के अनुसार कुछ समय तक कृष्ण राधा के संग इसी वन में रहे। फिर देवी राधा ने कृष्ण को उनके बाल रूप में नंदराय जी को सौंप दिया। भांडीर वन में श्री राधा और श्री कृष्ण का मंदिर बना हुआ है। बताया जाता है इस मंदिर में स्थित विग्रह अपने आप अनोखा है क्योंकि यह अकेला ऐसा विग्रह है जिसमें श्री कृष्ण भगवान राधा जी की मांग में सिंदूर भरते हुए देखे जा सकते हैं।

भांडीर वन


Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

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मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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