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BSP से इस्तीफे के बाद रितेश पांडेय BJP में शामिल, UP के इस जिले से लड़ने की तैयारी

MP Ritesh Pandey: पिता राकेश पांडेय समाजवादी पार्टी के विधायक हैं और ऐसे में राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा को उनके वोट का बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 25 Feb 2024 8:08 AM GMT (Updated on: 25 Feb 2024 8:38 AM GMT)
MP Ritesh Pandey
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MP Ritesh Pandey (Photo: Social Media)

UP Politics: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले भाजपा उत्तर प्रदेश में अपने सियासी समीकरण दुरुस्त बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। इसी कड़ी में भाजपा ने आज बसपा को करारा झटका दिया है। बसपा के टिकट पर अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले रितेश पांडेय ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। रितेश पांडेय ने आज ही बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था और फिर इसके बाद उन्होंने भाजपा कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।

जानकार सूत्रों का कहना है कि अब भाजपा की ओर से रितेश पांडेय को अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से चुनावी अखाड़े में उतारने की तैयारी है। अंबेडकर नगर लोकसभा क्षेत्र पर रितेश पांडेय की मजबूत पकड़ मानी जाती है और ऐसे में भाजपा को उनके शामिल होने से बड़ा सियासी फायदा मिलने की उम्मीद है। उनके पिता राकेश पांडेय समाजवादी पार्टी के विधायक हैं और ऐसे में राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा को उनके वोट का बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

हाल में किया था पीएम मोदी के साथ लंच

अंबेडकर नगर से बसपा सांसद रितेश पांडेय काफी दिनों से अपनी पार्टी से नाराज चल रहे थे। वे उन नौ सांसदों में शामिल थे जिन्होंने संसद के बजट सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लंच किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इन सांसदों के साथ अपने अनुभव साझा करने के साथ उनके अनुभवों के बारे में भी जानकारी हासिल की थी। इधर कुछ दिनों से रितेश पांडे के बसपा से इस्तीफा देने की अटकलें लगाई जा रही थीं और आज ये अटकलें सही साबित हुईं।

इस्तीफे के बाद भाजपा में हुए शामिल

उन्होंने बसपा से इस्तीफा देने के बाद आज ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी बैजयंत पांडा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और राज्य के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी मौजूद थे।

भाजपा नेताओं ने रितेश पांडेय का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। जानकारों का कहना है कि अब पार्टी की ओर से उन्हें अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारे जाने की संभावना है।

मायावती को पत्र में जताई नाराजगी

इसफे पूर्व रितेश पांडेय ने बसपा की मुखिया मायावती को पत्र लिखते हुए पार्टी से अपने इस्तीफे का ऐलान किया। अपने पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि लंबे समय से न तो उन्हें पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा था और न ही उनसे किसी तरह का संवाद किया जा रहा था। इतना ही नहीं, पार्टी के पदाधिकारियों से मिलने के अनगिनत प्रयासों में भी उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही थी। उन्होंने कहा कि इस अंतराल में मैं अपने क्षेत्र में एवं अन्यत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से निरंतर मिलता-जुलता रहा तथा क्षेत्र के कार्यों में जुटा रहा।

पत्र में उन्होंने कहा कि पार्टी में मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया जाता रहा है जिससे लगता है कि पार्टी को मेरी सेवाओं की जरूरत नहीं है। ऐसे में इस्तीफा देने के सिवा मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। उन्होंने मार्गदर्शन और राजनीति में मौके देने के लिए मायावती के प्रति आभार भी जताया।

रितेश से क्यों नाराज थीं मायावती

रितेश पांडेय के पिता और पूर्व सांसद राकेश पांडेय ने पिछले विधानसभा चुनाव के समय बसपा की सदस्यता से इस्तीफा देकर सपा का दामन थाम लिया था। बाद में सपा ने उन्हें जलालपुर सीट से चुनावी अखाड़े में उतारा था जिसमें राकेश पांडेय को जीत हासिल हुई थी। जानकार सूत्रों का कहना है कि बसपा मुखिया मायावती इस घटनाक्रम को लेकर रितेश पांडेय से नाराज चल रही थीं और उन्हें संसदीय दल के नेता पद से भी हटा दिया था।

इसके बाद रितेश पांडेय की पार्टी के कार्यक्रमों से भी दूरी बन गई थी जिसे लेकर वे पार्टी मुखिया मायावती से नाराज थे। अब राज्यसभा चुनाव के दौरान उनके पिता राकेश पांडेय का वोट भी भाजपा को हासिल हो सकता है। राज्यसभा चुनाव में भाजपा की ओर से आठवां उम्मीदवार उतारे जाने के बाद सपा और भाजपा में इन दोनों जबर्दस्त जोड़-तोड़ की स्थिति दिख रही है।

रितेश के इस्तीफे पर मायावती की प्रतिक्रिया

रितेश पांडेय के पार्टी छोड़ने के फैसले पर बसपा मुखिया मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। एक्स पर अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वयं जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है?

ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव है। खासकर तब जब वे स्वयं अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं। यह सबकुछ जानने के बावजूद मीडिया की ओर से इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During her career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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