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UP Politics : स्वतंत्रदेव सिंह को मुलायम के आवास भेजकर BJP ने चला बड़ा सियासी दांव, जानिए इसके पीछे की कहानी

यूपी भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की आज हुई मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे में तरह तरह की चर्चाएं होना शुरू हो गयी हैं।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 30 Aug 2021 2:47 PM GMT (Updated on: 31 Aug 2021 11:39 AM GMT)
BJP President Swatantradev Singh
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भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से की मुलाकात (फोटो- सोशल मीडिया)

UP Politics : उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की आज हुई मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे में तरह तरह की चर्चाएं होना शुरू हो गयी हैं। कहने को तो यह शिष्टाचार भेंट थी और कहा यह गया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह मुलायम सिंह यादव को कल गोमतीनगर में भाजपा के कद्दावर नेता रहे स्व कल्याण सिंह की शोकसभा के लिए आमंत्रित करने गए थें। पर जिस तरह से मीडिया को बुलाकर फोटो खिंचवाई गई, उसके पीछे भाजपा का कोई सियासी दावं जरूर छिपा होगा। क्योंकि बिना केन्द्रीय हाईकमान के इशारे पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह इनता बड़ा कदम नहीं उठा सकते हैं।

दरअसल पिछले दिनों कल्याण सिंह के निधन पर न तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव उनको श्रृद्वाजंलि देने उनके आवास पहुंचे और न ही मुलायम सिंह यादव। जिसे लेकर सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी की जमकर आलोचना हुई।

भाजपा ने चला बड़ा दांव

बीजेपी (फोटो- सोशल मीडिया)

अब जबकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और पिछड़ों के वोट हासिल करने के लिए भाजपा कई रणनीति बना रही है, ऐसे में मुलायम सिंह यादव को इस शोकसभा में आमंत्रित करना इन्ही सबका हिस्सा माना जा रहा है। मुलायम सिंह यादव शुरू से ही पिछड़ों के बडे़ नेता रहे है। ऐसे में एक संदेश देने के लिए भाजपा ने यह दांव चला है।

पार्टी चाहती तो किसी अन्य भाजपा नेता को भी मुलायम सिंह यादव के आवास भेज सकती थी पर स्वतंत्रदेव सिंह पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए विशेष तौर से उन्ही को भेजा गया।

दरअसल उत्तर प्रदेश में जाति राजनीति के तहत पिछडे वर्ग का एक बड़ा वोट बैंक है और जिस पर कई वर्षों तक सपा और बसपा का एकाधिकार रहा है । परंतु 2014 में मोदी के आने के बाद से पिछडा वोट बैंक भाजपा की तरफ आकर्षित हुआ है । भाजपा चाहती है कि इस बड़े वोट बैंक को सपा और बसपा से छीन कर अपने पाले में कर लिया जाए । यहां पर यह भी बताना जरूरी है कि प्रदेश में लगभग 100 सीटें ऐसी हैं । जहां पर पिछड़ों का अच्छा खासा प्रभाव है ।

उधर मोदी सरकार ने भी 11 अगस्त को संसद में ओबीसी संशोधन बिल पास कर इस वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने काम किया है ।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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