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Gorakhpur Famous Mandir: गोरखपुर के इन मंदिरों में जरूर करें दर्शन, चमत्कार कर देंगे हैरान

Gorakhpur Famous Mandir: गोरखपुर उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध जगह है। यह ऐतिहासिक शहर कई सारे धार्मिक स्थलों की नगरी भी है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 19 March 2024 10:08 AM GMT
Famous Temple in Gorakhpur
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Famous Temple in Gorakhpur (Photos Social Media)

Gorakhpur Famous Mandir: गोरखपुर उत्तर प्रदेश का एक प्रसिद्ध शहर है जो अपने अंदर इतिहास को समेटे हुए हैं। यहां कहीं सारी ऐतिहासिक तुम्हारा मौजूद है जिनमें पुरानी कहानी आज भी घूम रही है। गोरखपुर वैसे तो अपने इतिहास के लिए जाना जाता है लेकिन यहां पर कई सारे धार्मिक स्थान भी मौजूद है। अगर आप उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जाने का प्लान बना रहे हैं और यहां पर्यटन के हिसाब से जा रहे हैं। तो आज हम आपके यहां के कुछ धार्मिक स्थलों के बारे में बताते हैं। जहां का दीदार आपको जरूर करना चाहिए।

गोरखनाथ के फेमस मंदिर

गोरखनाथ मंदिर एक ऐसी जगह है जहां पर हर दिन लोगों की जबरदस्त भीड़ होती है। बाहर से आने वाले लोग भी यहां गोरखनाथ बाबा का दर्शन करने आते हैं। आप भी यहां जाकर दर्शन कर सकते हैं। शाम को वॉटर फाउंटेन भी कलरफुल पानियों के साथ खूब मजा देता है।

गोरखनाथ मंदिर

मानसरोवर मंदिर

गोरखपुर शहर में गोरखनाथ मंदिर के अलावा एक और ऐसा मंदिर है जिसका गोरक्षपीठ से गहरा नाता है। उसका नाम मानसरोवर शिव मंदिर है जो अधियारी बाग क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर का संरक्षण गोरखनाथ मंदिर द्वारा ही होता है।

मानसरोवर मंदिर

बुढ़िया माता मंदिर

गोरखपुर जिले के कुसम्ही जंगल में स्थित बुढ़िया माई मंदिर का इतिहास छह सौ साल पुराना है। इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सच्चे हृदय से शीश नवाता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। बुढ़िया माई मंदिर के बारे में कहा जाता है कि लाठी का सहारा लेकर चलने वाली एक चमत्कारी श्वेत वस्त्रधारी वृद्धा के सम्मान में बनाया गया है। मान्यता है कि पहले जंगल के उस क्षेत्र में थारु जाति के लोग रहते थे। वे जंगल में ही तीन पिंड बनाकर वनदेवी की पूजा-अर्चना करते थे। थारुओं को अक्सर पिंड के आस-पास एक बूढ़ी महिला दिखाई देती थी, हालांकि वह कुछ ही पल में आंखों से ओझल हो जाती थी।

बुढ़िया माता मंदिर

काली माता मंदिर

गोलघर की काली मां की मूर्ति जमीन फाड़कर निकली है। जब यह पूरा क्षेत्र जंगल था, उसी जंगल में एक जगह मां का मुखड़ा जमीन फोड़कर ऊपर निकला। इसके बाद खबर फैली तो भीड़ जुट गई और वहीं पूजन-अर्चन शुरू हो गया। श्रद्धालुओं की आस्था देखकर जंगीलाल जायसवाल ने संवत 2025 में वहां मंदिर का निर्माण कराया। तभी से प्रतिदिन वहां पूजा होने लगी। पहले वहां जमीन से निकली मूर्ति थी। बाद में वहां काली मां की एक बड़ी मूर्ति लगवाई गई। मूर्ति के ठीक सामने नीचे स्वयंभू काली मां का मुखड़ा आज भी वैसा ही है, जैसा जमीन से निकला था।

काली माता मंदिर

तरकुलहा देवी मंदिर

गोरखपुर का मां तरकुलहा देवी मंदिर स्वतंत्रता संग्राम का साक्षी है। देश भक्त यहां मां की पूजा-अर्चना कर अपने अभियान पर निकलते थे। यहां चैत राम नवमी से एक माह का मेला लगता है। मुंडन व जनेऊ व अन्य संस्कार भी स्थल पर होते हैं।

तरकुलहा देवी मंदिर


Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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