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धरती पर चांद की याद दिलाएगी लेह लद्दाख की ये खूबसूरत जगह, प्राकृतिक सुंदरता कर देगी हैरान

Moonland Of Ladakh: लेह लद्दाख धरती की एक बहुत ही खूबसूरत जगह है। आज हम आपके यहां के मूनलैंड से परिचित करवाते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 19 April 2024 8:00 AM GMT (Updated on: 19 April 2024 8:00 AM GMT)
Moonland Of Ladakh
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Moonland Of Ladakh (Photos - Social Media)

Moonland Of Ladakh : लेह लद्दाख के कैसी जगह है जो एडवेंचर की शौकीनों के लिए सबसे ज्यादा खासहै। अक्सर ऐसे लोग यहां पर पहुंचते हैं जिन एडवेंचर करने का शौक होता है जो कि उन्हें यहां ऊंचे ऊंचे पहाड़ों पर ट्रैकिंग, हाइकिंग और स्केइंग और बाइकिंग करने का मौका मिलता है। लेह लद्दाख में अपने अब तक कहीं जगह के बारे में सुना होगा और बहुत से लोगों ने यहां की सैर भी की होगी। पैंगोंग झील, मैग्नेटिक हिल, लेह पैलेस और चादर ट्रैक जय श्री शानदार जगह मौजूद है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी यहां पर एक छोटा सा मूनलैंड भी मौजूद है, जो लेह से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह बिल्कुल चांद की तरह दिखाई देता है।

चांद की याद दिलाएगा लामायुरु गांव

लेह से 120 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद इस गांव को मूनलैंड के नाम से पहचाना जाता है। इस जगह के बारे में जो वैज्ञानिक जानकारी मिलती है। उसके मुताबिक इस जगह पर ना तो पेड़ पौधे हैं और हवा और दबाव है। यही कारण है कि इस मून लैंड कहा जाता है।

Moonland Of Ladakh


पहले थी झील

इस बिल्कुल वीरान पड़ी जगह के बारे में बताया जाता है कि 30 से 40 हजार साल पहले लामायुरु में बहुत बड़ी झील हुआ करती थी। धीरे धीरे पानी सूखता चला गया और चिकनी मिट्टी इकट्ठा होती चली गई। अब यहां पर मिट्टी कुछ ऐसी दिखाई देती है जो चांद और मंगल ग्रह की तरह लगती है। यह लेह लद्दाख की सबसे मशहूर मॉनेस्ट्रीज में से एक है।

वैज्ञानिकों के लिए जन्नत

यह जगह बिल्कुल चांद और मंगल की तरह दिखाई देती है इसलिए यह वैज्ञानिकों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है की सेटेलाइट पर जो डाटा मिले हैं उनका अध्ययन करने के लिए धरती पर मौजूद इस तरह की जगह को समझना बहुत जरूरी है। साइंटिस्ट हो या टूरिस्ट इस मॉनेस्ट्री पर वह जरूर पहुंचते हैं। यह लोगों को अक्सर ही अपनी और आकर्षित करती है।

Moonland Of Ladakh


कैसे पहुंचे

लामायुरू लेह से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर है। लेह और कारगिल दोनों जगहों से सुबह 10 और दोपहर 12 बजे के करीब बस चलती है, जिससे आप पहाड़ों पर 5 बिल्डिंग में बनी हुई इस मोनेस्ट्री पर पहुंच सकते हैं। इस खूबसूरत प्राकृतिक जगह को देखने के लिए हर साल कई सारे देशी विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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