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Rajasthan Ka Tajmahal: क्या आपने देखा है राजस्थान का ताजमहल

Rajasthan Ka Tajmahal Jaswant Thada History: जसवंत थड़ा का निर्माण महाराजा सरदार सिंह ने 1899 में अपने पिता महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की याद में करवाया था।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 17 April 2024 3:15 AM GMT (Updated on: 17 April 2024 3:15 AM GMT)
Rajasthan Ka Tajmahal
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Rajasthan Ka Tajmahal (Photos - Social Media)

Rajasthan Ka Tajmahal : अगर किसी व्यक्ति से सवाल किया जाए की क्या वह ताजमहल के बारे में जानता है तो जाहिर सी बात है सभी उत्तर प्रदेश और आगरा का नाम लेंगे। लेकिन अगर कोई यह पूछे कि क्या राजस्थान के ताजमहल के बारे में कोई जानकारी है तो जाहिर सी बात है कुछ लोग कंफ्यूज हो जाएंगे। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन राजस्थान में एक महल है जिसे राजस्थान के ताजमहल के नाम से पहचाना जाता है। इसकी खूबसूरती की तुलना अक्सर आगरा के ताजमहल से की जाती है। चलिए आज हम आपको राजस्थान के इस ताजमहल के बारे में बताते हैं।आपको बता दें कि नीले नीले मकान के बीच मौजूद जसवंत थड़ा को मेवाड़ के ताजमहल के नाम से पहचाना जाता है। अपनी खूबसूरती के चलते ये जगह इतनी प्रसिद्ध है कि यहां अक्सर पर्यटकों का आना-जाना लगाया जाता है।

जसवंत थड़ा का इतिहास

जसवंत थड़ा सफ़ेद संगमरमर से बना एक स्मारक है जो जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग के पास स्थित है। स्मारक 1906 में जसवंत सिंह के बेटे महाराजा सरदार सिंह द्वारा, महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय के सम्मान और स्मृति में निर्मित एक शिलालेख है। यह आज तक मारवाड़ शाही परिवार के लिए श्मशान घाट के रूप में उपयोग किया जाता है। जसवंत थड़ा जोधपुर की पहाड़ियों के बीच स्थित है जिसे शहर के कई शानदार वास्तुशिल्प स्थलों में से एक माना जाता है। बता दे इसे मारवाड़ का ताजमहल भी कहा जाता है जो दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है।राजस्थान का ताजमहल कहा जाता है। यह इमारत संगमरमर से बनी है। जसवंत थड़ा जोधपुर के 33 वें राठौड़ शासक महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय के स्मरणोत्सव में निर्मित 19 वीं शताब्दी का शाही केंद्र है जिसे महाराजा जसवंत सिंह के पुत्र, महाराजा सरदार सिंह ने अपने पिता की याद में निर्माण किया। सेनोटाफ के भीतर दो और कब्रें हैं। इसके पास शाही श्मशान और तीन अन्य सेनोटाफ हैं।

Rajasthan Ka Tajmahal


कब जा सकते हैं

जसवंत थड़ा पर्यटकों के घूमने के लिए प्रतिदिन सुबह 9.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक खुला रहता है। आपको बता दे जसवंत थाड़ा की पूर्ण व विस्तृत यात्रा के लिए 1-2 घंटे का समय निकालकर यात्रा सुनिश्चित करें।

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कितनी है एंट्री फीस

जसवंत थाड़ा में भारतीय पर्यटकों के घूमने के लिए : 30 रूपये प्रति व्यक्ति

विदेशी पर्यटकों के लिए : 30 रूपये प्रति व्यक्ति

जबकि आपको कैमरा के लिए : 25 और वीडियो कैमरा के लिए : 50 रूपये की टिकट अलग से लेनी होगी।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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